
Breathing issues during winter: सर्दियां आने के साथ लोगों को सांस से जुड़ी समस्याएं परेशान करती हैं। हर कोई सर्दी-जुकाम और तरह-तरह की समस्याओं को महसूस करता है। इसके अलावा ब्रोंकाइटिस, निमोनिया और अस्थमा के मरीजों को ये बीमारी अक्सर ट्रिगर कर जाती है लेकिन सवाल ये है कि इस मौसम में ये तमाम दिक्कतें क्यों होती हैं? सर्दियां सांस से जुड़ी समस्याओं को ट्रिगर करती हैं और फेफड़ों से जुड़ी समस्याओं का कारण बनती हैं जिसकी एक बड़ी वजह है ठंडी और शुष्क हवा। इसके अलावा भी इस मौसम में कई कारणों से सेहत बिगड़ सकती है, जानते हैं इस बारे में Dr. Sunil Kumar K, Lead Consultant - Interventional Pulmonology, Aster CMI Hospital, Bangalore से।
क्या सर्दी में सांस लेने में तकलीफ होना नॉर्मल है-Is it normal to have breathing issues?
Dr. Sunil Kumar K बताते हैं कि हां, सर्दियों में सांस लेने में तकलीफ होना आम बात है। ठंडी हवा वायुमार्गों में जलन पैदा कर सकती है, जिससे सांस लेना मुश्किल हो जाता है, खासकर अस्थमा, एलर्जी या फेफड़ों की अन्य बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए। सर्दियों की शुष्क हवा गले और नाक के मार्ग को भी सुखा सकती है, जिससे खांसी, नाक बंद होना या सीने में जकड़न महसूस हो सकती है। कुछ लोगों को बहुत ठंडी हवा में सांस लेने में तकलीफ या घरघराहट की समस्या हो सकती है। इतना ही नहीं, प्रदूषण और धुआं सर्दियों में सांस लेने की समस्याओं को और भी बदतर बना सकते हैं।
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सर्दी में सांस लेने में तकलीफ क्यों होती है-Why does breathing become difficult in winter?
डॉ. सुनील बताते हैं कि सर्दियों में सांस लेने की समस्याओं के सामान्य कारणों में ठंडा मौसम, शुष्क हवा, सर्दी या फ्लू जैसे वायरल संक्रमण, धूल या फफूंदी से एलर्जी, और अस्थमा या क्रोनिक ब्रोंकाइटिस जैसी मौजूदा फेफड़ों की समस्याएं शामिल हैं। तापमान में अचानक बदलाव, जैसे गर्म कमरे से बाहर ठंडे कमरे में जाना, भी सांस लेने में तकलीफ पैदा कर सकता है। इसके अलावा ठंडी हवा वायुमार्गों को संकुचित और कड़ा कर सकती है, जिसे ब्रोंकोस्पाज्म कहा जाता है। इससे फेफड़े कड़े हो जाते हैं और सांस लेने में तकलीफ होती है। ये कंजेशन की भी वजह बनती है जिससे जिससे सांस लेना मुश्किल हो जाता है।
इसके अलावा सर्दीं में सांस लेने में तकलीफ होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं जैसे कि घर के अंदर ज्यादा समय बिताने से हीटिंग सिस्टम, धूल के कण और पालतू जानवरों की रूसी जैसे इनडोर प्रदूषकों के संपर्क में आने की संभावना बढ़ जाती है। सर्दी-जुकाम और फ्लू जैसे वायरल संक्रमण सर्दियों में ज्यादा आम हैं, जिससे नाक बंद हो जाती है और सूजन हो जाती है जिससे सांस लेना मुश्किल हो सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जिन्हें पहले से ही श्वसन संबंधी समस्याएं हैं। साथ ही सर्दियों में वाहनों के उत्सर्जन और हीटिंग जैसे स्रोतों से वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ सकता है, जिससे फेफड़ों की सेहत बिगड़ सकती है।
हालांकि, इसे नॉर्मल नहीं कर सकते क्योंकि सांस लेने में तकलीफ होने का मतलब है कि आपको फेफड़ों या दिल से जुड़ी दिक्कत हो रही है। इतना ही नहीं, शरीर में ऑक्सीजन का लेवल प्रभावित होने पर भी ये दिक्कत परेशान कर सकती है। ऐसी स्थिति में आपको डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
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सांस लेने में तकलीफ होने पर क्या करें?
डॉ. सुनील बताते हैं कि सर्दियों में सांस लेने की समस्याओं से निपटने के लिए, गर्म रहना और लंबे समय तक बहुत ठंडी हवा के संपर्क में आने से बचना जरूरी है। नाक और मुंह पर स्कार्फ या मास्क पहनने से हवा आपके फेफड़ों तक पहुंचने से पहले गर्म हो सकती है। हाइड्रेटेड रहने से वायुमार्ग नम रहते हैं।
घर में ह्यूमिडिफायर रखने से हवा में सूखापन कम हो सकता है। धूम्रपान और वायु प्रदूषण के संपर्क में आने से बचें। अस्थमा से पीड़ित लोगों को अपने डॉक्टर की सलाह माननी चाहिए और इनहेलर तैयार रखना चाहिए। अगर सांस लेने की समस्या गंभीर, लगातार हो, या सीने में दर्द, तेज बुखार या होंठों का नीला पड़ना हो, तो तुरंत चिकित्सा सहायता लेना जरूरी है। ये सावधानियां बरतने से सांस लेना आसान हो सकता है और सर्दियों से जुड़ी फेफड़ों की समस्याओं से बचाव में मदद मिल सकती है।
FAQ
ठंड में हड्डियों में दर्द क्यों होता है?
ठंड में हड्डियों का दर्द ज्यादा बढ़ जाता है। दरअसल, ठंडी हवा ब्लड सर्कुलेशन को धीमा कर देती है जिससे हड्डियों में अकड़न की समस्या बढ़ती है और इस वजह से ज्वाइंट पेन तेजी से बढ़ता है।मजबूत हड्डियों के लिए क्या पीना चाहिए?
मजबूत हड्डियों के लिए आपको दूध में ड्राई फ्रूट्स को मिलाकर पीना चाहिए जो कि शरीर को प्रोटीन प्रदान करने के साथ हड्डियों की बनावट को बेहतर बनाते हैं। इसके अलावा आपको विटामिन डी का सेवन करना चाहिए जो कि हड्डियों को हेल्दी रखने में मददगार है।हड्डियों में चिकनाई कैसे बढ़ाएं?
हड्डियों की चिकनाई यानी नमी को बढ़ाना हड्डियों को हेल्दी रखने और इनकी ताकत बढ़ाने में मददगार है। डाइट में कैल्शियम, विटामिन डी और ओमेगा-3 फैटी एसिड को शामिल करें जो कि हड्डियों को हेल्दी रखने के साथ इनके काम काज को बेहतर बनाने में मददगार है।
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Oct 23, 2025 13:09 IST
Published By : Pallavi Kumari