अगर आप ये पूछें कि फोलिक एसिड और फोलेट में से किसका सेवन प्रेग्नेंसी में ज्यादा जरूरी होता है तो आपको बता दें कि फोलिक एसिड और फोलेट दोनों का सेवन ही प्रेग्नेंसी से पहले और प्रेग्नेंसी के दौरान जरूरी होती है। फोलिक एसिड और फोलेट दोनों विटामिन बी9 के प्रकार है। विटामिन बी9 एक जरूरी न्यूट्रिएंट है जो फोलेट के रूप में होता है। इससे कोशिकाओं की ग्रोथ होती है, डीएनए की फाउंडेशन में भी इसका अहम रोल होता है। अगर शरीर में विटामिन बी9 की कमी हो जाए तो स्ट्रोक की समस्या, हार्ट डिसीज, कैंसर, डिलीवरी के समय न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट आदि की समस्या हो सकती है। इस लेख में हम फोलेट और फोलिक एसिड के बीच का फर्क जानेंगे और प्रेग्नेंसी के दौरान इनका महत्व समझेंगे। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के झलकारीबाई अस्पताल की गाइनोकॉलोजिस्ट डॉ दीपा शर्मा से बात की।
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फोलिक एसिड और फोलेट में क्या अंतर है? (Difference between folic acid and folate)
- विटामिन बी9 के सिंथेटिक फॉर्म को फोलिक एसिड (folic acid) कहा जाता है और विटामिन बी9 के नैचुरल स्रोत को फोलेट (folate) के नाम से जाना जाता है।
- फोलेट शब्द एक लेटिन शब्द फोलियम से लिया गया है जिसका मतलब पत्ती होता है, पत्तेदार सब्जियों में फोलेट पाया जाता है।
- फोलिक एसिड और फोलेट दोनों ही हमारे शरीर के लिए बेहद जरूरी है।
- फोलिक एसिड को सप्लीमेंट के रूप में दिया जाता है, इसे आटा, चावल, सीरियल्स में भी मिक्स किया जाता है।
- हमारे शरीर के कंज्यूम किए फोलिक एसिड को डाइजेस्टिव सिस्टम, बायोलॉजिकल एक्टिव फॉर्म बी9 5-MTHF में कंवर्ट नहीं करता जबकि फोलेट को डाइजेस्टिव सिस्टम कंवर्ट कर देता है।
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किन आहार में फोलेट पाया जाता है? (Natural sources of folate)
गर्भवती महिलाओं को 600 एमसीजी फोलेट लेने की सलाह ली जाती है। अगर आप इसका सेवन सप्लीमेंट यानी फोलिक एसिड के रूप में करेंगी तो मात्रा जानने के लिए डॉक्टर से संपर्क करें। आप नैचुरल स्रोत से भी फोलेट की मात्रा पूरी कर सकते हैं। मक्के का आटा, पालक, मटर, अनाज, हरी सब्जियां, फल, नट्स, अंडा, डेयरी प्रोडक्ट्स, संतरे का जूस आदि आहार में फोलेट पाया जाता है। आपको प्रेग्नेंसी के पहले और इस दौरान फोलेट रिच फूड्स का सेवन जरूर करना चाहिए।
प्रेग्नेंसी के दौरान फोलेट क्यों जरूरी है? (Importance of folate during pregnancy)
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फोलेट एक जरूरी न्यूट्रिएंट है, ये विटामिन बी9 का एक प्रकार है जिसकी जरूरत गर्भावस्था में बढ़ जाती है, फोलेट का पर्याप्त मात्रा में सेवन करने से आप एनीमिया की समस्या से बच सकते हैं। जो महिलाएं प्रेग्नेंसी की प्लानिंग कर रही हैं उन्हें फोलेट के रूप में नैचुरल आहार या डॉक्टर की सलाह पर फोलिक एसिड का सेवन शुरू कर देना चाहिए। गर्भस्थ शिशु के विकास के लिए फोलेट जरूरी है। प्रेग्नेंसी के दौरान न्यूरल ट्यूब डेवलपमेंट में फोलेट मदद करता है इसलिए आपको भी इसका सेवन जरूर करना चाहिए।
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फोलेट की कमी होने पर कौनसी बीमारियां हो सकती हैं?
अगर आपके शरीर में फोलेट की कमी हो जाए तो उसे फोलेट डिफिशिएंसी (folate deficiency) कहेंगे। शरीर में फोलेट की मात्रा कम होने पर एनीमिया के लक्षण नजर आ सकते हैं। ऐसी स्थिति होने पर थकान, एनर्जी की कमी, हाथ पैर में भारीपन, मुंह में छालें आदि लक्षण नजर आ सकते हैं। फोलेट की कमी होने से होने वाले बच्चे की स्पाइनल कोर्ड और ब्रेन डेवल्पमेंट में परेशानी आ सकती है। फोलेट की कमी होने से नर्व डैमेज की समस्या भी हो सकती है।
गर्भवती महिलाओं को कंसीव करने के एक महीने पहले से फोलिक एसिड का सेवन शुरू कर देना चाहिए, वहीं आपको नैचुरल स्रोत के रूप में हर उम्र में फोलेट का सेवन करना चाहिए।
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