फोलिक एसिड शरीर के लिए एक जरूरी विटामिन है, यह खासतौर पर प्रेग्नेंट महिलाओं, शिशुओं और एनीमिया से पीड़ित लोगों के लिए बेहद जरूरी है। फोलिक एसिड कोशिकाओं के निर्माण, डीएनए संश्लेषण (DNA Synthesis) और रेड ब्लड सेल्स के प्रोडक्शन में मदद करता है। इसके अलावा, यह मानसिक स्वास्थ्य, स्किन और बालों की सेहत को भी बेहतर बनाने में सहायक होता है। हालांकि फोलिक एसिड की जरूरत शरीर में स्वाभाविक रूप से होती है, इसे हम अपनी डाइट से भी प्राप्त कर सकते हैं। हरी पत्तेदार सब्जियां, दालें, फल और साबुत अनाज फोलिक एसिड के नेचुरल सोर्स होते हैं। लेकिन कई बार लोग बिना डॉक्टर की सलाह के फोलिक एसिड की सप्लीमेंट्स का सेवन शुरू कर देते हैं। इससे संबंधित सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या फोलिक एसिड का रोजाना सेवन करना सुरक्षित है? क्या बिना डॉक्टर की सलाह के इसका सेवन करना सही है? क्या इसके ज्यादा सेवन से कोई हानि हो सकती है? इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए हमने एनआईटी फरीदाबाद में स्थित संत भगत सिंह महाराज चैरिटेबल हॉस्पिटल के जनरल फिजिशियन डॉ. सुधीर कुमार भारद्वाज (Dr. Sudhir Kumar Bhardwaj, General Physician, Sant Bhagat Singh Maharaj Charitable Hospital, NIT Faridabad) से बात की-
क्या फोलिक एसिड रोज लेना ठीक है? - Is It Safe To Take Folic Acid Every day
डॉक्टर की सलाह अनुसार रोजाना फोलिक एसिड लेना पूरी तरह से सुरक्षित और फायदेमंद है। आमतौर पर वयस्कों के लिए 400 माइक्रोग्राम की मात्रा पर्याप्त मानी जाती है, जबकि गर्भवती महिलाओं के लिए यह डोज 600 से 800 माइक्रोग्राम तक हो सकती है। लेकिन ध्यान रहे, यह डोज डॉक्टर की सलाह पर ही निर्धारित की जानी चाहिए। बिना जरूरत के फोलिक एसिड की अधिक मात्रा लंबे समय तक लेना नुकसानदायक हो सकता है।
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फोलिक एसिड प्राकृतिक रूप में फोलेट के रूप में पाया जाता है, जो हरी पत्तेदार सब्जियों, दालों, फलियों और साबुत अनाज में मौजूद होता है। जब भोजन से यह विटामिन पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पाता या शरीर को ज्यादा जरूरत होती है, तो डॉक्टर फोलिक एसिड के सप्लीमेंट लेने की सलाह देते हैं।
टॉप स्टोरीज़
किन लोगों को फोलिक एसिड की ज्यादा जरूरत होती है?
1. गर्भवती महिलाएं
गर्भधारण के शुरुआती दिनों में भ्रूण के मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के विकास के लिए फोलिक एसिड बेहद जरूरी होता है।
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2. एनीमिया के मरीज
फोलिक एसिड की कमी से एनीमिया हो सकता है, जिसमें रेड ब्लड सेल्स ठीक से विकसित नहीं हो पातीं।
3. शरीर में फोलेट की कमी वाले लोग
जिनका खानपान संतुलित नहीं है या शराब का सेवन अधिक करते हैं, उन्हें फोलिक एसिड की कमी हो सकती है।
बैलेंस डाइट के जरिए फोलिक एसिड प्राप्त किया जा सकता है। हरी पत्तेदार सब्जियां, चना, दालें, संतरे, ब्रोकली, एवोकाडो और अंडे जैसे फूड्स में फोलेट प्रचुर मात्रा में होता है। लेकिन कई बार शरीर की जरूरत केवल डाइट से पूरी नहीं हो पाती, खासकर प्रेग्नेंसी, बीमारी या कुपोषण की स्थिति में। ऐसे में डॉक्टर की सलाह से सप्लीमेंट लेना जरूरी हो जाता है।
निष्कर्ष
फोलिक एसिड शरीर की सेहत बनाए रखने में जरूरी भूमिका निभाता है और इसकी रोजाना जरूरत को नकारा नहीं जा सकता। खासकर प्रेग्नेंट महिलाओं और एनीमिया से पीड़ित लोगों के लिए इसका सेवन लाभकारी है। हालांकि, इसका अधिक मात्रा में या बिना जरूरत सेवन शरीर को नुकसान भी पहुंचा सकता है। इसलिए, फोलिक एसिड का सेवन डॉक्टर की सलाह और सही मात्रा में ही करें, तभी यह आपके लिए पूरी तरह सुरक्षित और लाभकारी होगा।
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FAQ
फोलिक एसिड की गोली कब खानी चाहिए?
फोलिक एसिड की गोली आमतौर पर सुबह नाश्ते के बाद या भोजन के बाद ली जा सकती है, लेकिन इसे कब लेना है, यह डॉक्टर की सलाह पर निर्भर करता है। प्रेग्नेंट महिलाओं को अक्सर सुबह के समय इसे लेने की सलाह दी जाती है ताकि इसका बेहतर अवशोषण हो सके। यदि आप फोलिक एसिड किसी अन्य विटामिन या आयरन सप्लीमेंट के साथ ले रहे हैं, तो उनके बीच थोड़ा अंतर रखना बेहतर होता है।फोलिक एसिड की कमी के लक्षण?
फोलिक एसिड की कमी के लक्षण धीरे-धीरे उभरते हैं और समय रहते पहचानना जरूरी होता है। इसके मुख्य लक्षणों में थकावट, कमजोरी, सांस फूलना, चक्कर आना, सिर दर्द, चिड़चिड़ापन और ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई शामिल हैं। इसके अलावा मुंह के छाले, जीभ पर सूजन या लालिमा और बाल झड़ना भी हो सकता है। प्रेग्नेंट महिलाओं में इसकी कमी भ्रूण में जन्म दोष का कारण बन सकती है। यदि ये लक्षण नजर आएं तो तुरंत डॉक्टर से जांच करवानी चाहिए।फोलिक एसिड की कमी से क्या होता है?
फोलिक एसिड की कमी से शरीर में कई समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। सबसे आम समस्या है एनीमिया, जिससे थकान, सांस फूलना और कमजोरी महसूस होती है। इसके अलावा, फोलिक एसिड की कमी से मुंह में छाले, जीभ पर सूजन, चिड़चिड़ापन और एकाग्रता में कमी हो सकती है। प्रेग्नेंट महिलाओं में यह भ्रूण के मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के विकास में रुकावट डाल सकती है, जिससे जन्म दोष हो सकते हैं। इसलिए शरीर में इसकी पर्याप्त मात्रा बनाए रखना बेहद जरूरी है।