
Common Types Of Amblyopia In Hindi: आंखों से जुड़ी समस्या में व्यक्ति को दिखाई देने में समस्या का सामना करना पड़ता है। आंखों के रेटिना से जुड़े कई तरह के रोग होते हैं, जो देखने की क्षमता को प्रभावित करते हैं। विजन से जुड़ी समस्याओं में एम्ब्लियोपिया (amblyopia) को भी शामिल किया जाता है। यह रोग ज्यादातर बच्चों में देखने को मिलता है। इसे lazy eye के नाम से भी जाना जाता है। यह एक ऐसी आंखों की स्थिति है जिसमें एक आंख का विजन अन्य आंख की तुलना में कमजोर रह जाता है। लेकिन सही समय पर इलाज करने से इस समस्या को काफी हद तक कम किया जा सकता है। लेकिन, इलाज में देरी नेत्र के परमानेंट प्रभावित होने की वजह बन सकता है। इस लेख डॉ मनदीप सिंह बासु आयुर्वेदिक नेत्र विशेषज्ञ बासु आई केयर सेंटर से जानते हैं कि एम्ब्लियोपिया के कितने प्रकार होते हैं? इसके प्रकार के आधार पर व्यक्ति का इलाज किया जाता है।
एम्ब्लियोपिया क्या है?
एम्ब्लियोपिया तब होता है जब ब्रेन और एक आंख के बीच संचार (communication) ठीक से विकसित नहीं होता। इससे ब्रेन कमजोर आंख की बजाय स्वस्थ आंख पर निर्भर हो जाता है, जिससे कमजोर आंख की विजन पावर धीरे-धीरे कम होने लगती है।
एम्ब्लियोपिया के सामान्य प्रकार
स्ट्रैबिस्मिक एम्ब्लायोपिया (Strabismic Amblyopia)
इस प्रकार में बच्चे की आंख एक जगह पर फोकस नहीं हो पाती है। एक आंख किसी चीज पर फोकस होती है, जबकि दूसरी अन्य जगह पर होती है, जैसे की ऊपर या नीचे आदि। इस स्थिति में डबल विजन (double vision) से बचने के लिए कमजोर आंख को बंद कर दिया जाता है। इससे उस आंख की विजन पावर भी कमजोर होने लगती है। इस स्थिति में सर्जरी या लेंस लगाया जा सकता है। कुछ मामलों में डॉक्टर कॉनटैक्ट लैंस या चश्मा भी लगाने की सलाह दे सकते हैं। कई बार डॉक्टर स्वस्थ आंख पर पैच लगाकर उसके विजन में सुधार करते हैं।
रेफ्रैक्टिव एम्ब्लायोपिया (Refractive Amblyopia or Anisometropic amblyopia)
जब मरीज की दोनों ही आंखों में बड़ा अंतर आ जाता है, तो यह स्थिति उत्पन्न होती है। इसमें मायोपिया (Myopia), हायपरोपिया (Hyperopia) और ऐस्टिग्मैटिज्म (Astigmatism) को शामिल किया जाता है। यह विजन से जुड़ी अन्य स्थितियां हैं। इसमें ब्रेन कमजोर आंख से मिलने वाली धुंधली छवि को अनदेखा करता है। इसके लिए डॉक्टर विजन थेरेपी का सहारा लेते हैं।
डिप्राइवेशन एम्ब्लायोपिया (Deprivation Amblyopia)
जब किसी बच्चे को जन्म से आंखों में कोई शारीरिक समस्या जैसे की जन्म से मोतियाबिंद (Congenital Cataract) या पलक का झुकाव (Ptosis), दृष्टि को बाधित करता है। इसमें कमजोर आंख से ब्रेन को इमेज नहीं मिल पाता है। इसमें डॉक्टर सर्जरी या कमजोर आंख के विजन को दोबारा ठीक करने के लिए थेरेपी की सलाह दे सकते हैं।
इसे भी पढ़ें: आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए फॉलो करें ये 6 टिप्स, मिलेगा फायदा
Common Types Of Amblyopia In Hindi: आंखों से जुड़ी समस्या को अनदेखा नहीं करना चाहिए। बच्चे की आंखों से जुड़ी समस्या होने पर आप तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। सही समय पर इलाज लेने से आप बच्चे की आंखों के विजन को दोबारा से ठीक कर सकते हैं। वहीं, आंखों से जुड़ी समस्या में स्क्रीन टाइम को कम करें। साथ ही, नियमित रूप से आंखों की एक्सरसाइज करें।
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version