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क्या पथरी में बालम खीरा खा सकते हैं? बता रहे हेल्थ एक्सपर्ट

Is Balam Kheera safe for Kidney Stone: बालम खीरा का सेवन कई बीमारियों में सुरक्षित माना जाता है, लेकिन क्या किडनी स्टोन की बीमारी में इसका सेवन सुरक्षित है?
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क्या पथरी में बालम खीरा खा सकते हैं? बता रहे हेल्थ एक्सपर्ट


Is Balam Kheera safe for Kidney Stone: पथरी, जिसे आयुर्वेद में "अश्मरी" कहा जाता है, इन दिनों एक आम बीमारी है। पथरी (Kidney Stone) के कारण तेज दर्द, पेशाब में जलन, खून आना और मतली जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं। पथरी की बीमारी में अक्सर लोग विभिन्न प्रकार के पेनकिलर्स, सूजनरोधी दवाओं का सेवन करते हैं। लेकिन इस तरह की दवाएं लंबे समय में साइड इफेक्ट्स भी दिखाती हैं। भारत जैसे कई देशों में आज भी पथरी का इलाज किसी ऑपरेशन या दवा के जरिए नहीं, बल्कि आयुर्वेदिक चिकित्सा प्रणाली से किया जाता है।

आयुर्वेद में विभिन्न औषधीय पौधों, फलों और सब्जियों का जिक्र है, जो पथरी (Ayurvedic Treatment of Kidney Stone) की समस्या को कम करते हैं और दोबारा पथरी को बनने से रोकते हैं। पथरी की समस्या को कम करने में बालम खीरा बहुत फायदेमंद होता है। इस लेख में हम आपको बताने जा रहे हैं बालम खीरा पथरी को कैसे कम करता है।

बालम खीरा क्या है?

दिल्ली की अंजना कालिया डाइट क्लीनिक की आयुर्वेदिक डॉक्टर और न्यूट्रिशनिस्ट डॉ. अंजना कालिया (Dr. Anjana Kalia, Ayurvedic Doctor and Nutritionist, Anjana Kalia‘s Diet Clinic, Delhi) के अनुसार, बालम खीरा को आयुर्वेद में "कुण्डुरु", "कुण्डुरू", "बिम्बी" या "तोण्डा" के नामों से जाना जाता है। यह एक लता वाली सब्जी है। बालम खीरा का स्वाद थोड़ा सा मीठा और तिक्त (कड़वा) होता है।

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क्या पथरी में बालम खीरा खा सकते हैं- Is Balam Kheera safe for Kidney Stone

आयुर्वेदिक डॉ. अंजना कालिया का कहना है कि आयुर्वेद में बालम खीरा को लघु (पचने में हल्का), रुक्ष (सूखा), और शीतवीर्य (ठंडा प्रभाव देने वाला) कहा गया है। ये मुख्य रूप से वात और पित्त को संतुलित करता है, लेकिन कफ को थोड़ा सा बढ़ा सकता है। बालम खीरा में मूत्रवह गुण होते हैं, जो पथरी की समस्या से राहत दिलाने में मददगार होते हैं।

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पथरी में कैसे फायदेमंद है बालम खीरा- How is Balam Kheera beneficial in kidney stone

1. पीएच को करती है संतुलित

बालम खीरा का सेवन करने करने से शरीर में यूरिक एसिड, कैल्शियम ऑक्सालेट कैल्शियम फॉस्फेट जैसे यौगिकों से बनते हैं। ये शरीर के पीएच को संतुलित करती है। इससे पथरी बनाने की संभावना कम हो जाती है। जिन लोगों को पहले पथरी होती है, बालम खीरा उसे गलाने में सहायक होता है।

2. मूत्र को क्षारीय बनाने में सहायक

बालम खीरा मूत्र को क्षारीय बनाने में सहायक होता है, जिससे यूरिक एसिड की पथरी बनने की संभावना कम होती है। जो पथरी की समस्या को कम करता है।

