सेहत पर ध्यान न देने की वजह से आपको कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। खराब लाइफस्टाइल और खाने की अनियमित आदतों के कारण सोरायटिक अर्थराइटिस हो सकता है। इस समस्या में व्यक्ति को सोरायसिस और अर्थराइटिस की समस्या एक साथ होती है। इसमें मरीज को जोड़ों में दर्द और स्किन संबंधित समस्याएं एक साथ होती है। इस दौरान व्यक्ति को गले में दर्द, सूजन, स्किन में पैच व खुजली के लक्षण देखने को मिलते हैं। यह एक ऑटोइम्यून समस्या है, जिसमें इम्यून सिस्टम खुद के ही जोड़ों और त्वचा को नुकसान पहुंचाने लगता है। इस तरह की समस्या 40 साल से अधिक उम्र के लोगों को होना एक आम बात है। इसमें होने वाले दर्द को दूर करने के लिए आप योग की मदद ले सकते हैं। योगाचार्य धीरेंद्र शास्त्री से जानते हैं कि इस समस्या में दर्द को दूर करने के लिए आप किन योगासन को कर सकते हैं।
सोरायटिक अर्थराइटिस में कौन से योग करने चाहिए - Yoga For Psoriatic Arthritis In Hindi
योग से जोड़ों के लचीलेपन और ताकत को बढ़ाया जा सकता है। लाइफस्टाइल में योग के कुछ आसनों को शामिल करने सोरायटिक अर्थराइटिस की समस्या में होने वाले दर्द को कम करने में मदद मिलती है।
ब्रिज पोज
ब्रिज पोज करने से पेल्विक एरिया की मांसपेशियां मजबूत बनती हैं। साथ ही इससे आप के जोड़ों का लचीलापन ठीक होता है। इसे करने के लिए आप पीठ के बल पर जमीन पर लेट जाएं इसके बाद अपनी हथेलियों से टखनों को पकड़ें। अब गहरी सांस लेते हुए पेल्विक हिस्से को ऊपर की ओर ले जाएं, जबकि इस समय कंधे को जमीन से लगाए रखें।
बटर फ्लाई आसन
इस आसन आपके पैरों की हड्डियों और जोड़ों पर प्रेशर पड़ता है। इससे पैरों के दर्द में आराम मिलने लगता है। इस आसन को करने के लिए आप जमीन पर बैठ जाएं। इसके बाद दोनों तलवों को आपस में मिलाएं और हाथ से पंजों को पकड़ लें। अब घुटनों को ऊपर व नीचे की ओर ले जाएं।
विपरीत करणी योगासन
विपरीत करणी योगासन को करना बेहद आसान है। इस आसन को नियमित करने से ऑटोइम्यून रोगों को ठीक किया जा सकता है। इस योग को करने के लिए आप पीठ के बल लेट जाएं और कूल्हों को दीवार पर लगाते हुए पैरों को ऊपर की ओर ले जाएं। इस मुद्रा में 10 से 15 मिनट तक शरीर को होल्ड करें। इसके नियमित अभ्यास से आप जोड़ों के दर्द को दूर कर सकते हैं।
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मार्जरी आसन
मार्जरी आसन से रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाया जा सकता है। इससे कंधों और कलाई के जोड़ों के दर्द को दूर करने में मदद मिलती है। इसे करने के लिए आप बिल्ली के आकार के पोज को बनाएं। इस दौरान सांस लेते हुए आप रीढ़ की हड्डी को ऊपर और नीचे ले जाएं।
अर्धपवनमुक्तासन
इस आसन से शरीर के अंदर की गैस बाहर निकलती है और गैस की वजह से होने वाले जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है। साथ ही, इससे घुटनों और कंधों के जोड़ों का दर्द कम होता है। इसे करने के लिए आप जमीन पर लेट जाएं और एक पैर के घुटनों को छाती पर लगाएं। इसके बाद यही प्रक्रिया दूसरे पैर से करें।
भुजंगासन
इस आसन से आपकी रीढ़ की हड्डी मजबूत और लचीली बनती है। इसके साथ ही आपका मेटाबॉलिज्म बेहतर होता है। इस आसन को करने के लिए आप पेट के बल जमीन पर लेट जाएं। इसके बाद हथेलियों को कंधों को बराबर में रखें और शरीर के ऊपरी हिस्से को सांस भरते हुए ऊपर की ओर ले जाएं। इस स्थिति में शरीर को होल्ड करें और कुछ समय बाद सामान्य स्थिति में आ जाएं।
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योग व आसन से आप शरीर के ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर कर सकते हैं। साथ ही इससे आपका इम्यून सिस्टम मजबूत होता है और आपको ऑटो इम्यून रोग होने की संभावना कम हो जाती है।