जब आप कहीं कोई पंजाबी डिश आर्डर करते हैं तो आपको उसमें बटर की अधिक मात्रा देखने को मिलती है। हालांकि ये ट्रेंड अब उत्तर भारत में भी खानपान में देखने को मिलता है। ये वाइट बटर होता है जो बहुत जल्दी गलने लगता है। ये बाज़ार में मिलने वाले हल्के पीले रंग के बटर से काफी अलग होता है और इससे डिश का स्वाद भी काफी बढ़ जाता है। तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि इसके फायदे क्या-क्या हैं।
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वाइट और येलो बटर में अंतर
येलो बटर नमकीन मक्खन होता है और इसमें बीटा कैरोटीन की मात्रा काफी ज्यादा होती है। वहीँ दूसरी तरफ वाइट बटर में बिल्कुल भी नमक नहीं होता है और इसमें बीटा कैरोटीन की मात्रा भी कम होती है। दोनों में रंगों का फर्क सिर्फ उसमें मौजूद फैट के कारण होता है। नमकीन बटर में नमक इसलिए मिलाया जाता है जिससे ये ज्यादा दिन तक खराब न हो और इसीलिए दुकानों या रेस्टोरेंट में यही वाला बटर ज्यादा मिलता है। इसका अधिक सेवन आपके शरीर में कैलोरी और कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ा सकता है। हेल्दीफाईमी के अनुसार एक चम्मच वाइट बटर में 103.5 कैलोरी होता है वहीँ येलो बटर में 200 कैलोरी होती है।
वाइट बटर के फायदे:
वजन कम करने में मददगार: वाइट बटर में लेसिटथिन नामक यौगिक पाया जाता है जो मेटाबोलिज्म रेट को बढ़ा देता है और फैट बर्न करने की प्रक्रिया में मदद करता है। इस बटर को खाने से आपका पेट भी जल्दी भर जाता है जिससे बार बार भूख नहीं लगती है। इस तरह यह वजन कम करने में मदद करती है।
इम्युनिटी बढ़ाए: वाइट बटर में कैल्शियम, फॉस्फोरस, विटामिन ए और विटामिन डी की मात्रा काफी ज्यादा होती है जो शरीर की इम्युनिटी पॉवर बढ़ाने में बहुत मदद करते हैं।
त्वचा की देखभाल: इसमें विटामिन ई और सेलेनियम काफी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है और ये दोनों चीजें स्किन को स्वस्थ रखने में बहुत मदद करती हैं। इस बटर को खाने से कुछ ही दिनों में आपकी स्किन ग्लो करने लगती है।
संक्रमण से सुरक्षा: कई घरों में अभी भी बीमार होने पर दाल-खिचड़ी में मक्खन डालकर दिया जाता है। आपको बता दें कि वाइट बटर में एंटी फंगल और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं जो इम्युनिटी को बेहतर करता है और आपको कई तरह के इन्फेक्शन से बचाता है।
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