अगर घर पर आपके पास बीपी चेक करने की मशीन है तो आप आराम से घर पर बीपी चेक कर सकते हैं। बीपी चेक करने के लिए आपको कुछ जरूरी प्वॉइंट्स के बारे में जान लेना चाहिए जिनकी मदद से आप सटीक नतीजे पा सकते हैं। बीपी चेक करने के लिए आपको डॉक्टर की मदद लेनी चाहिए पर फिट और हेल्दी रहने के लिए आप बीपी चेक करने के कुछ आसान स्टेप्स जान लें।
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घर पर बीपी चेक कैसे करें? (How to check BP at home)
- अपनी ऑर्म के मुताबिक कफ को ऑर्म पर लगा लें।
- अगर कफ ज्यादा टाइट होता है तो आप उसे हल्का सा लूज़ कर लें पर ज्यादा लूज़ करने से बचें।
- टेस्ट से 30 मिनट पहले कुछ भी खाना या पीना अवॉइड करें।
- टेस्ट से 30 मिनट पहले आपको एक्सरसाइज भी अवॉइड करना है।
- सीधे बैठकर बीपी चेक करने की पोजिशन बना लें, अपनी बैक को स्ट्रेट रखें।
- आपको बीपी हमेशा एक ही समय पर हर दिन नोटिस करना है। इससे आपको सटीक नतीजे मिलेंगे।
- जब आप तैयारी कर लें तो शांंत होकर बैठ जाएं और टेस्ट को शुरू करें।
- जैसे ही आप मशीन ऑन करेंगे बीपी की मशीन आपके बीपी की रीडिंग लेने लगेगी, एक लेवल पर आकर जब रीडिंग स्टेबल हो जाए तो आप उसे नोट कर लें।
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टेस्ट के दौरान ब्रीदिंग कैसी रखें? (Breathing pattern during BP test)
जब तक टेस्ट पूरा नहीं हो जाता है जब तक आप सांस ले सकते हैं केवल गहरी सांस लेने की जरूरत नहीं है। नॉर्मल तरीके से सांस लें। कफ लगाने के बाद टेस्ट शुरू हो जाता है। आपको टेस्ट को करने के लिए पूरी तरह से रीडिंग नोट करनी है आरै आपको रीडिंग नोट करने के दौरान चलना या मूव नहीं है। बीपी को चेक करने के लिए आजकल डिजीटल बीपी मशीन मिलती है जिसमें आपको कफ को निकाल देना होता है।ऑटोमैटिक मशीन में टेस्ट पूरा होने के बाद कफ या कैप अपने आप ही निकल जाता है या आपको बटन दबाना पड़ सकता है। टेस्ट पूरा होने के बाद हाथ को निकाल लें।
दो प्रकार के होते हैं बीपी (Types of BP)
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आपको अपनी रीडिंग को टाइम और डेट के साथ नोट करना है ताकि आपको पता रहे कि किस दिन आपका बीपी कितने बजे कितना था क्योंकि दिन में कई बार बीपी बदलता है। आपको बता दें कि ब्लड प्रेशर दो प्रकार का होता है। पहला है सिस्टोलिक (Systolic) और दूसरा है डायस्टोलिक (Diastolic), ऊपर का ब्लड प्रेशर सिस्टोलिक कहलाता है और नीचे के ब्लड प्रेशर को हम डायस्टोलिक के नाम से जानते हैं। डायस्टोलिक की नॉर्मल रीडिंंग 80 से कम होनी चाहिए और सिस्टोलिक की नॉर्मल रीडिंग 110 से 120 के बीच होनी चाहिए।
एक से ज्यादा बार रीडिंग ले सकते हैं
अगर आपको एक रीडिंग से सटीक नतीजे नहीं मिले हैं तो आप दोबारा रीडिंंग ले सकते हैं। पहली रीडिंग के बाद आप एक या दो रीडिंंग ले सकते हैं। आपको इस बात का ध्यान रखना है कि टेस्ट के नतीजे आपको नोट भी करना है। इसके अलावा आपको इस बात का भी ध्यान रखना है कि दो टेस्ट के बीच 1 से 2 मिनट का गैप होना चाहिए। रीडिंग के दौरान आप जितना हो सके उतना शांत रहने की कोशिश करें।
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नॉर्मल बीपी कितना होता है? (Normal BP Range)
नॉर्मल बीपी की बात करें तो उसकी रेंज 120/80 होनी चाहिए वहीं अगर किसी व्यक्ति का बीपी 90/60 से नीचे चला जाता है तो वो लो बीपी की समस्या हो सकती है। अगर आपको दो से तीन रीडिंग में ब्लड प्रेशर लो नजर आ रहा है तो आपको डॉक्टर से जल्द से जल्द संपर्क करना चाहिए। ब्लड प्रेशर अगर ज्यादा लो रहता है तो आपके हार्ट और ब्रेन को खतरा हो सकता है। अगर ब्लड प्रेशर 180 के ऊपर जाता है तो ये मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति है, ऐसी स्थिति में आपको तुरंत अस्पताल जाना चाहिए।
अगर आपको हाई या लो बीपी की रीडिंग मिलती है तो आप डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
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