नींद की कमी से बढ़ सकता है ओवेरियन कैंसर का जोखिम, जानें क्या कहती है नई स्टडी

हाल ही में द लांसेट में प्रकाशित हुई एक स्टडी के मुताबिक देर से सोने या फिर नींद पूरी नहीं होने से महिलाओं में ओवेरियन कैंसर का जोखिम बढ़ता है। 
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नींद की कमी से बढ़ सकता है ओवेरियन कैंसर का जोखिम, जानें क्या कहती है नई स्टडी


Insomnia causes Ovarian Cancer: स्वस्थ रहने के लिए दिनभर में कम से कम 6 से 8 घंटे की नींद लेना सभी के लिए जरूरी होता है। आजकल खराब लाइफस्टाइल और अनियंत्रित जीवनशैली फॉलो करने से लोगों में नींद नहीं आने की समस्या भी तेजी से बढ़ रही है। इसका असर महिलाओं पर भी पड़ सकता है। हाल ही में द लांसेट में प्रकाशित हुई एक स्टडी के मुताबिक देर से सोने या फिर नींद पूरी नहीं होने से महिलाओं में ओवेरियन कैंसर का जोखिम बढ़ता है। नींद की कमी के कारण महिलाएं अंडाशय के कैंसर का शिकार हो सकती हैं। 

क्या कहती है स्टडी? 

स्टडी के शोधकर्ताओं की मानें तो नींद का सीधा संबंध इस कैंसर से होता है। नींद नहीं आने से ओवरी या फिर फैलोपियन ट्यूब की कोशिकाएं अपना आकार बदलने के साथ ही कई हिस्सों में बढ़ने लगती हैंं, जिससे इस गंभीर कैंसर का जोखिम बढ़ता है। यह दुनिया का आठवां सबसे खतरनाक कैंसर माना जाता है। अगर आप ओवेरियन कैंसर से पीड़ित हैं और नींद की कमी से जूझ रही हैं तो ऐसे में कैंसर की स्थिति गंभीर होने की आशंका बढ़ जाती है। ठीक से नींद नहीं आने पर रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने लगती है साथ ही साथ शरीर में सूजन भी आती है। लंबे समय तक ऐसा करने से कैंसर का जोखिम बढ़ जाता है। 

ओवेरियन कैंसर के लक्षण 

  • ओवेरियन कैंसर होने पर शरीर में कई तरह के लक्षण नजर आ सकते हैं। 
  • ऐसे में आपको यूरीन में असमानता देखने को मिल सकती है। 
  • यह कैंसर होने पर पेट से जुड़ी समस्य़ाएं जैसे अपच और गैस आदि हो सकती है। 
  • इस स्थिति में महिलाओं को कई बार मेनोपॉज के बाद ब्लीडिंग हो सकती है। 
  • ऐसे में आपको थकान महसूस होने के साथ ही पेल्विक एरिया में दर्द भी हो सकता है। 

अच्छी नींद लेने के लिए क्या करें? 

  • अच्छी नींद लेने के लिए आपको सबसे पहले अपना एक स्लीपिंग पैटर्न बनाना चाहिए। 
  • इसके लिए सोने से पहले कैफीन वाली चीजें लेने से बचें। 
  • आरामदायक बिस्तर पर लेटें, जिससे आपको अच्छी नींद आए। 
  • रात में सोने से पहले वॉकिंग या हल्की एक्सरसाइज करें। 
  • सोने से पहले मेडिटेशन करें और मोबाइल को बिस्तर से दूर रखें। 

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