Side Effects Of Not Wearing Glasses In Weak Eyesight In Hindi: मौजूदा समय में ज्यादातर लोगों की आंखें कमजोर हैं और उन्हें चश्मे लगे हुए हैं। कमजोर आंखों की एक बड़ी वजह स्क्रीन टाइम का बढ़ना है। आज की तारीख में छोटे बच्चे से लेकर बुजुर्ग व्यक्ति तक देर रात तक फोन पर समय बिताते हैं और सुबह उठते ही फोन के जरिए सोशल मीडिया पर क्या हो रहा है, यह जानने की कोशिश करते हैं। यानी अपना बहुत सारा समय हर कोई स्क्रीन पर बिता रहा है। जाहिर है, इसका बुरा असर आंखों पर पड़ता है। हालांकि, अब कई तरह के चश्मे आ गए हैं, जिनसे स्क्रीन से निकलने वाली किरणों से आंखों को बचाया जा सकता है। इसी तरह, कमजोर आंखों की जांच करवाने के बाद सही तरह के स्पेक्ट्स पहने जाते हैं। इन चश्मों की मदद से हर चीज सही तरह से देख सकते हैं, फिर चाहे चीज दूर हो या पास। लेकिन, ऐसे लोगों की संख्या भी कम नहीं है, जिनकी आंखें कमजोर होने के बावजूद चश्मा नहीं पहनते। तो क्या कमजोर आंखों के बावजूद चश्मा न पहनना सही है? कहीं इसका बुरा प्रभाव आपकी आंखों पर तो नहीं पड़ता? आइए, इस बारे में जानते हैं।
चश्मा न पहनने का कमजोर आंखों पर प्रभाव
आमतौर पर दो तरह से आंखों खराब होती है, जैसे दूर का धुंधला दिखना। इसी तरह, पास का धुंधला दिखना। अगर किसी की नजदीक की आंखें कमजोर हैं, जिसे हम मयोपिया के नाम से जानते हैं। मयोपिया होने पर मरीज को डॉक्टर से संपर्क कर स्पेक्ट्स पहनने चाहिए या फिर कॉन्टैक्ट लेंस लगाने चाहिए। आपको बता दें अगर कोई मयोपिया से ग्रस्त है, तो भले आप चश्मा पहनें या न पहनें, यह बीमारी धीरे-धीरे बढ़ती रहती है। कई बार ऐसा भी होता है कि दोनों आंखों की आई साइट अलग-अलग होती है। खैर, चश्मा न पहनने पर आपको कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए, डॉक्टरों की सलाह है कि अगर आंखें कमजोर हैं, तो नियमित रूप से चश्मा पहनें।
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आंखों में दर्द होना
लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ. सीमा यादव, "अगर आपकी आंखें खराब है और लंबे समय से आंखों में चश्मा नहीं पहन रहे हैं, तो आंखों में दर्द हो सकता है। यह दर्द काफी समय तक बना रह सकता है। ऐसा खासकर, उन लोगों के साथ होता है, जो डेस्क जॉब करते हैं यानी कंप्यूटर पर समय बिताते हैं।"
धुंधलापन बढ़ना
कई बार ऐसा होता है कि अगर आंखें खराब होने के बावजूद आप चश्मा नहीं लगाते हैं, तो धुंधलापन बढ़ता जाता है। कहने का मतलब है कि आंखें लगातार खराब होती रहती हैं। ऐसा आपके साथ न हो, इसके लिए जरूरी है कि आप डॉक्टर की दी हुई प्रीस्क्रिप्शन के अनुसार स्पेक्ट्स जरूर पहनें।
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असहज महसूस करना
जब व्यक्ति की आंखें खराब होती है और वह चश्मा भी नहीं पहनता है, तो कुछ भी देखने के लिए उसे अपनी आंखों पर जोर लगाना पड़ता है। इसके लिए, वह अपनी आंखों पर अलग-अलग तरह से दबाव बनाता है। नतीजतन बहुत ज्यादा असहजता बनी रहती है।
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आंखों से पानी आना
डॉ. सीमा यादव के अनुसार, "कई बार चश्मा नहीं पहनने के कारण मरीज की आंखें से पानी आने की समस्या भी हो जाती है। विशेषकर, उन लोगों के इस तरह की समस्या होती है, जो अक्सर स्क्रीन पर वक्त बिताते हैं। असल में, कमजोर आंखों में जब स्क्रीन पर लंबा समय बिताया जाए, तो इससे आंखें ड्राई हो जाती है। इस वजह से व्यक्ति बार-बार पलकें झपकता है और कई बार आंखों से पानी भी आ जाता है। ध्यान रहे, आंखों में नमी बनाए रखने के लिए यह हमारे शरीर की प्राकृतिक प्रक्रिया है।"
आंखों का ख्याल कैसे रखें
- कजोर आंखें हो या न हो। यह बहुत जरूरी है कि आप नियमित रूप से अपनी आंखों की केयर करें। इसके लिए यहां बताए गए टिप्स को आजमा सकते हैं-
- आंखों को हाथों से रगड़ना छोड़ दें। आंखों को रगड़ने के कारण कई हाथ में मौजूद बक्टीरिया अंदर जा सकते हैं, जिससे आंखों में जलन और अन्य समस्या हो सकती है।
- अगर आंखों को छूना हो, तो पहले अपनी हाथों को अच्छी तरह धो लें। आंखों को बैक्टीरिया से बचाने के लिए जरूरी है कि आप सनग्लासेस या स्पेक्ट्स जरूर पहनें।
- कभी भी धूप में निकलें, तो सनग्लासेस पहनकर ही निकलें। आंखों को कभी भी डाइरेक्ट सूरज की किरणों के संपर्क में न आने दें।
- अपने शरीर को हमेशा हाइड्रेट रखें। पानी पीने से ओवर ऑल हेल्थ पर अच्छा असर पड़ता है। इसमें आंखें भी शामिल हैं। हाइड्रेट रहने से आंखों की ड्राईनेस कम होती है, जिससे खुजली, जलन आदि समस्याएं नहीं होतीं।
- आंखों को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी है कि आप बैलेंस्ड डाइट जरूर लें। अपनी डाइट में ओमेगा-3, बीटा-कैरोटीन, विटामिन-सी और ए बेस्ड चीजें शामिल करें।
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