In which Metal Utensils Should Food be Eaten During Pregnancy: प्रेग्नेंसी के दौरान सही पोषक तत्व युक्त भोजन करने से गर्भस्थ शिशु और मां का सही विकास होता है। यही कारण है प्रेग्नेंसी में महिलाओं को प्रोटीन, कैल्शियम, विटामिन और मिनरल्स युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करने की सलाह दी जाती है। आयुर्वेद के अनुसार, प्रेग्नेंसी में सिर्फ क्या खाया जाए यह जरूरी नहीं, बल्कि किस बर्तन में खाना बनाया और खाया जाए, यह भी स्वास्थ्य पर प्रभाव डालता है। प्रेग्नेंसी के दौरान किस धातु के बर्तनों का हमारे शरीर पर गहरा प्रभाव पड़ता है। दिल्ली के आशा आयुर्वेदा की डायरेक्ट और आयुर्वेदिक स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. चंचल शर्मा से इस लेख में जानेंगे आयुर्वेद के अनुसार प्रेग्नेंसी में किन धातुओं के बर्तन में खाना चाहिए।
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1. चांदी के बर्तन
डॉ. चंचल शर्मा के अनुसार, प्रेग्नेंसी के दौरान चांदी के बर्तन में भोजन करना सबसे सर्वोत्तम होता है। चांदी के बर्तनों में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं और ये नॉन-टॉक्सिक होते हैं। प्रेग्नेंसी में चांदी के बर्तन में खाना खाने से इम्यून सिस्टम स्ट्रांग बनता है और संक्रमित बीमारियों का खतरा कम करने में मदद मिलती है। आयुर्वेदिक एक्सपर्ट का कहना है कि आज के दौर में चांदी के बर्तन में भोजन पकाना और खाना मुश्किल हो सकता है। ऐसे में महिलाएं चांदी की कटोरी में सब्जी या पकवान डालकर 2 से 3 घंटों के लिए रख दें और फिर इसे खाएं।
2. तांबे के बर्तन
प्रेग्नेंसी के दौरान तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने से शरीर को कई फायदे मिलते हैं। तांबे में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। प्रेग्नेंसी में तांबे के बर्तन में पानी पीने से पाचन तंत्र मजबूत होता है। साथ ही,यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को भी बाहर निकालता है।
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3. कांसे के बर्तन
कांसे का बर्तन तांबे और टिन का मिश्रण होता है। प्रेग्नेंसी के दौरान कांसे के बर्तन में खाना खाने से सेहत को एक नहीं बल्कि कई प्रकार से फायदा मिलता है। कांसे के बर्तन के पोषक तत्व प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं के शरीर में होने वाली खून की कमी (एनीमिया) को दूर करने में मदद करते हैं। कांसा बर्तनों में खाना खाने से प्रेग्नेंसी में थायराइड को संतुलित करने में मदद मिलती है। प्रेग्नेंसी के दौरान कांसे के बर्तन में खाना खाने से पेट में दर्द, गैस और अपच की समस्या भी नहीं होती है।
डॉ. चंचल शर्मा की मानें, तो कांसे, चांदी और तांबे के बर्तन काफी महंगे होते हैं। ऐसे में जो परिवार इनका इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं। वो लोहे की कड़ाही में पका हुआ भोजन कर सकते हैं। प्रेग्नेंसी में आयरन की कमी को पूरा करने के लिए लोहे के बर्तन में पका हुआ खाना बहुत लाभदायक होता है। लोहे की कड़ाही में पका हुआ खाना खाने से प्रेग्नेंसी में होने वाले शारीरिक व हड्डियों के दर्द से राहत मिलती है।
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प्रेग्नेंसी में किन धातुओं के बर्तन में नहीं खाना चाहिए- Which metal utensils should not be used for eating during pregnancy?
ओनलीमायहेल्थ के साथ खास बातचीत के दौरान डॉ. चंचल ने इस बात की भी जानकारी दी कि प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को किस धातु के बर्तन में खाना खाने से बचना चाहिए और क्यों।
1. एल्यूमीनियम के बर्तन- प्रेग्नेंसी के दौरान एल्युमीनियम के बर्तनों में खाना खाने से मां और गर्भस्थ शिशु को न्यूरोलॉजिकल समस्याएं हो सकती हैं।
2. नॉन-स्टिक बर्तन- इनमें हानिकारक रसायन होते हैं। प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाएं अगर नॉन-स्टिक बर्तनों में खाना खाएं, तो इससे गर्भस्थ शिशु के विकास में रुकावट आ सकती है।
3. प्लास्टिक के बर्तन- प्लास्टिक के बर्तनों में जब गर्म खाना डाला जाता है, तो यह कैंसर कारक तत्वों का निर्माण करते हैं। यही कारण है प्रेग्नेंसी के दौरान प्लास्टिक के बर्तनों में भोजन न करने की सलाह दी जाती है।
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निष्कर्ष
आयुर्वेद के अनुसार, प्रेग्नेंसी के दौरान खाने की गुणवत्ता जितनी जरूरी है, उतना ही जरूरी यह भी है कि उसे किस बर्तन में पकाया और खाया जाए। आयुर्वेदाचार्यों की सलाह के अनुसार आप ऊपर बताए गए धातुओं के बर्तनों का उपयोग करना चाहिए।
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