
भेंगापन (Strabismus) एक ऐसी स्थिति है, जिसमें पीड़ित व्यक्ति की एक आंख या दोनों आंखों में समस्या होती है। इस समस्या में दोनों आंखें एक ही समय पर एक ही दिशा में नहीं देख पाती हैं। नॉर्मल आंखें एक साथ मिलकर किसी चीज पर फोकस करती हैं, लेकिन भेंगापन होने पर एक आंख सीधी देखती है, जबकि दूसरी आंख अंदर, बाहर, ऊपर या नीचे की ओर मुड़ जाती है। यह समस्या कुछ लोगों में जन्म से हो सकती है या फिर बाद में भी हो सकती है। कई लोगों के मन में अक्सर ये सवाल होता है कि भेंगापन का कोई इलाज है या नहीं। ऐसे में आइए इस लेख में हम फरीदाबाद के यथार्थ सुपर स्पेशलिटी अस्पताल की कंसल्टेंट- ऑप्थल्मोलॉजी, डॉ. राशि जैन (Dr. Rashi Jain,Consultant- Ophthalmology, Yatharth Super Speciality Hospital, Faridabad) से जानते हैं कि क्या भेंगेपन का कोई इलाज है या नहीं?
इस पेज पर:-
क्या भेंगेपन का इलाज है?
डॉ. राशि जैन के अनुसार, स्ट्रबिस्मुस यानी भेंगापन आंखों का एक निश्चित चीज पर देखते समय अलाइनमेंट खराब होने से जुड़ी समस्या है। इसका इलाज कई तरह से संभव है, जिसमें सर्जरी और नॉन-सर्जरी दोनों प्रक्रिया शामिल है।
नॉन-सर्जिकल ट्रीटमेंट
नॉन सर्जिकल ट्रीटमेंट में बिना किसी सर्जरी के ही भेंगेपन का इलाज करने की कोशिश की जाती है, जैसे-
1. चश्मा
अगर भेंगापन का कारण रिफ्रैक्टिव एरर है तो सही नंबर का चश्मा पहनने से आंखों के संतुलन में सुधार हो सकता है। कई बच्चों में सिर्फ चश्मा पहनने से ही भेंगापन काफी हद तक या पूरी तरह ठीक हो सकता है, इसलिए आंखों की नियमित जांच जरूरी होती है।
इसे भी पढ़ें: कम उम्र के बच्चों की आंखों में दिखने वाले ये 6 लक्षण हो सकते हैं Amblyopia का संकेत, ऐसे करें पहचान
2. प्रिज्म
कुछ खास तरह के चश्मों में प्रिज्म लगाए जाते हैं। ये प्रिज्म रोशनी की दिशा को बदलकर दोनों आंखों को एक साथ काम करने में मदद मिलता है। इससे डबल विजन और आंखों के तनाव को कम करने में मदद मिलती है।
3. आंखों की एक्सरसाइज
कुछ मामलों में भेंगापन आंखों की मांसपेशियों की कमजोरी के कारण भी हो सकता है। ऐसे में खास तरह के आंखों की एक्सरसाइज की जा सकती हैं, जो मांसपेशियों को मजबूत बनाने और आंखों के समन्वय को बेहतर रखने में मदद मिलती है। यह तरीका खासकर आंखों में हल्के भेंगेपन की समस्या में ज्यादा प्रभावी माने जाते हैं।
4. पैचिंग
पैचिंग का इस्तेमाल खासकर एम्ब्लायोपिया के इलाज के लिए किया जाता है। इस प्रक्रिया में हेल्दी आंख को कुछ घंटों के लिए ढक दिया जाता है, जिससे कमजोर आंख को ज्यादा काम करना पड़ता है। ऐसा करने से धीरे-धीरे कमजोर आंख की देखने की क्षमता में सुधार हो सकता है। बच्चों में यह तरीका काफी ज्यादा सफल माना जाता है।

5. बोटॉक्स इंजेक्शन
आंखों की ज्यादा एक्टिव मांसपेशियों को अस्थायी रूप से कमजोर करने के लिए बोटॉक्स इंजेक्शन दिया जाता है। इससे आंखों का संतुलन बेहतर हो सकता है। यह तरीका कुछ मरीजों में उपयोगी हो सकता है और डॉक्टर की सलाह पर ही करना चाहिए।
सर्जिकल ट्रीटमेंट
अगर नॉन-सर्जिकल तरीकों से भेंगेपन की समस्या में सुधार नहीं होता है तो सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है। ऐसे में सर्जिकल ट्रीटमेंट के लिए आपके पाय ये ऑप्शन होते हैं-
1. मांसपेशी सर्जरी
इस सर्जरी में आंखों की उन मांसपेशियों को ठीक किया जा सकता है, जो भेंगेपन का कारण बन रही होती हैं। इस सर्जरी के दौरान कुछ मांसपेशियों को ढीला किया जाता है और कुछ को कसकर सही स्थिति में लाया जाता है, ताकि दोनों आंखें एक सीध में आ सकें।
इसे भी पढ़ें: क्या लगातार गैजेट्स देखने से बच्चों में हो सकती है मायोपिया की समस्या? जानें डॉक्टर से
2. एडजस्टेबल स्यूचर्स
भेंगेपन की ये सर्जरी वाली तकनीक आमतौर पर बड़ों में इस्तेमाल की जाती है। इसमें सर्जरी के बाद मांसपेशियों की स्थिति को थोड़ा बहुत एर्जेस्ट किया जा सकता है, जिससे आंखों का एलाइनमेंट ज्यादा बेहतर हो जाता है।
निष्कर्ष
भेंगापन एक ऐसी समस्या है, जिसका इलाज हो सकता है। भेंगेपन की समस्या दूर करने के लिए जरूरी है कि आप सही समय पर इस परेशानी के बारे में पता लगाएं और जितनी जल्दी संभव हो इस समस्या को ठीक करने के लिए डॉक्टर से कंसल्ट करें और इलाज शुरू करवाएं।
Image Credit: Freepik
यह विडियो भी देखें
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version
Dec 24, 2025 09:38 IST
Published By : Katyayani Tiwari