Different Causes Of Aanal Fissure In Hindi: फिशर यानी एनल (गुदा) की लाइनिंग में किसी प्रकार का कट होना। फिशर होने पर व्यक्ति को मल त्याग करते समय बहुत दर्द होता है और कभी-कभी खून भी आ जाता है। यह स्थिति किसी भी व्यक्ति के लिए काफी कष्टकारी हो सकती है। इस समस्या से निपटने के लिए जरूरी है कि व्यक्ति एनल फिशर के कारण को जानें। आमतौर पर लोग इसका उपचार करने की कोशिश करते हैं। जबकि इसकी असली समस्या को नहीं समझते हैं। एनल फिशर का उपचार करके आप इसके लक्षणों (Anal Fissure Symptoms) को कुछ हद तक कम कर सकते हैं। लेकिन, समस्या से पूरी तरह रिकवरी नहीं होती है। यहां हम आपको बता रहे हैं कि एनल फिशर होने के मुख्य कारण क्या हैं और उनसे कैसे निपट सकते हैं। शारदा हॉस्पिटल में Department of General Surgery के Professor डॉ. पी.डी गुप्ता से जानें फिशर होने के कारण और उनसे बचाव के तरीके।
लंबे समय से डायरिया होना- Persistent Diarrhea
डायरिया यानी दस्त होना। यदि किसी व्यक्ति को लंबे समय तक दस्त होते रहें, तो इससे एनल फिशर होने का रिस्क (Diarrhea Can Cause Anal Fissure) बढ़ जाता है। बार-बार दस्त होने के कारण शरीर से काफी मात्रा में पानी निकल जाता है। इस वजह से स्किन काफी ज्यादा ड्राई हो जाती है और एनल ओपनिंग में कट लग जाता है। वैसे भी एनल स्किन काफी सेंसिटिव होती है। इस वजह से एनल फिशर होने पर काफी ज्यादा दर्द का अहसास भी होता है।
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इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज- Inflammatory Bowel Disease
फिशर, इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज के कारण भी हो सकता है। इसका मतलब है जिस व्यक्ति को अक्सर कब्ज की समस्या रहती है या फिर दस्त बने रहते हैं, उन्हें एनल फिशर हो सकता है। इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज में दो तरह की कंडीशन आती है। एक क्रोहन डिजीज ( Crohn's disease) और अल्सरेटिव कोलाइटिस (Ulcerative Colitis)। इसका मतलब है कि गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (जीआई) ट्रैक में लंबे समय से चल रही सूजन। इस सूजन के कारण अक्सर मरीज को फिशर की प्रॉब्लम का सामना करना पड़ता है।
प्रेग्नेंसी या डिलीवरी- Pregnancy And Childbirth
हालांकि, यह स्पष्ट रूप से कहा नहीं जा सकता है कि आखिर प्रेग्नेंसी की वजह से एनल फिशर क्यों होता है? लेकिन, कई मामलों में यह देखा गया है कि डिलीवरी के दौरान दबाव बनाते समय एनल लाइनिंग में घाव हो जाता है या कट लग जाता है। सामान्य तौर पर इसको कब्ज से जोड़कर देखा जाता है। अगर किसी महिला को कब्ज है, तो डिलीवरी के लिए दबाव बनाते समय फिशर की समस्या हो सकती है। ये बात अलग है कि जिन महिलाओं को कब्ज नहीं है, उन्हें भी डिलीवरी के दौरान दबाव बनाने के कारण एनल फिशर हो सकता है।
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एनल ट्रॉमा के कारण- Anal Trauma
अगर किसी को सेक्सुअल एक्टिविटी के दौरान एनल में चोट लग जाए, तो भी एनल फिशर होने का रिस्क बढ़ जाता है। हालांकि, सबके साथ ऐसा हो, यह जरूरी नहीं है। लेकिन, अगर एसटीआई, जैसे सिफलिस और हर्पीस जैसी घातक बीमारियां हैं, तो भी एनल फिशर हो सकता है। इससे एनल कैनाल पूरी तरह डैमेज हो सकती है या फिर इंफेक्शन (Anal Infection Symptoms) का खतरा बढ़ सकता है।
एनल फिशर से कैसे करें बचाव- Remedies For Anal Fissure
एनल फिशर से बचाव के लिए आप कुछ उपाय आजमा सकते हैं, जैसे-
- अगर डायरिया की वजह से एनल फिशर है, तो पहले उसका इलाज करवाएं।
- ज्यादा से ज्याद खुद को हाइड्रेट रखें, ताकि मल त्याग करते समय तकलीफ कम हो।
- अपनी डाइट में हेल्दी चीजें शामिल करें, जैसे फाइबर खाएं और फ्लूइड इनटेक ज्यादा लें।
- आप प्रभावित हिस्से में नारियल तेल या कोई भी लुब्रिकेंट लगा सकते हैं।
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