Expert

प्रेग्नेंसी में जिमीकंद खाना सुरक्षित है या नहीं? जानें डॉक्टर की राय

प्रेग्नेंसी का समय हर महिला के लिए बेहद खास होता है और इस दौरान महिला के मन में रहन-सहन से लकर खाने-पीने को लेकर कई सवाल भी उठते हैं। यहां जानिए, क्या प्रेग्नेंसी में जिमीकंद खाना सुरक्षित होता है?
  • SHARE
  • FOLLOW
प्रेग्नेंसी में जिमीकंद खाना सुरक्षित है या नहीं? जानें डॉक्टर की राय


प्रेग्नेंसी का समय हर महिला के लिए बेहद खास और भावनात्मक होता है, इस दौरान महिला के शरीर में कई तरह के हार्मोनल बदलाव होते हैं, जो उसकी सेहत, मेंटल हेल्थ और पाचन तंत्र को भी प्रभावित करते हैं। ऐसे में मां के खानपान का सीधा असर गर्भ में पल रहे बच्चे पर भी पड़ता है। यही वजह है कि प्रेग्नेंसी में महिला को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं, इसे लेकर अक्सर दुविधा बनी रहती है। इन्हीं में से एक सवाल अक्सर महिलाओं के मन में आता है कि क्या प्रेग्नेंसी में जिमीकंद (Elephant Foot Yam) खाना सुरक्षित है? जिमीकंद एक ऐसी सब्जी है जो स्वाद के साथ-साथ पोषण से भी भरपूर होती है और आयुर्वेद में भी इसे कई तरह की समस्याओं के लिए उपयोगी माना गया है। इस लेख में हम जयपुर स्थित Angelcare-A Nutrition and Wellness Center की निदेशक, डाइटिशियन अर्चना जैन से जानेंगे कि प्रेग्नेंसी में जिमीकंद खाना सुरक्षित है या नहीं?

प्रेग्नेंसी में जिमीकंद खाना सुरक्षित है या नहीं? - Is Yam Safe During Pregnancy

डाइटिशियन अर्चना जैन के अनुसार, 'जिमीकंद एक पोषक तत्वों से भरपूर कंद है जो आयरन, पोटैशियम, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट का अच्छा सोर्स है। लेकिन गर्भवती महिलाओं को इसे संभलकर खाना चाहिए क्योंकि इसकी तासीर गर्म होती है। खासकर पहले ट्राइमेस्टर में इसे खाने से बचना बेहतर होता है।' डाइटिशियन अर्चना जैन बताती हैं कि दूसरी और तीसरी तिमाही में, यदि महिला को कोई एलर्जी, एसिडिटी या बवासीर की समस्या नहीं है तो जिमीकंद को सीमित मात्रा में, सही तरीके से पका कर खाया जा सकता है।

इसे भी पढ़ें: जिमीकंद की तासीर कैसी होती और किन लोगों को इसके सेवन से बचना चाहिए? आयुर्वेदाचार्य से जानें

जिमीकंद दिखने में मोटा, भूरे रंग का और थोड़ी खुरदरी सतह वाला होता है। इसका स्वाद कुछ-कुछ अरबी जैसा होता है लेकिन यह ज्यादा फाइबरयुक्त होता है।

प्रेग्नेंसी के दौरान कब खाएं और कब न खाएं?

1. पहली तिमाही

इस समय भ्रूण प्रारंभिक अवस्था में होता है और शरीर की गर्मी से संबंधित किसी भी चीज से बचना जरूरी होता है। जिमीकंद की गर्म तासीर होने के कारण पहले ट्राइमेस्टर में इसे खाने से बचना चाहिए।

इसे भी पढ़ें: वजन घटाने में फायदेमंद है जिमीकंद, इन तरीकों से करें डाइट में शामिल

2. दूसरी और तीसरी तिमाही

इस दौरान शरीर थोड़ा मजबूत हो जाता है। यदि महिला को कोई गैस, एलर्जी या पाइल्स जैसी समस्या नहीं है, तो सप्ताह में एक बार सही मात्रा में जिमीकंद खाया जा सकता है।

Is Yam Safe During Pregnancy

जिमीकंद खाने का सही तरीका - what's the best way to cook yam

डायटिशियन अर्चना जैन बताती हैं कि जिमीकंद को सीधे न खाएं, बल्कि इसे अच्छे से उबालकर और पका कर ही खाएं।

