कहीं आपका बच्चा स्‍कूल में बुलिंग (Bullying) का शिकार तो नहीं? ऐसे करें मालूम

अगर आपका बच्‍चा भी बुल‍िंग का शि‍कार है तो वो स्‍कूल जाने से इंकार करेगा साथ ही अन्‍य लक्षण नजर आ सकते हैं, जानते हैं इसे व‍िस्‍तार से
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कहीं आपका बच्चा स्‍कूल में बुलिंग (Bullying) का शिकार तो नहीं? ऐसे करें मालूम


स्‍कूल में बच्‍चे अक्‍सर बुल‍िंग का श‍िकार हो जाते हैं ज‍िसका बुरा असर उनके मन पर पड़ता है। जो बच्‍चे मानस‍िक  या शारीर‍िक तौर पर ज्‍यादा कमजोर होते हैं वो आसानी से बुल‍िंग का श‍िकार हो जाते हैं। अगर आपके बच्‍चे के व्‍यवहार में अचानक बदलाव नजर आए या वो स्कूल जाने से इंकार करे समझ जाएं क‍ि आपका बच्‍चा भी बुल‍िंग का श‍िकार हो रहा है। अगर आपके बच्‍चे के साथ भी ऐसी समस्‍या होती है तो उसे टीचर, उसके दोस्‍त, काउंसलर आद‍ि से म‍िलवाएं। बुल‍िंग के अन्‍य लक्षण और उपाय जानने के ल‍िए पढ़ें पूरा लेख।

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बुल‍िंग की समस्‍या क्‍या होती है? (What is bullying)

अगर स्‍कूल में बच्‍चे के साथ मारपीट, उसे क‍िसी भी तरह से नुकसान पहुंचाया जाता है तो उसे बुलिंग कहते हैं। आपका बच्‍चा कई तरह की बुल‍िंग का श‍िकार हो सकता है। अगर बच्‍चे को नाम लेकर च‍िढ़ाया या बुलाया जाता है या उस पर चुटकुले बनाए जाते हैं या बच्‍चे को क‍िसी भी मौख‍िक या ल‍िख‍ित तौर पर परेशान क‍िया जाता है तो वो बुलिंग की श्रेणी में आता है। वहीं अगर बच्‍चे के बारे में क‍िसी तरह की अफवाह फैलाई जाती है या उसके आत्‍मसम्‍मान को क‍िसी भी तरह से ठेस पहुंचाई जाती है तो भी इसका मतलब है क‍ि बच्‍चा बुलिंग का श‍िकार है।

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बच्‍चे में बुल‍िंग के लक्षण (Signs of bullying in child) 

1. व्‍यवहार में अचानक से बदलाव आना।

2. अन‍िद्रा की समस्‍या या स‍िर में दर्द होना।

3. आत्‍मव‍िश्‍वास की कमी होना।

4. बहुत ज्‍यादा खाना या खाना न खाना।

5. स्‍कूल जाने में च‍िंता द‍िखाना या रोना।

6. हर समय डर का अहसास होना।

7. खेलने में मन न लगना।

8. पढ़ाई में मन न लगना।

9. खेल में मन न लगना।

10. बच्‍चे के शरीर में चोट के न‍िशान।

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बच्‍चा अगर बुल‍िंग का श‍िकार हो जाए तो क्‍या करें? (Bullying treatment in child)

 bullying in child

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1. अगर आपका बच्‍चा बुल‍िंग का श‍िकार है तो स्‍कूल में टीचर्स और स्‍टॉफ से म‍िलें और इस समस्‍या का सही समाधान न‍िकालें ताकि बच्‍चे को स्‍कूल जाने में परेशानी का सामना न करना पड़े।

2. ज‍िन बच्‍चों में आत्‍मव‍िश्‍वास की कमी होती है वो आसानी से बुलिंग का श‍िकार हो जाते हैं, बच्‍चे को ऐसी समस्‍या से बचाने के ल‍िए तन और मन से फ‍िट बनाएं और उसे डांस, शतरंज, गेम्‍स, मार्शल ऑर्ट्स आद‍ि स‍िखाएं इससे बच्‍चे के नए दोस्‍त भी बनेंगे।

3. आप बच्‍चे को सिखाएं क‍ि अगर वो बुल‍िंग का श‍िकार होता है तो स्‍कूल में टीचर्स और घर आकर पैरेंट्स से अपनी बात शेयर करे और हाथापाई का ह‍िस्‍सा न बनें, इसके ल‍िए उसे गुस्‍से पर काबू रखना सीखना होगा।

4. अगर बच्‍चा बुल‍िंग का श‍िकार हुआ है तो उसका मनोबल गि‍र सकता है इसल‍िए आपको बच्‍चे को काउंलर के पास ले जाना चाह‍िए इससे बच्‍चे को ड‍िप्रेशन की समस्‍या नहीं होगी।

स्‍कूल जाने के ल‍िए जबरदस्‍ती न करें 

अगर आपका बच्‍चा बुल‍िंग का शि‍कार हुआ है तो उसे तुरंत स्‍कूल जाने के ल‍िए फोर्स न करें। बच्‍चे की समझ अलग होती है, बच्‍चे को बड़ों के मुकाबले मन का डर न‍िकालने में ज्‍यादा समय लग सकता है जिसका सम्‍मान करते हुए आपको उसके साथ जबरदस्‍ती नहीं करनी चाह‍िए, ऐसी घटना होने पर स्‍कूल में श‍िकायत करें और कुछ द‍िन आप बच्‍चे को घुमाने के ल‍िए बाहर लेकर जा सकते हैं इससे बच्‍चे का मन शांत हो जाएगा। साथ ही कुछ द‍िनों तक आपको बच्‍चे को कुछ समय तक स्‍कूल लेने और छोड़ने जाना चाह‍िए।

अगर आपका बच्‍चा भी बुल‍िंग का श‍िकार होता तो सबसे पहले उससे बात करें और इसकी श‍िकायत स्‍कूल में करें साथ ही आपको बच्‍चे का आत्‍मव‍िश्‍वास बढ़ाने के ल‍िए उससे अन्‍य मुद्दों पर बात करें।

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