Is It Safe To Eat Corn During Pregnancy: कॉर्न खाना काफी लोगों को पसंद आता है और कई स्वास्थ्य गुण भी हैं। इसलिए अक्सर लोग इसे अपनी डाइट में शामिल करते हैं। ऐसे में यह सवाल उठना लाजिमी है कि क्या गर्भवती महिलाएं भी कॉर्न खा सकती हैं? कहीं इसके किसी तरह के नकारात्मक प्रभाव तो उन पर नहीं पड़ते? विशेषज्ञों की मानें, तो इसे बेझिझक प्रेग्नेंट महिलाएं खा सकती हैं। इसमें कोई बुराई नहीं है। लेकिन कॉर्न को अच्छी तरह पकाया जाना चाहिए। इसके साथ ही, संतुलित आहार के हिस्से के रूप में कम मात्रा में इसका सेवन किया जाना चाहिए। प्रेग्नेंसी में कॉर्न खाना कितना सुरक्षित है और इसे खाना कितनी मात्रा में और किस रूप में खाया जाना चाहिए, इस संबंध में हमने डाइट एन क्योर क्लीनिक की डाइटीशियन और न्यूट्रिशनिस्ट दिव्या गांधी से विस्तार से बात की। प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए मौजूद है, महत्वपूर्ण जानकारी।
कितनी मात्रा में कॉर्न खाना सुरक्षित है
कॉर्न, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, विटामिन और खनिज जैसे फोलेट का एक अच्छा स्रोत है, जो भ्रूण के विकास के लिए महत्वपूर्ण है। हालांकि, कॉर्न में मायकोटॉक्सिन नामक कुछ प्राकृतिक टॉक्सिंस भी होते हैं। अगर कोई प्रेग्नेंट महिला इस टॉक्सिन को ज्यादा मात्रा में सेवन करती है, इससे उसके स्वास्थ्य को नुकसान हो सकता है। ऐसे में गर्भवती महिलाओं को चाहिए कि वे फ्रेश कॉर्न चुनें और खाने से पहले अच्छी तरह कॉर्न को पका ले। इसके अलावा, जिन महिलाओं को कॉर्न से एलर्जी है या जिनकी पाचन क्षमता कमजोर है, उन्हें भी इसका सेवन नहीं करना चाहिए। इन सब समस्याओं के बावजूद, अगर किसी महिला को कॉर्न्स खाने हैं, तो वे एक बार इस संबंध में एक्सपर्ट से बात कर सकती है।
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गर्भावस्था के दौरान कॉर्न खाने के फायदे
जैसा कि पहले ही जिक्र किया गाय है कि कॉर्न में कई पाेषक तत्व मौजूद हैं। इसलिए अगर गर्भवती महिलाएं इसका सेवन करती हैं, तो इसका सकारात्मक असर उनके और उनके गर्भ में पल रहे शिशु पर पड़ सकता है। आइए जानते हैं इसके फायदों के बारे में-
फोलेट से भरपूर (Rich in folate): कॉर्न, फोलेट का एक अच्छा स्रोत है। फोलेट विटामिन बी है, जो कि भ्रूण के विकास के लिए बहुत जरूरी तत्व है। खासकर गर्भावस्था के शुरुआती चरणों में, इसकी अहमियत की अनदेखी नहीं की जा सकती है। फोलेट मस्तिष्क और रीढ़ से संबंधित जन्म से होने वाली समस्याओं को रोकने में मदद कर सकता है, जैसे कि स्पाइना बिफिडा।
फाइबर का अच्छा स्रोत (Provides fiber): कॉर्न में फाइबर होता है, जो कब्ज को रोकने और नियमित पेट साफ रखने में मदद करता है। गर्भावस्था में कब्ज होना एक आम समस्या है। हार्मोनल समस्या की वजह से गर्भावस्था में महिलाओं को ऐसी समस्या बनी रहती है। ऐसी स्थिति से बचने के लिए गर्भवती महिलाएं फाइबर का सेवन कर सकती हैं।
एंटीऑक्सीडेंट होते हैं (Contains antioxidants): कॉर्न में कैरोटीनॉयड जैसे एंटीऑक्सिडेंट होते हैं, जो सेल्स को नुकसान होने से बचाती है। इसके साथ ही एंटीऑक्सीडेंट की वजह से पुरनी बीमारी होने के रिस्क कम हो जाते हैं।
कम फैट होता है (Low in fat): कॉर्न में वसा की मात्रा में काफी कम होती है । ऐसे में जो गर्भवती महिलाएं कॉर्न का सेवन करती हैं, उनके लिए एनर्जी का यह अच्छा स्रोत साबित होता है। अच्छी बात ये है कि कॉर्न खाने की वजह से कैलोरी भी नहीं बढ़ती।
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इन बातों का रखें ध्यान
गर्भावस्था के दौरान कॉर्न का सेवन करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए, जैसे-
विषाक्त पदार्थ (Pesticides and toxins): कॉर्न कीटनाशकों और अन्य पर्यावरणीय विषाक्त पदार्थों के संपर्क में आ सकता है, जो गर्भवती महिलाओं और गर्भ में पल रहे शिशु के लिए हानिकारक हो सकता है। जब भी संभव हो, हमेशा फ्रेश कॉर्न खाएं और खाने से पहले इसे अच्छी तरह से धाना और पकाना जरूरी है।
माइकोटॉक्सिन (Mycotoxins): जैसा कि पहले ही बताया गया है कि कॉर्न में मायकोटॉक्सिन हो सकते हैं, जो कि कुछ प्रकार के फंगस की वजह से पैदा होते हैं। मायकोटॉक्सिन का उच्च स्तर स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है, इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि फ्रेश कॉर्न का चयन किया जाए। साथ ही इसे स्टोर करने की जगह भी सही होनी चाहिए।
एलर्जी (Allergies and intolerances): कुछ लोगों को कॉर्न से एलर्जी हो सकती है या फिर इसे खाते ही पेट खराब हो सकता है। अगर कॉर्न खाने के बाद पित्ती (hives), सूजन, या सांस लेने में दिक्कत हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
कुल मिलाकर, कहने की बात यह है कि बैलेंस्ड डाइट के रूप में कॉर्न का सेवन आमतौर पर सुरक्षित होता है और गर्भावस्था के दौरान इसके सेवन से महत्वपूर्ण पोषक तत्व भी मिलते हैं। हालांकि, किसी भी चीज के सेवन से पहले उससे होने वाली समस्याओं के बारे में पता होना चाहिए और जागरूक रहना चाहिए ताकि भविष्य में किसी तरह के संकट का सामना न करना पड़े। अगर किसी वजह से गर्भावस्था के दौरान कोई प्रॉब्लम हो जाए, तो बिना देर किए डॉक्टर के पास जाना चाहिए।
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