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इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज क्या है? जानें इसके कारण, लक्षण और बचाव के टिप्स

बार-बार पेट फूलने की परेशानी होने पर इसे अनदेखा न करें। क्योंकि यह परेशानी इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज का भी लक्षण हो सकता है।   
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इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज क्या है? जानें इसके कारण, लक्षण और बचाव के टिप्स


क्या आपका पेट बिना खाए फूल गया है? क्या आपको बार-बार बदहजमी और पेट में जलन की शिकायत हो रही है? अगर हां, तो यह इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज की ओर इशारा कर सकता है। जी हां, वैसे तो पेट फूलने के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन बार-बार पेट फूलना, बदहजमी, पेट में जलन जैसे लक्षण महसूस होना इंफ्लेमेटरी बाउड डिजीज हो सकता है। इसलिए शरीर पेट में होने वाली इन परेशानियों को नजरअंदाज न करें। क्योंकि यह परेशानी अगर गंभीर हो जाए, तो आपको काफी परेशानी कर सकता है। इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज बढ़ने पर पेट और आंत के अंदरुनी हिस्सों में भी सूजन हो सकता है। इसलिए इसे अनदेखा न करें। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं इस समस्या के बारे में विस्तार से-

क्या है इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज?

द्वारका स्थित मनीपाल हॉस्पिटल के गैस्ट्रोलॉजिस्ट डॉक्टर कुणाल दास बताते हैं कि पाचन तंत्र में लंबे समय से हुए सूजन को इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज कहा जाता है। इस डिजीज में अल्सरेटिव कोलाइटिस (Ulcerative colitis) और क्रोहन डिजीज शामिल है। इन बीमारियों की वजह से पेट में दर्द, थकान, कमजोरी, तेजी से वजन घटना, दस्त होना जैसे लक्षण दिख सकते हैं। कुछ मामलों में बाउड डिजीज ज्यादा सक्रिय नहीं होता है। लेकिन कभी-कभी ऐसे मामले भी सामने आए हैं, जो व्यक्ति के लिए काफी गंभीर साबित हुआ है। 

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इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज के लक्षण - Symptoms of Inflammatory Bowel Disease

इंफ्लेमेटरी बाउड डिजीज में मरीज को पेट और आंत में सूजन के साथ-साथ कई अन्य लक्षण नजर आ सकते हैं।

दस्त - इस परेशानी से ग्रसित होने पर दस्त की समस्या होना काफी आम है। साथ ही बार-बार पेट फूलने की शिकायत भी हो सकती है।

पेट में दर्द और ऐंठन - इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज होने पर पेट में दर्द और ऐंठन की परेशानी हो सकती है। 

थकान और बुखार - इस परेशानी से ग्रसित मरीजों को थकान के साथ-साथ हल्का बुखार भी हो सकता है। शरीर में उर्जा की कमी होने पर आपको काफी तकलीफ हो सकती है। 

मल में ब्लड आना - कुछ मामलों में मल में ब्लड की शिकायत भी देखी गई है। हालांकि, यह लक्षण सभी मरीजों में नहीं दिखते हैं।  

भूख न लगना - पेट में दर्द और सूजन बढ़ने पर मरीज को भूख कम लगने लगती है। 

वजन कम होना - शारीरिक कमजोरी होने पर मरीज का वजन काफी ज्यादा कम होने लगता है। कुछ-कुछ मरीज कुपोषित भी हो सकते हैं।

इंफ्लेमेटरी बाउड डिजीज के कारण -  Causes of Inflammatory Bowel Disease 

डॉक्टर के अनुसार, इस परेशानी के सटीक कारण अभी ज्ञात नहीं है। हालांकि, कुछ ऐसे कारक हैं, जो इस परेशानी का खतरा बढ़ सकता है। 

अनुवांशिक - अगर आपके परिवार में किसी व्यक्ति जैसे- भाई-बहन, माता-पिता को इंफ्लेमेटरी बाउड सिंड्रोम की शिकायत है, तो आपको भी यह परेशानी हो सकती है।

इम्यून सिस्टम कमजोर होना - कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले व्यक्ति को भी यह परेशानी हो सकती है। क्योंकि जब आपकी इम्यून सिस्टम कमजोर होती है, तो ऐसी स्थिति में जब भी कोई वायरल या बैक्टीरिया शरीर पर अटैक करता है, तो हमारा इम्यून सिस्टम लड़ने में सक्षम नहीं हो पाता है। ऐसी स्थिति में आपको इंफ्लेमेटरी बाउड डिजीज होने का खतरा है।

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इंफ्लेमेटरी बाउड डिजीज से कैसे करें बचाव - Prevention of Inflammatory Bowel Disease 

डॉक्टर का कहना है कि वैसे तो इस परेशानी से बचने का कोई विशेष तरीका नहीं है। लेकिन जीवनशैली में थोड़े-बहुत बदलाव करके आप इस परेशानी से थोड़े समय  के लिए बच सकते हैं। जैसे-

  • सही डाइट का चुनाव करें।
  • इम्यून सिस्टम को मजबूत करने की कोशिश करें। 
  • रोजाना एक्सरसाइज करें। 
  • धूम्रपान और शराब से दूर रहें। 
  • स्ट्रेस न लें। 
  • खुश रहने की कोशिश करें। 

इंफ्लेमेटरी बाउड डिजीज एक गंभीर स्थिति हो सकती है। इसलिए पेट से जुड़ी परेशानियों को नजरअंदाज करने से बचें। अगर आपकी परेशानी लगातार बढ़ रही है, तो डॉक्टर से सलाह लें। पेट से जुड़ी परेशानी में घरेलू उपचार का सहारा लेने से पहले एक बार डॉक्टर से राय लेना न भूलें।

 

 

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