रुमेटाइटिस अर्थराइटिस (आरए) एक ऐसी स्थिति है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली शरीर के स्वस्थ ऊपकों पर हमलो करने लगती है। इस समस्या से ग्रसित व्यक्तियों के जोड़ों की परतों को नुकसान पहुंचाता है। जिसकी वजह से मरीजों को काफी दर्द, सूजन और जलन की परेशानी हो सकती है। इस समस्या का निदान करना काफी कठिन होता है। हालांकि, डॉक्टर मरीजों के लक्षणों और मेडिकल इतिहास के आधार पर इस समस्या का निदान करने की कोशिश करते हैं। इसके अलावा कुछ अन्य तरीकों से भी रुमेटाइटिस अर्थराइटिस (आरए) का निदान करने की कोशिश की जाती है।
रुमेटाइटिस अर्थराइटिस (आरए) से ग्रसित होने डॉक्टर अक्सर रुमेटी कारक (Rheumatoid factor) नामक प्रोटीन और एंटी-साइट्रूलिनेटेड प्रोटीन एंटीबॉडी ((Anti–citrullinated protein) Antibody) नामक एंटीबॉडी का सकारात्मक टेस्ट करने की सलाह देते हैं। इसके अलावा अन्य परीक्षण, जैसे - एरिथ्रोसाइट सेडिमेशन रेट (erythrocyte sedimentation rate) और सी-रिएक्टिव प्रोटीन का भी परीक्षण किया जाता है। इसके अलावा कुछ परिस्थितियों (Rheumatoid Arthritis Diagnosis and Tests) में डॉक्टर द्वारा इमेजिंग परीक्षण भी किया जा सकता है। आइए विस्तार से जानते हैं इसके बारे में-
रुमेटाइटिस गठिया के लिए कौन सा टेस्ट किया जाता है?
रुमेटाइटिस अर्थराइटिस का निदान करने के लिए डॉक्टर सबसे पहले शारीरिक परीक्षा करता है। इसके अलावा आपकी मेडिकल हिस्ट्री जानने की कोशिश करता है। इसके बाद अर्थराइटिस का संदेह होने पर आपको कुछ लैब टेस्ट करवाने की सलाह दे सकता है।
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शारीरिक परीक्षण (Physical Test)
शारीरिक परीक्षण के दौरान डॉक्टर जोड़ों में सूजन और दर्द का परीक्षण करते हैं। इसके अलावा जोड़ों में दिखने वाले संभावित लक्षण जैसे- कोमलता, लालिमा और गर्मी की जांच करते हैं।
इस दौरान डॉक्टर आपकी कलाई, हाथ और पैरों की जांच कर सकते हैं। कुछ लोगों में रुमेटाइटिस अर्थराइटिस के लक्षण कंधों, कोहनी, टखनों, कूल्हों और घुटनों पर भी दिख सकता है। आरए शरीर के कई ज्वाइंट को प्रभावित करता है। ऐसे में डॉक्टर आपके शरीर के हर एक ज्वाइंट का परीक्षण कर सकता है।
इसके साथ ही डॉक्टर आपके कुछ सवाल कर सकते हैं। जैसे आपको बुखार तो नहीं हो रहा, किसी तरह की थकान तो महसूस नहीं हो रही है, इत्यादि।
रक्त टेस्ट (Blood Test)
प्रारंभिक मूल्यांकन के बाद डॉक्टर को रूमेटाइट अर्थराइटिस का संदेह होने पर वह कुछ ब्लड टेस्ट कराने की सलाह दे सकते हैं। ये परीक्षण कुछ एंटीबॉडी और सूजन के मार्करों के निदान के लिए किया जाता है। ब्लड टेस्ट के जिरए आरए होने की संभावना की पुष्टि की जा सकती है। साथ ही इसकी गंभीरता के बारे में भी पता लगाया जा सकता है।
रुमेटीयड फैक्टर टेस्ट (RHEUMATOID FACTOR TEST)
रुमेटीयड फैक्टर टेस्ट एक एंटीबॉडी टेस्ट है, जो आरए जैसे ऑटोइम्यून बीमारियों से ग्रसित लोगों की जांच के लिए किया जाता है। आरएफ की सामान्य सीमा 0 से 20 यूनिट प्रति मिलीलीटर (यू/एमएल) होती है। रुमेटाइटिस अर्थराइटिस का निदान आरएफ का पॉजिटिव रिजल्ट आने पर पर्याप्त नहीं माना जा सकता है। क्योंकि कई ऐसे कारण होते हैं, जिसकी वजह से रुमेटीयड फैक्टर (RHEUMATOID FACTOR) में उतार-चढ़ाव हो सकता है। जैसे - अन्य ऑटोइम्यून रोग, डायबिटीज, बैक्टीरियल इंफेक्शन इत्यादि। ऐसे में डॉक्टर मरीज को कुछ अन्य टेस्ट की सलाह देता है।
एंटी-साइट्रुलिनेटेड प्रोटीन एंटीबॉडी टेस्ट (ANTI-CITRULLINATED PROTEIN ANTIBODY TEST)
यह एक एंटीबॉडी परीक्षण है। रुमेटाइटिस से प्रभावित रोगियों का निदान करने में यह काफी प्रभावी टेस्ट माना जाता है। एंटी-सीसीपी का सामान्य स्तर 20 u/ml से कम होता है। ऐसे में अगर शरीर में सीसीपी का स्तर 20 से अधिक हो, तो मरीज रुमेटाइटिस अर्थराइटिस से प्रभावित हो सकता है।
इमेजिंग टेस्ट (Imaging Test)
ब्लड टेस्ट के अलावा डॉक्टर मरीजों को इमेजिंग टेस्ट की भी सलाह दे सकते हैं। इनमें एक्स-रे, एमआरआई स्कैन, सीटी स्कैन और अल्ट्रासाउंड जैसे परीक्षण शामिल हैं। इन परीक्षणों के माध्यम से जोड़ों और ऊतकों में सूजन का पता लगाया जा सकता है।
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ध्यान रखें कि अगर आप रुमेटाइटिस के लक्षण दिख रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। डॉक्टर रुमेटाइटिस अर्थराइटिस का निदान करने के लिए डॉक्टर इन ब्लड टेस्ट और इमेजिंग टेस्ट करवाने की सलाह दे सकते हैं। इन टेस्ट को समय पर कराएं और अपना इलाज शुरू कराएं। ताकि गंभीर स्थितियों से बचा जा सके।