कैनेडियन मेडिकल एसोसिएशन जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक, हेपेटाइटिस सी वायरस (एचसीवी) से संक्रमित करीब आधी महिलाएं इसके संक्रमण से अवगत नहीं है। इसके साथ ही ये महिलाएं डायरेक्ट-एक्टिंग एंटीवायरल रेजिमेंस के साथ वर्तमान उपचार जो कि बेहद प्रभावी है उसके बारे में ज्यादा नहीं जानती हैं।
कनाडा के शोधकर्ताओं द्वारा हाल ही में किए गए एक अध्ययन के मुताबिक, माताओं से शिशुओं में फैलने वाले हेपेटाइटिस सी वायरस को रोका जा सकता है। यह अध्ययन कैनेडियन मेडिकल एसोसिएशन के जर्नल में प्रकाशित हुआ है।
अध्ययन के मुताबिक, अगर कनाडा गर्भावस्था में एचसीवी के लिए सार्वभौमिक जांच की सिफारिश करता है तो इस बीमारी को फैलने से रोका जा सकता है। शोध की मुख्य लेखक डॉ. चेल्सी एल्वुड का कहना है कि हम सभी देखभाल प्रदाताओं को एचसीवी के प्रजनन संबंधी प्रभावों पर विचार करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं और गर्भावस्था में एचसीवी जांच और एचसीवी उपचार के लिए रेफरल पर विचार करने की बात पर जोर देते हैं।
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उन्होंने कहा, ''वे महिलाएं, जो गर्भवती हैं उनमें शुरुआती जन्मपूर्व जांच के साथ एचसीवी की सार्वभौमिक स्क्रीनिंग की ओर बढ़ने का वक्त आ गया है ताकि तीसरे व्यक्ति में जोखिम कारकों के बार-बार बढ़ने की जांच की जा सके।'' डॉ. ने कहा कि हेपेटाइटिस सी वायरस (एचसीवी) से संक्रमित करीब आधी महिलाएं इसके संक्रमण से अवगत नहीं है। इसके साथ ही ये महिलाएं डायरेक्ट-एक्टिंग एंटीवायरल रेजिमेंस के साथ वर्तमान उपचार जो कि बेहद प्रभावी है उसके बारे में ज्यादा नहीं जानती हैं।
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लेखिका ने बताया, ''गर्भावस्था और प्रसवोत्तर शिशु जांच में माताओं की जांच में देखभाल अंतर के साथ कनाडा में संभावित लिवर रोग वाले शिशुओं, बच्चों और युवाओं का एक बड़ा समूह है, जिनमें अगर एचसीवी संक्रमण को अगर शुरुआती जांच में पकड़ लिया जाता तो उन्हें इससे बचाया जा सकता था या फिर उनमें संक्रमण होता ही नहीं।''
माताओं से बच्चों में एचसीवी के संचरण को खत्म करने के लक्ष्य को आसानी से हल किया जा सकता है लेकिन इसके लिए जन स्वास्थ्य और स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर के सहयोग की जरूरत होगी।
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