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किन संकेतों से पता चलता है कि चश्मा लगाने की जरूरत है? आंख के डॉक्टर से समझें

What Symptoms Might You Develop If You Need Glasses : किन संकेतों से पता चल सकता है कि आपको चश्मा पहनने की जरूरत है? आइए डॉक्टर से इस सवाल का जवाब जानते हैं।   
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किन संकेतों से पता चलता है कि चश्मा लगाने की जरूरत है? आंख के डॉक्टर से समझें


What Symptoms Might You Develop If You Need Glasses : आजकल के समय में कई लोग आंखों पर चश्मा लगाते हैं। आंखों से सही तरह नहीं दिखने की समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है। यही वजह है कि कई बार कम उम्र के बच्चों को भी चश्मा लगाना पड़ जाता है। हालांकि, कई लोग चश्मा नजर कमजोर होने की वजह से लगाते हैं। वहीं, कई लोग ऐसे भी होते हैं, जो चश्मा अच्छा दिखने के लिए फैशन के रूप में लगाते हैं। मगर क्या आपने कभी सोचा है कि लोगों को कैसे पता चलता है कि उन्हें चश्मा लगाने की जरूरत है? अगर नहीं, तो आइए डॉ. अदिति सिंह, वरिष्ठ नेत्र चिकित्सक, शार्प साईट आई हॉस्पिटल्स (Dr. Aditi Singh, Senior Ophthalmologist, Sharp Sight Eye Hospitals) से जानते हैं कि आखिर किन संकेतों से व्यक्ति यह समझ सकता है कि उसे चश्मा लगाने की जरूरत है?

चश्मा कैसे काम करता है?- How Do Glasses Work

Glasses Symptoms

चश्मा लगाने की जरूरत कब पड़ सकती है, यह जानने से पहले आपको पता होना चाहिए कि चश्मा किस तरह काम करता है। दरअसल, चश्मा एक तरह का ऑप्टिकल डिवाइस है, जो नजर को सुधारने में मदद करता है। यह आंखों के सामने रहता है और रोशनी को आंखों में जाने से पहले ही मोड़ देता है। इससे व्यक्ति को साफ दिखाई देता है।

चश्मे को दो मुख्य भागों में बांटा जाता है:

  • लेंस: लेंस एक पारदर्शी पदार्थ है, जो रोशनी को मोड़ने में मदद करता है। लेंस का आकार और वक्रता (curvature) आंखों की दृष्टि को सुधारने में मदद करती है।
  • फ्रेम: फ्रेम एक संरचना है, जो लेंस को आंखों के सामने रखने में मदद करती है। फ्रेम का आकार और डिजाइन आंखों के आकार और व्यक्ति की पसंद के मुताबिक होता है।

बता दें कि जब रोशनी आंखों में जाती है, तो लेंस इस रोशनी को मोड़ देता है और इसे आंखों के रेटिना पर फोकस कर देता है। इससे व्यक्ति क्लियर देख पाता है।

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कैसे पता करें कि आपको चश्मे की जरूरत है?- How to Know if You Need Glasses

आजकल डिजिटल और मोबाइल के चलते बच्चों की आंखों पर काफी असर पड़ रहा है, जिसके चलते उन्हें छोटी उम्र से ही चश्मा लगाना पड़ता है। इसके अलावा, 40 साल की उम्र के बाद चश्मे की जरूरत बढ़ जाती है, क्योंकि इस उम्र से ऊपर के ज्यादातर लोगों में दूरदृष्टि (Farsightedness) या निकटदृष्टि (Nearsightedness) विकसित हो जाती है। बता दें कि कॉर्निया या लेंस से जुड़ी अपवर्तक त्रुटियां (Refractive Errors) खराब दृष्टि का प्रमुख कारण बन सकती हैं। हालांकि, हाइपरोपिया (Hyperopia), दृष्टिवैषम्य (Astigmatism) और मायोपिया (Myopia) जैसी समस्याओं को लेंस पहनकर या सर्जिकल ट्रीटमेंट की मदद से ठीक किया जा सकता है। आइए अब जानते हैं कि आपको कैसे पता चलेगा कि चश्मा लगाने की जरूरत है:

आपको हर दो साल में किसी योग्य डॉक्टर से आंखों की जांच करवानी चाहिए। ऐसे में कुछ समस्याओं की पहचान जल्दी हो जाएगी और सही इलाज की मदद से इन परेशानियों से बचा भी जा सकता है। इसके बावजूद, कुछ संकेत जिनसे आपको चश्मे की आवश्यकता हो सकती है, उनमें शामिल हैं:

  • धुंधली दृष्टि की समस्या
  • दोहरी दृष्टि की समस्या
  • वस्तुएं धुंधली दिखाई देती हैं, और आप सही तरह से लाइन नहीं देख पाते
  • सिरदर्द की समस्या
  • साफ देखने के लिए आंखों को सिकोड़ना
  • तेज रोशनी में अजीब से पैटर्न्स दिखाई देना
  • आंखों में स्ट्रेस महसूस होना
  • रात में देखने और गाड़ी चलाने में परेशानी

अगर आपको ये समस्याएं महसूस हो रही हैं, तो आपको चश्मा लगाने की जरूरत है। ऐसे में आपको किसी अनुभवी डॉक्टर से आंखों की जांच करवानी चाहिए।

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ऊपर बताए संकेत के रूप में दिखने वाली आंखों की समस्याएं सामान्य कामकाज को जटिल बनाती है। इस स्थिति में व्यक्ति के लिए सामान्य वस्तुओं को पहचानना मुश्किल हो जाता है और चोट लगने का जोखिम बढ़ जाता है। अगर आपको अपनी नजर में कोई नकारात्मक परिवर्तन दिखाई देता है, तो ऑप्टोमेट्रिक से सलाह लेने में देरी नहीं करनी चाहिए।

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