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क्या बार-बार ब्लड प्रेशर चेक करना सही नहीं है? जानें कारण

Is It Bad To Check Blood Pressure Too Often: बार-बार ब्लड प्रेशर चेक करना सही नहीं माना जाता है। लेकिन, ऐसा क्यों कहा जाता और बार-बार ब्लड प्रेशर चेक करने के क्या नुकसान है, जानें इस लेख में।
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क्या बार-बार ब्लड प्रेशर चेक करना सही नहीं है? जानें कारण


Is It Bad To Check Blood Pressure Too Much: ब्लड प्रेशर एक आम समस्या बन गया है। लेकिन, इसे साइलेंट किलर कहा जाता है। क्योंकि लोगों को पता नहीं चलता है, लेकिन जब कोई व्यक्ति लंबे समय से हाई या लो ब्लड प्रेशर से पीड़ित होता है, तो इसकी वजह से ब्लड वेसल्स डैमेज हो सकती हैं, जिसकी वजह से शरीर के कई फंक्शन सही तरह से काम नहीं करते हैं। यही कारण है कि जिन लोगों को ब्लड प्रेशर की दिक्कत है, उन्हें नियमित रूप से अपने ब्लड प्रेशर को मॉनिटर करने की सलाह दी जाती है। लेकिन, ऐसे लोगों की कमी नहीं है, जो रोजाना एक बार नहीं, बल्कि बार-बार चेक करते हैं। ऐसे में यह जान लेना जरूरी हो जाता है कि क्या वाकई बार-बार ब्लड प्रेशर चेक करना सही होता है या ऐसा किया जाना सही नहीं है? आइए, जानते हैं इस बारे में नोएडा सेक्टर 71 स्थित कैलाश अस्पताल में Sr. Consultant - Cardiology डॉ. अमित हांडा की क्या राय है। (Bar Bar BP Check Karne Se Kya Hota Hai)

बार-बार ब्लड प्रेशर चेक करना सही है या नहीं?- Is It Bad To Check Blood Pressure Too Many Times

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डॉ. अमित हांडा की मानें, नियमित रूप से ब्लड प्रेशर का स्तर चेक करना सही होता है। इससे व्यक्ति अपने हेल्थ की कंडीशन को मॉनिटर कर सकता है और जरूरत पड़ने पर समय रहते डॉक्टर के पास जा सकता है। अपना सही ट्रीटमेंट करवा सकता है। इसके बावजूद, यह सलाह नहीं दी जाती है कि एक ही दिन में कई बार ब्लड प्रेशर चेक किया जाए। यह सही नहीं है। इसको स्पष्ट करते हुए डॉक्टर बताते हैं, जब आप बार-बार ब्लड प्रेशर चेक करते हैं, तो इसकी रीडिंग बदल सकती है। बार-बार रीडिंग में बदलाव के कारण मरीज को एंग्जाइटी हो सकती है, जिसका नेगेटिव असर ओवर ऑल हेल्थ पर पड़ता है।

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बार-बार ब्लड प्रेशर चेक करने के नुकसान

रीडिंग का बदलनाः अगर आप बार-बार और कुछ-कुछ समय के अंतार में ब्लड प्रेशर चेक करते हैं, तो इसकी वजह से ब्लड प्रेशर की रेंज अलग-अलग आ सकती है। हर बार अलग-अलग रिजल्ट आने के कारण व्यक्ति अपनी हेल्थ को लेकर परेशान हो जाता है।

एंग्जाइटी का बढ़नाः बार-बार ब्लड प्रेशर रीड़िंग लेने की वजह से रिजल्ट बदल जाता है, जो लोगों में एंग्जाइटी और स्ट्रेस का कारण बन सकता है। डॉक्टर की मानें, तो स्ट्रेस बढ़ने की वजह से ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है।

ब्लड सर्कुलेशन पर असरः जब आप बार-बार ब्लड प्रेशर रीडिंग लेते हैं और हर अलग-अलग रिजल्ट आता है, तो ऐसे में तनाव होना लाजिमी है। लेकिन, तनाव बढ़ने के कारण ब्लड सर्कुलेशन पर बहुत बुरा असर पड़ने लगता है। हालांकि, ऐसा होना अस्थाई है, लेकिन हेल्थ के लिए सही नहीं माना जाता है।

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ब्लड प्रेशर रीडिंग लेने का सही तरीका

1. ब्लड प्रेशर रीडिंग लेने से पहले कुछ देर रिलैक्स करें।
2. बैठने की पोजिशन पर ध्यान दें। पैरों को क्रॉस न करें।
3. अपने हाथ को टेबल पर रिलैक्स पोजिशन पर रखें।
4. ब्लड प्रेशर मशीन के कफ को हाथ के ऊपरी हिस्से में लगएं।
5. मशीन ऑन करने से पहले कफ की टाइटनेस का ध्यान रखें।
6. मशीन में रीडिंग डिस्प्ले होने पर उसे बंद कर दें।

निष्कर्ष

ब्लड प्रेशर रीडिंग बार-बार लेना सही नहीं होता है। आपको एक दिन में कितनी बार ब्लड प्रेशर चेक करना है, इस बार में एक्सपर्ट की सलाह लें।डॉ. अमित हांडा की मानें, तो एक दिन में दो बार ब्लड प्रेशर की रीडिंग ली जा सकती है। एक बार सुबह नाश्ता और मेडिसिन लेने से पहले और दूसरी बार शाम के समय। इस तरह, आपको ब्लड प्रेशर की सटीक रीडिंग का पता चलेगा और यह समझ सकेंगे कि अपनी हेल्थ के लिए आपको चिंतित होना या नहीं।

All Image Credit: Freepik

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