हेपेटाइटिस बी क्या है? हेपेटाइटिस बी एक वायरस के कारण होता हे, ये वायरस लीवर को नुकसान पहुंचाता है और आगे चलकर सिरोसिस या लीवर के कैंसर का कारण बन सकता है। हेपेटाइटिस बी की समस्या अगर प्रेग्नेंसी के दौरान हो जाए तो ये और भी खतरनाक रूप ले सकती है क्योंकि मां को ये बीमारी होने पर बच्चे को भी हेपेटाइटिस बी संक्रमण होने का खतरा रहता है। इस बीमारी का कोई सटीक इलाज नहीं है पर चिकित्सा देखभाल और हेल्दी लाइफस्टाइल के जरिए आप इस बीमारी से के बुरे असर को काफी हद तक कम कर सकते हैं। इस लेख में हम प्रेग्नेंसी में हेपेटाइटिस बी से बचने के तरीके, प्रेग्नेंसी में हेपेटाइटिस बी के खतरे आदि विषयों पर चर्चा करेंगे। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के झलकारीबाई अस्पताल के गाइनोकोलॉजिस्ट डॉ दीपा शर्मा से बात की।
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प्रेग्नेंसी में हेपेटाइटिस बी के खतरे (Risks of hepatitis B)
- प्रेग्नेंसी में हेपेटाइटिस बी की समस्या होने पर मां और होने वाले बच्चे की सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है।
- प्रेग्नेंसी में हेपेटाइटिस बी की समस्या होने पर प्रीमेच्योर बेबी हो सकता है।
- प्रेग्नेंसी में हेपेटाइटिस बी की समस्या होने के कारण बच्चे का वजन भी कम हो सकता है।
- अगर आपको प्रेग्नेंसी के दौरान हेपेटाइटिस बी है तो आपको डायबिटीज भी हो सकती है।
- अगर प्रेग्नेंसी के दौरान आपको हेपेटाइटिस बी की बीमारी हो जाए तो आपको ब्लीडिंग की समस्या हो सकती है।
- हेपेटाइटिस से अगर मां संक्रमित है तो होने वाले बच्चे को भी हेपेटाइटिस बी की बीमारी हो सकती है।
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प्रेग्नेंसी में हेपेटाइटिस बी का इलाज कब शुरू किया जाता है?
नवजात शिशु को हेपेटाइटिस बी जैसी बीमारी से बचाने के लिए एक साल का होने पर ब्लड टेस्ट किया जाता है जिससे पता चले कि बच्चे के शरीर में वायरस मौजूद है या नहीं। अगर आपको हेपेटाइटिस है और आप बच्चे को स्तनपान करवाना चाहती हैं तो आपके बच्चे को वैक्सीन लगना जरूरी है। हेपेटाइटिस का इलाज प्रेगनेंसी की तीसरी तिमाही में शुरू किया जा सकता है। शिशु के जन्म के 4 से 12 हफ्तों तक इलाज चलता है। डॉक्टर इस दौरान समय पर दवा खाने की सलाह देते हैं। लोगों में ये धारणा है कि जो मांएं सिजेरियन के जरिए बच्चे को जन्म देती हैं उन्हें हेपेटाइटिस बी होने का खतरा नहीं होता जबकि ऐसा नहीं है। ज्यादातर बच्चे हेपेटाइटिस बी जैसी गंभीर बीमारी का सामना नहीं कर पाते इसलिए आपको गर्भावस्था के दौरान इम्यूनिटी बूस्टिंग फूड्स का सेवन भी करना चाहिए ताकि जन्म के बाद बच्चे को संक्रमण से सुरक्षा मिल सके।
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प्रेग्नेंसी में हेपेटाइटिस बी की समस्या से कैसे बचें? (How to prevent hepatitis B during pregnancy)
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1. हेपेटाइटिस बी की समस्या से बचने के लिए चुकंदर का सेवन करें, चुकंदर में आयरन, पोटैशियम, फॉलिक एसिड, मैग्निशियम, कैल्शियम आदि पोषक तत्व पाए जाते हैं इससे इम्यूनिटी बनती है और आप हेपेटाइटिस के खतरे से बच सकती हैं।
2. एंटीनेटल या प्रसवपूर्व चेकअप के जरिए आप हेपेटाइटिस बी की समस्या से बच सकते हैं।
3. साफ-सफाई का ध्यान रखकर और पर्सनल चीजों को शेयर न करने से आप हेपेटाइटिस बी की समस्या से बच सकते हैं।
4. अगर आपको हेपेटाइटिस बी है तो बच्चे को इस बीमारी से बचाने के लिए वैक्सीन लगना जरूरी है। 5 साल की उम्र में बच्चे को भी हेपेटाइटिस बी का बूस्टर शॉट लगाया जाता है।
5. हेपेटाइटिस बी की समस्या से बचने के लिए आप लहसुन का सेवन कर सकते हैं। लहसुन में अमीनो एसिड की भरपूर मात्रा होती है, कच्चे लहसुन की कलियों का सेवन करने से आप हेपेटाइटिस बी से बच सकते हैं।
अगर आप हेपेटाइटिस बी का शिकार हैं तो हेपेटाइटिस बी का टीका जरूर लगवाएं। गर्भावस्था के दौरान इंफेक्शन से बचकर रहें।
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