3. विषाक्त पदार्थों को निकाले बाहर

बालम खीरा में मूत्रवर्धक गुण पाए जाते हैं। इसका सेवन करने से शरीर से पर्याप्त मात्रा में विषाक्त पदार्थ बाहर निकलते हैं। बालम खीरा का सेवन करने से पथरी के कणों को प्राकृतिक रूप से मूत्रमार्ग से बाहर निकालने में सहायक होता है।

4. सूजन और जलन को करे शांत

किडनी में स्टोन होने पर शरीर में सूजन और जलन जैसी परेशानी देखी जाती है। आयु्र्वेदाचार्य का कहना है कि बालम खीरा में फ्लेवोनॉइड्स और फाइटोकेमिकल्स जैसे तत्व पाए जाते हैं। जो शरीर की जलन और सूजन को शांत करते हैं। साथ ही, पेशाब की नली के ऊतकों को सुरक्षा देते हैं।

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5. डायबिटी को करें कंट्रोल

पथरी की समस्या से जूझ रहे कई लोगों में डायबिटीज भी पाया जाता है। आयुर्वेद के अनुसार, मधुमेह (प्रमेह) और अश्मरी का आपसी संबंध है, इसलिए प्रमेहहर (मधुमेह नाशक) आहार जैसे बालम खीरा पथरी को रोकने में मदद करता है। बालम खीरा खाने से नेचुरल ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद मिलती है।

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पथरी की समस्या में बालम खीरा कैसे खाएं- How to eat Balam Cucumber in stone problem-

- बालम खीरे को हल्के मसालों और कम तेल के साथ सब्जी की तरह पकाकर खाया जा सकता है।

- पथरी में बालम खीरा को रोजाना सुबह खाली पेट जूस बनाकर पिया जाता है, जिससे विषाक्त पदार्थ बाहर निकलते हैं।

- बालम खीरा के पत्तों का काढ़ा बनाकर पीने से मूत्रमार्ग की सूजन कम होती है।

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निष्कर्ष

आयुर्वेदाचार्य के साथ बातचीत के आधार पर हम ये कह सकते हैं कि बालम खीरा पथरी की समस्या में एक उपयोगी और सुरक्षित सब्जी है। लेकिन पथरी की समस्या में बालम खीरा का सेवन एक सीमित मात्रा में और डॉक्टर की देखरेख में ही करना चाहिए। ध्यान रहे कि बालम खीरा पथरी का इलाज नहीं, ये सिर्फ एक आयुर्वेदिक नुस्खा है। अगर आपको पथरी की समस्या है, तो इसका डॉक्टर से इलाज जरूर करवाएं।

FAQ

  • बालम खीरा कौन-कौन सी बीमारी में काम आता है?

    आयुर्वेद में बालम खीरा कई बीमारियों में काम आता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट और सूजनरोधी प्रभाव के गुण होते हैं, ये किडनी स्टोन (पथरी), डायबिटीज और कैंसर जैसी बीमारियों में काम आता है। आयुर्वेदाचार्य विभिन्न प्रकार की बीमारी में विभिन्न प्रकार से बालम खीरा खाने की सलाह देते हैं।
  • बालम खीरा का दूसरा नाम क्या है?

    देश के विभिन्न हिस्सों में बालम खीरा को कई अन्य नामों से बुलाया जाता है। कुछ लोग बालम खीरा को कुण्डुरु (Kunduru), तोण्डा / तोण्डिका, बिम्बी और दलमाखीरा के नाम से जाना जाता है। बालम खीरा का रंग, आकार सामान्य खीरा से थोड़ा बड़ा होता है। इसलिए विभिन्न क्षेत्रों के लोग बालम खीरा को विभिन्न नामों से जानते हैं।
  • बालम खीरा को कैसे खाया जाता है?

    बालम खीरा को कई प्रकार से खाया जाता है। कुछ लोग इसे कच्चे सलाह के तौर पर खाते हैं। कई जगहों पर बालम खीरा को तेल-मसाले में पकाकर सब्जी बनाई जाती है। पथरी की समस्या में बालम खीरे का जूस और काढ़ा बनाकर सेवन करने की सलाह दी जाती है। इसका स्वाद थोड़ा सा मीठा और कड़वा होता है, इसलिए लोग अपनी सुविधा के अनुसार, बालम खीरा को खाना पसंद करते हैं।

 

 

 

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