आपकी बीपी की दवा आपकी याददाश्त को बेहतर बनाने में कर सकती है मदद, जानिए कैसे

हाइपरटेंशन जर्नल ऑफ द अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक ब्लड प्रेशर की दवा आपके मस्तिष्क की स्मरण शक्ति और अध्ययन केंद्र की गतिविधियों में सुधार कर सकती है।
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आपकी बीपी की दवा आपकी याददाश्त को बेहतर बनाने में कर सकती है मदद, जानिए कैसे


ब्लड प्रेशर की दवा आपके मस्तिष्क की स्मरण शक्ति और अध्ययन केंद्र की गतिविधियों में सुधार कर सकती है। एक नए अध्ययन में इस बात का खुलासा हुआ है। अध्ययन के शोधकर्ताओं ने पाया कि निलवाडिपिन नाम की दवा, जिसे हाइपरटेंशन को नियंत्रित करने के लिए लिया जाता है वह मस्तिष्क के अन्य हिस्सों को प्रभावित किए बिना अल्जाइमर रोग को रोकने में मरीजों की मदद कर सकती है। निलवाडिपिन एक कैल्शियम चैनल ब्लॉकर है, जिसे हाई ब्लड प्रेशर के उपचार में प्रयोग किया जाता है।

हाइपरटेंशन: जर्नल ऑफ द अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक, यह निष्कर्ष बताते हैं कि अल्जाइमर के मरीजों के मस्तिष्क रक्त प्रवाह में कमी कुछ क्षेत्रों में पलट भी सकती है।

नीदरलैंड स्थित रैडबौड विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर व अध्ययन के मुख्य लेखक जर्गन क्लासेन ने कहा, ''यह रक्तचाप उपचार प्रक्रिया वाकई में भरोसेमंद है क्योंकि यह मस्तिष्क में रक्त के प्रवाह को कम नहीं करता है, जो कि लाभ की तुलना में अधिक नुकसना पहुंचा सकता है।''

क्लासेन ने कहा, ''बिना जोखिम के कोई चिकित्सा उपचार हालांकि नहीं है और अल्जाइमर रोगियों में मस्तिष्क के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए उच्च रक्तचाप का उपचार करना महत्वपूर्ण हो साबित हो सकता है।''

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अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने यह पता लगाने की कोशिश की, कि क्या निलवाडिपिन हल्के व मध्यम अल्जाइमर रोग से पीड़ित मरीजों के इलाज में मदद कर सकता है।

शोधकर्ताओं ने बेतरतीब तरीके से 44 लोगों को चुना, जिन्होंने या तो निलवाडिपिन या फिर प्लेसबो का लगातार छह महीने से प्रयोग किया था। उन्होंने एक अनूठी चुंबकीय अनुनाद इमेजिंग (MRI) तकनीक का प्रयोग कर मस्तिष्क के विशिष्ट हिस्सों में रक्तप्रवाह का आंकलन किया।

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निष्कर्षों में सामने आया कि मस्तिष्क की स्मरण और अध्ययन केंद्र यानी के हिप्पोकैम्पस में रक्त का प्रवाह  निलवाडिपिन समूह के लोगों में प्लेसबो समूह के लोगों की तुलना में 20 फीसदी बढ़ गया। दोनों समूहों में मस्तिष्क के अन्य हिस्सों में रक्त प्रवाह में कोई बदलाव नहीं देखा गया।

शोधकर्ताओं ने पाया कि हालांकि जो नमूने लिए गए थे वह बहुत छोटे थे और  और संरचनात्मक मस्तिष्क उपायों और संज्ञानात्मक उपायों पर मस्तिष्क रक्त प्रवाह में वृद्धि के प्रभावों का अध्ययन करने के लिए समय बहुत कम था।

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