शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने पर व्यक्ति को जोड़ों में दर्द और सूजन का सामना करना पड़ता है। यूरिक एसिड बढ़ जाए तो यह गठिया यानी अर्थराइटिस का भी एक कारण बन सकता है। गठिया में व्यक्ति को अपने रोजमर्रा के कामों को करने में भी परेशानी होती है। इस बीमारी में हाथ-पैरों के जोड़ों में तेज दर्द की समस्या होती है। यह समस्या सर्दियों में और बढ़ जाती है। इस दौरान कुछ चीजों के सेवन से आप जोड़ों के दर्द को दूर कर सकते हैं। आयुर्वेदाचार्य डॉक्टर सोनली गर्ग से जानते हैं कि भारत में पाए जाने वाला कोकम किस तरह से अर्थराइटिस में होने वाले दर्द को कम करने में सहायक होता है। आपको बता दें कि कोकम एक फल है, जो गुजरात और गोवा में पाया जाता है। यह फल सेब की तरह दिखता है और इसका इस्तेमाल औषधी की तरह किया जाता है। आगे जानते हैं कोकम से जोड़ों के दर्द में होने वाले फायदे।
अर्थराइटिस रोगियों के लिए कोकम फल के फायदे - Benefits Of Kokum To Reduce Arthritis Pain In Hindi
एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण
गठिया होने पर जोड़ों में सूजन हो जाती है, जिससे दर्द और असुविधा होती है। पॉलीफेनोल्स और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर कोकम में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। ये कंपाउंड सूजन को कम करने में मदद करते हैं, जिससे गठिया रोगियों को राहत मिलती है। कोकम का नियमित सेवन पुरानी सूजन को कम करने में मदद कर सकता है, साथ ही यह गठिया को बढ़ने से भी रोक सकता है।
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जोड़ों का लचीलापन बढ़ाएं
कोकम में हाइड्रोक्सीसिट्रिक एसिड (एचसीए) पाया जाता है, यह जोड़ों के लचीलेपन को बाने में मदद करता है। गठिया रोग में जोड़ों में अकड़न आने लगती है, जिससे उसे हिलाने में तेज दर्द का अहसास होता है। इससे बचने के लिए आप डाइट में कोकम को शामिल कर सकते हैं।
कार्टिलेज को सुरक्षित करें
गठिया रोग होने पर अक्सर कार्टिलेज डैमेज होने लगते हैं। कार्टिलेज जोड़ों में हड्डियों के सिरों को ढकने वाले सुरक्षात्मक टिश्यू होते हैं। कोकम में कम्पाउंड पाए जाते हैं, जो कार्टिलेज को डैमेज और घिसने से बचाते हैं।
पोषक तत्वों से भरपूर
गठिया को कम करने के लिए आप डाइट में कोकम को शामिल कर सकते हैं। इसमें विटामिन, मिनरल्स, फाइबर आदि पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं। कोकम में पाए जाने वाला विटामिन सी कोलेजन को बूस्ट करता है, जो जोड़ों की सरंचना के लिए आवश्यक होता है। यह गठिया के जोखिम को कम करने में मदद करता है।
वजन को करें कंट्रोल
वजन बढ़ने की वजह से जोड़ों का दर्द बढ़ जाता है। अतिरिक्त वजन जोड़ों पर दबाव डालता है। ऐसे में कोकम आपके वजन को कंट्रोल करने में मदद करता है। इसमें मौजूद फाइबर फैट को बाहर करने में सहायक होता है। इससे पाचन क्रिया बेहतर होती है और मेटाबॉलिज्म ठीक रहता है।
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कोकम एक स्वादिष्ट फल होता है। आप इसे औषधी के रूप में सेवन कर सकते हैं। इससे आपको पर्याप्त पोषण मिलता है, साथ ही आपको गठिया में होने वाले जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है। इसे डाइट में शामिल करने से पहले आप आयुर्वदाचार्य से सलाह ले सकते हैं।