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इम्‍यून‍िटी का नींद की गुणवत्ता पर क्‍या असर पड़ता है? एक्‍सपर्ट से जानें

अगर आपकी इम्‍यून‍िटी कमजोर है, तो इसका बुरा असर नींद की गुणवत्ता पर भी पड़ सकता है। इम्‍यून‍िटी कमजोर होने से स्‍लीप क्‍वॉल‍िटी खराब हो सकती है।
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इम्‍यून‍िटी का नींद की गुणवत्ता पर क्‍या असर पड़ता है? एक्‍सपर्ट से जानें


Impact of Immunity on Sleep Quality: इम्‍यूनिटी वह क्षमता है जो हमारे शरीर को बाहरी हानिकारक सूक्ष्मजीवों, जैसे बैक्टीरिया, वायरस और अन्य विषाणुओं के खिलाफ सुरक्षा देती है। इम्‍यून सिस्टम शरीर में कई प्रकार की कोशिकाओं और अंगों से मिलकर बना होता है। इसका मुख्य कार्य शरीर को इंफेक्‍शन और बीमारियों से बचाना है। इम्‍यूनिटी दो प्रकार की होती है। पहली प्राकृत‍िक और दूसरी एडेप्‍ट‍िव। प्राकृत‍िक इम्‍यून‍िटी जन्‍म से साथ होती है। यह सभी प्रकार के इंफेक्‍शन से सुरक्षा प्रदान करता है। एडेप्‍ट‍िव इम्‍यून‍िटी, क‍िसी व‍िशेष इंफेक्‍शन के संपर्क में आने के बाद व‍िकस‍ित होती है। ऐसा माना जाता है क‍ि इम्‍यून‍िटी का सीधा असर हमारी नींद की गुणवत्ता पर पड़ता है। स्‍लीप क्‍वॉल‍िटी खराब होने से शरीर में अन्‍य बीमार‍ियां हो सकती हैं। इस लेख में जानेंगे इम्‍यून‍िटी का स्‍लीप क्‍वॉल‍िटी पर क्‍या असर पड़ता है, साथ ही आपको बताएंगे इम्‍यून‍ि‍टी को मजबूत बनाने के उपाय। इस व‍िषय पर बेहतर जानकारी के ल‍िए हमने लखनऊ के केयर इंस्‍टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फ‍िजिश‍ियन डॉ सीमा यादव से बात की।   

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स्‍लीप क्‍वॉल‍िटी क्‍या होता है?- What is Sleep Quality 

स्‍लीप क्‍वॉल‍िटी का मतलब है नींद की गुणवत्ता। अगर स्‍लीप क्‍वॉल‍िटी अच्‍छी होगी, तो आप ताजगी का अनुभव करेंगे और अगर स्‍लीप क्‍वॉल‍िटी अच्‍छी नहीं होगी, तो कम एकाग्रता और च‍िड़ाच‍िड़ापन महसूस होगा। स्‍लीप क्‍वॉल‍िटी में नींद की अव‍ध‍ि भी शाम‍िल है। अगर आप रोज 7 से 9 घंटों की नींद पूरी कर रहे हैं, तो मतलब आपकी स्‍लीप क्‍वॉल‍िटी अच्‍छी है। अगर नींद की क्‍वॉल‍िटी अच्‍छी है, तो आपको लेटने के 20 म‍िनट या उससे कम समय में ही नींद आ जानी चाह‍िए। नीं में न‍िरंतरता से भी पता चलता है क‍ि स्‍लीप क्‍वॉल‍िटी अच्‍छी है या नहीं। अगर आप ब‍िना क‍िसी रुकावट के आराम से सोते हैं, तो यह अच्‍छी गुणवत्ता वाली नींद का लक्षण है।    

इम्‍यून‍िटी का स्‍लीप क्‍वॉल‍िटी पर क्‍या असर होता है?- Impact of Immunity on Sleep Quality 

इम्‍यून‍िटी का स्‍लीप क्‍वॉल‍िटी के साथ गहरा संबंध है। जब हमारी इम्‍यून‍िटी कमजोर होती है, तो उसका सीधा असर नींद पर पड़ता है। जब शरीर में संक्रमण होता है, तब इम्‍यून‍ स‍िस्‍टम को इंफेक्‍शन खत्‍म करने के ल‍िए ज्‍यादा मेहनत करनी पड़ती है। इस प्रक्र‍िया में ज्‍यादा ऊर्जा खर्च होती है, ज‍िससे थकान महसूस होती है और नींद की जरूरत बढ़ जाती है। जब शरीर इंफेक्‍शन से लड़ रहा होता है, तब बुखार या अन्‍य समस्‍याएं नींद में खलल डालती हैं और इससे नींद की गुणवत्ता पर भी बुरा असर पड़ता है। कमजोर इम्‍यून‍िटी के कारण, व्‍यक्‍त‍ि को स्‍ट्रेस हो सकता है। स्‍ट्रेस के कारण अन‍िद्रा की समस्‍या हो सकती है या स्‍लीप क्‍वॉल‍िटी खराब हो सकती है।

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स्‍लीप क्‍वॉल‍िटी को बेहतर कैसे बनाएं?- How to Improve Sleep Quality 

  • हर दिन एक ही समय पर सोने और जागने की कोशिश करें, इस तरह स्‍लीप क्‍वॉलि‍टी बेहतर हो जाएगी।
  • सोने का कमरा शांत होना चाह‍िए, वहां लाइट कम होनी चाह‍िए और कमरा ठंडा होना चाह‍िए। 
  • सोने से कम से कम एक घंटे पहले टीवी, फोन, टैबलेट और कंप्यूटर से दूर रहें।
  • सोने से कुछ घंटे पहले कैफीन और निकोटिन का सेवन न करें।
  • नियमित एक्‍सरसाइज करके नींद की गुणवत्ता को सुधारा जा सकता है। 
  • सोने से पहले भारी या मसालेदार भोजन से बचें, क्योंकि इससे पेट की समस्या हो सकती है और नींद में बाधा आ सकती है।
  • ध्यान, योग और गहरी सांस लेने की तकनीकें तनाव को कम करने में मदद कर सकती हैं।

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