आजकल की बिजी लाइफ में बहुत से लोगों के साथ नींद पूरी नहीं होने की समस्या है। इसे आमतौर पर लोग छोटी समस्या समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन यह आगे चलकर बड़ी समस्या का रूप ले सकती है। हाल ही में द जर्नल ऑफ अमेरिकन अकादमी ऑफ न्यूरोलॉजी में छपी एक स्टडी के मुताबिक 30 से 40 साल की उम्र में नींद पूरी नहीं होने से आगे चलकर मेंटल हेल्थ पर प्रभाव पड़ सकता है। आइये विस्तार से जानते हैं इस स्टडी के बारे में।
क्या कहती है स्टडी?
स्टडी के शोधकर्ताओं की मानें तो युवा या फिर मध्य अवस्था में अगर आप पर्याप्त मात्रा में नींद नहीं ले रहे हैं तो ऐसे में आगे चलकर मेमोरी पर प्रभाव पड़ सकता है। लंबे समय तक इसी आदत को बनाए रखने से उम्र बढ़ने पर आपकी याद्धाश्त कमजोर हो सकती है इसके साथ ही मेंटल हेल्थ से जुड़ी अन्य समस्याएं होने का जोखिम भी बढ़ने लगता है। ऐसे में धीरे-धीरे करके ब्रेन के सोचने-समझने की क्षमता पर भी असर पड़ सकता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो नींद की कमी शरीर को अन्य भी कई तरीकों से प्रभावित कर सकती है।
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526 लोगों पर की गई स्टडी
नींद को लेकर की गई इस स्टडी में कुल 526 लोगों को शामिल किया गया, जिनपर 11 सालों तक बेहद करीब से निगरानी की गई। इसमें से 239 लोग या फिर 46 प्रतिशत लोगों की सोने का समय और क्वालिटी खराब थी। वहीं, 175 लोग ऐसे थे, जिनकी नींद काफी कम पूरी हुई थी। स्टडी में देखा गया कि जिन लोगों की नींद पूरी नहीं हुई थी उन लोगों की तुलना में पर्याप्त मात्रा में नींद लेने वालों में मेमोरी प्रभावित होने का खतरा कम होता है।
कम नींद लेने के नुकसान
- रात को पूरी नींद नहीं लेने से शरीर पर कई तरीकों से प्रभाव पड़ सकता है।
- कम नींद लेने से कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ पर प्रभाव पड़ता है, इससे दिल की बीमारियां होने का जोखिम बढ़ता है।
- नींद की कमी ब्रेन को प्रभावित करती है, जिससे मेंटल हेल्थ से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं।
- इससे डायबिटीज होने के साथ ही साथ जल्दी बीमार होने का भी खतरा बढ़ता है।
- नींद की कमी त्वचा पर भी असर डालती है। इससे झुर्रियां और एक्ने आदि जैसी समस्याएं हो सकती हैं।