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क्या गर्भावस्था के दौरान अभ्यंग सुरक्षित है? डॉक्टर से जानें

अभ्यंग करने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है, लेकिन क्या प्रेग्नेंसी के दौरान भी अभ्यंग करना फायदेमंद होता है या नहीं? आइए विस्तार से जानते हैं- 
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क्या गर्भावस्था के दौरान अभ्यंग सुरक्षित है? डॉक्टर से जानें

प्रेग्नेंसी किसी भी महिला के लिए काफी सेंसिटिव समय होता है। इस दौरान महिलाओं के शरीर में कई तरह के मानसिक और शारीरिक बदलाव होते हैं। इस दौरान शरीर में भारीपन, पीठ दर्द, तनाव और थकान जैसी समस्याएं काफी आम हो जाता है। आयुर्वेद में अभ्यंग या तेल की मालिश को शरीर और मन दोनों को संतुलित रखने में अहम माना जाता है। अभ्यंग शरीर के दर्द को कम करने और तनाव को कम करने में काफी फायदेमंद माना जाता है। लेकिन, अक्सर महिलाएं इस बात को लेकर कंफ्यूज रहती हैं कि क्या प्रेग्नेंसी के दौरान भी अभ्यंग करना सुरक्षित होता है या नहीं? आइए हरियाणा के सिरसा में स्थित रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉ. श्रेय शर्मा से जानते हैं कि प्रेग्नेंसी के दौरान अभ्यंग करना सुरक्षित होता है या नहीं और किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?


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क्या गर्भावस्था में अभ्यंग सुरक्षित होता है?

आयुर्वेदिक डॉ. श्रेय शर्मा के अनुसार, आयुर्वेद में प्रेग्नेंसी के दौरान अभ्यंग यानी तेल से शरीर की मालिश को सुरक्षित माना जाता है। प्रेग्नेंसी में अभ्यंग करने से ब्लड फ्लो बेहतर होता है, मांसपेशियों में जकड़न कम होती है, एंग्जाइटी और तनाव कम होता है, नींद बेहतर होती है और स्किन की ड्राईनेस कम होती है। लेकिन प्रेग्नेंसी के दौरान अभ्यंग धीरे-धीरे और बिना ज्यादा दबाव के करना चाहिए।

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प्रेग्नेंसी में अभ्यंग करते समय इन बातों का रखें ध्यान

आयुर्वेदिक डॉ. श्रेय शर्मा के मुताबिक, प्रेग्नेंसी के दौरान अभ्यंग करते समय कुछ सावधानियां बरतनी बहुत जरूरी है, जिसमें शामिल हैं-

  • प्रेग्नेंसी के दौरान भारी या गहरे दबाव वाली मालिश से बचाना चाहिए। हल्के हाथों से धीरे-धीरे मालिश करें। ज्यादा प्रेशर न डालें। यह आमतौर पर शुरुआती महीनों और पेट के आसपास के हिस्सों के लिए जरूरी है।
  • प्रेग्नेंसी के दौरान अभ्यंग करते समय पेट के नीचे और नाभि के आसपास दबाव देने से बचना चाहिए। निचले पेट पर दबाव नहीं देना चाहिए, इससे गर्भ थैली को किसी भी तरह की उत्तेजना से बचाया जा सकता है। इस स्थान को पूरी तरह सुरक्षित रखना बहुत जरूरी है।  
  • अगर प्रेग्नेंसी हाई-रिस्क वाली हो जैसे- ब्लीडिंग, बार-बार दर्द, ट्वि प्रेग्नेंसी, पहले मिसकैरेज का इतिहास तो किसी भी तरह की मालिश करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना बहुत जरूरी है।
  • अभ्यंग करना तनाव हटाने और शरीर को पोषण देने के लिए जरूरी होता है न कि मांसपेशियों को बहुत ज्यादा दबाना। इसलिए, अभ्यंग करते समय हल्के हाथ और हल्के मोशन से करना चाहिए।

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प्रेग्नेंसी के दौरान अभ्यंग के फायदे

प्रेग्नेंसी में अभ्यंग करने से सेहत को कई तरह के फायदे मिल सकते हैं, जिसमें-

  • प्रेग्नेंसी के दौरान अभ्यंग करने से मानसिक तनाव को कम करने में मदद मिलती है, जिससे एंग्जाइटी को कम किया जा सकता है।
  • हल्की मालिश करने से नींद गहरी और बेहतर होती है, जो प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए बहुत जरूरी है।
  • प्रेग्नेंसी के दौरान पीठ, कमर, कंधों और पैरों में दर्द होना आम है। ऐसे में अभ्यंग करने से इन हिस्सों में तुरंत राहत मिलती है।
  • अभ्यंग करने से स्किन पर खिंचाव के निशानों को कम करने में मदद मिल सकती है।
  • अभ्यंग करने से शरीर में पोषक तत्वों का फ्लो बेहतर होता है, जिससे कई समस्याओं से राहत मिलती है।

निष्कर्ष

प्रेग्नेंसी में हल्की और सावधानी से किया गया अभ्यंग सुरक्षित और फायदेमंद माना जाता है। हालांकि, प्रेगनेंसी के दौरान मुलायम स्पर्श, हल्का गर्म तले और सही दिशा में धीमी मालिश करना जरूरी है। अगर आपको प्रेग्नेंसी के दौरान किसी तरह की स्वास्थ्य समस्या है तो अभ्यंग करने से पहले डॉक्टर से कंसल्ट करें।
Image Credit: Freepik 

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FAQ

  • अभ्यंग स्नान कैसे करें?

    अभ्यंग स्नान करने का सही तरीका है तेल को हाथ में लेकर पूरे शरीर पर धीरे-धीरे मालिश करें। अभ्यंग हमेशा सिर से शुरू होता है और फिर धीरे-धीरे बाकी अंगों में होता है।
  • अभ्यंग कब नहीं करना चाहिए?

    अभ्यंग उन स्थितियों में नहीं करना चाहिए, जब आपको बुखार, अपच, दस्त, खांसी या इंफेक्शन हो। भोजन करने के तुरंत बाद पीरियड, प्रेग्नेंसी या सर्जरी के बाद भी अभ्यंग नहीं करना चाहिए।
  • अभ्यंग के क्या लाभ हैं?

    अभ्यंग करने के कई फायदे होते हैं, जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते हैं। यह तनाव को कम करने, ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाने, मांसपेशियों और जोड़ों के दर्द से राहत दिलाने में मदद करते हैं।

 

 

 

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  • Current Version

  • Nov 16, 2025 17:19 IST

    Published By : Katyayani Tiwari

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