एम्स (AIIMS) के अध्ययन से पता चला है कि आईसीयू कैथेटर गंभीर ब्लड इंफेक्शन का कारण बन सकता है। दरअसल, हाल ही में आई लैंसेट ग्लोबल हेल्थ जर्नल की रिपोर्ट में भी इस बात का जिक्र है और बताया गया है कि भारतीय आईसीयू (ICU) में इस्तेमाल होने वाले सेंट्रल लाइन कैथेटर (central venous catheter) ब्लड इंफेक्शन फैला सकता है। यह बात बेहद गंभीर है और इस स्टडी से भारतीय अस्पतालों की हालत का अंदाजा लगाया जा सकता है। इसके अलावा भी यह स्टडी बहुत कुछ कहती है। तो आइए, जानते हैं इस स्टडी के बारे में और समझते हैं कि कैसे कैथेटर से ब्लड इंफेक्शन फैल सकता है। पर सबसे पहले समझ लेते हैं कि सेंट्रल लाइन कैथेटर जो आईसीयू (ICU) में इस्तेमाल होता है, यह है क्या और क्या करता है?
आईसीयू (ICU) में इस्तेमाल होने वाला सेंट्रल लाइन कैथेटर क्या है?
सेंट्रल लाइन, जिसे सेंट्रल वेनस कैथेटर (CVC-central venous catheter) भी कहा जाता है, एक लंबी, पतली, लचीली ट्यूब होती है जिसे आमतौर पर दिल के पास एक बड़ी नस में डाला जाता है, ताकि आईसीयू (ICU) में इलाज के दौरान मरीज के शरीर में दवाइयां, तरल पदार्थ या खून पहुंचाए जा सकें। अक्सर इसका उपयोग तब किया जाता है जब विभिन्न स्वास्थ्य स्थितियों के लिए नसों में ट्रीटमेंट पहुंचाने की जरूरत होती है।
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कैसे घातक ब्लड इंफेक्शन का कारण बन सकती है ICU कैथेटर
लैंसेट ग्लोबल हेल्थ जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार, सेंट्रल लाइन कैथेटर का उपयोग करने वाले भारतीय आईसीयू में प्रति 1,000 सेंट्रल लाइन में 9 ब्लड इंफेक्शन के मामले देखे जाते हैं। ऐसा ही कुछ दिल्ली एम्स द्वारा हाल ही में किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि भारत भर के अस्पतालों में इलाज के दौरान कैथेटर के इस्तेमाल से खून में इंफेक्शन काफी तेजी से फैल सकता है। इस शोध में 1 मई, 2017 से 30 अप्रैल, 2024 के बीच देश भर के 54 अस्पतालों के 200 आईसीयू के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया, इसमें 8,629 सीएलएबीएसआई मामले (CLABSI cases) यानी Central line-associated bloodstream infections सामने आए।
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इतना ही नहीं, NIH के शोध में कई अस्पतालों के आईसीयू में एंटीबायोटिक-प्रतिरोधी रोगाणुओं के होने की भी बात कही गई है जिससे एंटी बायोएक्टिक्स (antibiotics resistance) भी इलाज में मदद नहीं कर पाती हैं। शोधकर्ता इस संक्रमण के लिए आईसीयू में मरीजों की बढ़ती संख्या, कर्मचारियों की कमी और अपर्याप्त संक्रमण नियंत्रण उपायों को जिम्मेदार मानते हैं।
अध्ययन भारत में ICU में होने वाले व्यक्तियों के मृत्यु पर ब्लड इंफेक्शन के गंभीर प्रभाव को रेखांकित करता है। शोधकर्ताओं ने बताया कि आईसीयू में इस तरह के ब्लड इंफेक्शन पर नजर रखकर जरूरी कदम उठाने की जरुरत है। हालांकि, इसे लेकर और शोध की जरूरत है ताकि स्थिति को स्पष्ट रूप से समझा जा सके।
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