  • अदरक और हींग के साथ पकाएं- गैस बनने से रोकता है
  • नींबू या दही के साथ खाएं- इसकी गर्म तासीर को संतुलित करता है
  • छोटे हिस्से में खाएं - शरीर के रिएक्शन पर ध्यान दें
  • रात के खाने में न लें - इसे दिन के समय खाना बेहतर होता है

अगर जिमीकंद कच्चा या अधपका खाया जाए, तो इसमें मौजूद कैल्शियम ऑक्सालेट क्रिस्टल गले में जलन और खुजली पैदा कर सकते हैं। इसके अलावा अधिक मात्रा में खाने से डायरिया, गैस, उलटी जैसी दिक्कतें हो सकती हैं। इसलिए डाइटिशियन की सबसे अहम सलाह यही है कि कम खाएं, सही तरीके से खाएं और शरीर के रिएक्शन को समझें।

निष्कर्ष

जिमीकंद एक पौष्टिक सब्जी है, जो अगर सही मात्रा और विधि से खाई जाए तो प्रेग्नेंट महिला को फायदा पहुंचा सकती है। लेकिन इसकी गर्म तासीर और एलर्जिक प्रकृति को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। डायटिशियन अर्चना जैन का स्पष्ट सुझाव है कि जिमीकंद को दूसरी या तीसरी तिमाही में ही खाएं, वह भी तब जब शरीर इसे सहजता से पचा सके और कोई एलर्जी या गैस की समस्या न हो। प्रेग्नेंसी के दौरान किसी भी नई चीज को डाइट में शामिल करने से पहले अपने डॉक्टर या डायटिशियन से सलाह अवश्य लें।

All Images Credit- Freepik

FAQ

  • प्रेग्नेंसी के फर्स्ट मंथ में क्या नहीं खाना चाहिए?

    प्रेग्नेंसी के पहले महीने में भ्रूण का विकास प्रारंभिक अवस्था में होता है, इसलिए इस समय खानपान में विशेष सतर्कता जरूरी होती है। इस दौरान कच्चा पपीता, अनानास, कैफीन युक्त ड्रिंक्स, अधपका या कच्चा मांस, कच्चा अंडा, सी फूड और मसालेदार या तली-भुनी चीजें नहीं खानी चाहिए। इसके अलावा, अल्कोहल और स्मोकिंग बिलकुल नहीं करनी चाहिए। हमेशा संतुलित, पौष्टिक और डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही भोजन करना चाहिए।
  • प्रेग्नेंसी के फर्स्ट मंथ में क्या खाएं?

    प्रेग्नेंसी के पहले महीने में संतुलित और पौष्टिक डाइट लेना बेहद जरूरी होता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि इसी समय भ्रूण का मूल विकास शुरू होता है। इस दौरान फोलिक एसिड से भरपूर चीजें जैसे हरी पत्तेदार सब्जियां, दालें, अंकुरित अनाज और फलियां जरूर खानी चाहिए। दूध, दही, पनीर जैसे कैल्शियम युक्त फूड्स, आयरन युक्त फल जैसे अनार, चुकंदर और विटामिन C वाले फल जैसे संतरा, आंवला भी फायदेमंद होते हैं। सूखे मेवे, नारियल पानी और पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए।
  • प्रेग्नेंट महिला को सुबह नाश्ते में क्या खाना चाहिए?

    प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए सुबह का नाश्ता दिन की सबसे अहम शुरुआत होती है। इस समय पोषक तत्वों से भरपूर और हल्का भोजन लेना चाहिए। नाश्ते में दूध या दही, फल जैसे केला, सेब, सूखे मेवे, अंकुरित अनाज, उपमा, पोहा, ओट्स या दलिया जैसे फाइबर युक्त विकल्प शामिल करें। अंडा, मूंग दाल चिल्ला या पनीर टोस्ट भी प्रोटीन के अच्छे सोर्स हैं। सुबह का नाश्ता संतुलित, ताजगी भरा और एनर्जी देने वाला होना चाहिए ताकि पूरे दिन शरीर एक्टिव रहे।

 

 

 

Read Next

क्या जामुन खाने से कब्ज होती है? जानें एक्सपर्ट से

Disclaimer