अस्वस्थकर भोजन आदतें मधुमेह की ओर ले जा सकती हैं, जो कि आपके खराब मस्तिष्क स्वास्थ्य के साथ जुड़ा हुआ है। एक ऑस्ट्रिलयाई अध्ययन के मुताबिक, आधुनिक दौर में अधिक कैलोरी वाली डाइट के साथ अस्वस्थकर आदतें तेजी से मस्तिष्क स्वास्थ्य को बिगाड़ सकती हैं।
ऑस्ट्रलेयिन नेशनल यूनिवर्सिटी (एएनयू) के प्रोफेसर व अध्ययन के मुख्य लेखक निकोलस चेरबुएन का कहना है कि 50 साल पहले के मुकाबले वर्तमान में लोग प्रत्येक दिन औसतन लगभग 650 अतिरिक्त किलोकैलोरीज का उपभोग कर रहे हैं, जो कि बर्गर, फ्राइज़ और सॉफ्ट ड्रिंक जैसे फास्ट-फूड भोजन के बराबर है।
एएनयू सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एजिंग, हेल्थ एंड वेलबीइंग में प्रोफेसर निकोलस ने एक बयान में कहा, ''लोग वास्तव में खराब फास्ट-फूड का उपभोग कर रहे हैं और थोड़ा-बहुत भी व्यायाम नहीं कर रहे हैं।''
उन्होंने कहा, ''हमनें पुख्ता सबूत पाए हैं कि लोगों की अस्वस्थकर भोजन आदतें और निरंतर समय में व्यायाम की कमी ने उनमें टाइप 2 डायबिटीज और मस्तिष्क गतिविधियों में भारी कमी जैसे मनोभ्रंश और मस्तिष्क संकोचन (ब्रेन श्रिंकेज) बीमारियों के विकसित होने का गंभीर जोखिम बढ़ा दिया है।''
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अध्ययन के मुताबिक, 2030 तक वैश्विक वयस्क आबादी का लगभग 30 प्रतिशत या तो अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त होगा और वहीं दुनिया की 10 प्रतिशत वयस्क आबादी टाइप 2 मधुमेह जैसी बीमारी का शिकार होगी।
विशेषज्ञों ने चिन्हित किया कि इस प्रकार की डायबिटीज और मस्तिष्क गतिविधियों के बिगड़ने के बीच लंबे अरसे से संबंध रहे हैं। शोधकर्ताओं ने दिखाया कि न्यूरोंस की हानि और उनकी गतिविधियों की शुरुआत बहुत बहुत पहले हो जाती है, जो मस्तिष्क के बिगड़ने और अस्वास्थ्यकर जीवन शैली विकल्पों के बीच एक स्पष्ट संबंध को दर्शाती है।
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विशेषज्ञों के मुताबिक, लोग विशेषकर फास्ट फूड जैसे खराब प्रकार के खाने को खूब खा रहे हैं जो कि चिंता की बड़ी बात है। विशेषज्ञों ने चेताया कि डिमेंशिया के जोखिम सहित मस्तिष्क की समस्याओं के जोखिम को कम करने के लिए लोग बहुत देर से सलाह लेना शुरू करते हैं। विशेषज्ञों ने कहा कि लोग 60 की उम्र के बाद डॉक्टर की सलाह लेना शुरू करते हैं।
निकलोस ने कहा कि किसी व्यक्ति का आधा जीवन समाप्त होने के बाद मस्तिष्क को होने वाली क्षति अधिक अपरिवर्तनीय है, इसलिए हम सभी को बचपन के दिनों से स्वस्थ खाने का आग्रह करते हैं ताकि वह आगे जाकर किसी प्रकार की मस्तिष्क समस्या का शिकार न हो।
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