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Khushkhabri With IVF: आईवीएफ ट्रीटमेंट में मूड स्विंग से निपटने के लिए अपनाएं ये 5 टिप्स, मन रहेगा शांत

How To Deal With Mood Swings During IVF Treatment In Hindi: आईवीएफ ट्रीटमेंट में महिलाओं को कई तरह की परेशानियों से गुजरना पड़ता है। इसका निगेटिव असर मेंटल हेल्थ पर भी पड़ता है, जिससे बार-बार मूड स्विंग होना, चिड़चिड़ापन महसूस करना और मन बोझिल रहने जैसी दिक्कतें होती हैं। जानें, इनसे कैसे डील करें।
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Khushkhabri With IVF: आईवीएफ ट्रीटमेंट में मूड स्विंग से निपटने के लिए अपनाएं ये 5 टिप्स, मन रहेगा शांत


How To Deal With Mood Swings During IVF Treatment In Hindi: आईवीएफ ट्रीटमेंट की मदद से भले ही आज की तारीख में लाखों-करोड़ों कपल्स पेरेंट बन रहे हैं। लेकिन, यह प्रक्रिया काफी जटिल है और कई तरह की चुनौतियों से भरी हुई है। विशेषकर, महिलाओं के लिए आईवीएफ ट्रीटमेंट बिल्कुल आसान नहीं है। उन्हें कई तरह की प्रोसीजर से गुजरना पड़ता है, कई इंजेक्शन लगाए जाते हैं और रेगुलर रूटीन भी पूरी तरह प्रभावित हो जाती है। यहां तक कि उन्हें अपनी डाइट का भी विशेष ध्यान रखना पड़ता है। कोई भी अनहेल्दी चीज मिसकैरेज, प्री-टर्म डिलीवरी का जोखिम बढ़ा सकती है। वहीं अनहेल्दी लाइफस्टाइल और डाइट की वजह से महिला के गर्भ में पल रहे शिशु का विकास भी प्रभावित हो सकता है। इस तरह समझें, तो आईवीएफ ट्रीटमेंट का प्रोसीजन किसी भी महिला के लिए आसान नहीं है। इस अवस्था में उनके लिए अपनी मेंटल हेल्थ का ध्यान रखना काफी चैलेंजिंग हो जाता है, क्योंकि बार-बार मूड स्विंग्स होते हैं। इस दैरान लेकिन, अगर मेंटल हेल्थ को सुधारा न जाए, तो इसका फिजिकल हेल्थ पर भी असर पड़ता है। इस लेख में हम आपको बता रहे हैं कि आखिर आईवीएफ ट्रीटमेंट के दौरान हो रहे मूड स्विंग को कैसे मैनेज किया जा सकता है।

आईवीएफ को लेकर अक्सर लोगों के मन में कई सवाल होते हैं। इन्हीं सवालों को ध्यान में रखते हुए ऑनलीमायहेल्थ Khushkhabri with IVF नाम से एक स्पेशल सीरीज चला रहा है। इस सीरीज में हम IVF से जुड़े अलग-अलग विषयों पर चर्चा करते हैं। आज इस लेख में हम आपको बता रहे हैं कि आखिर IVF ट्रीटमेंट के दौरान महिला को बार-बार मूड स्विंग हों, तो उसे कैसे मैनेज कर सकते हैं। इस बारे में हमने वृंदावन और नई दिल्ली स्थित मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की चिकित्सा निदेशक, स्त्री रोग और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता की से बात की है। अगर आप भी IVF के जरिये प्रेग्नेंसी प्लान करने की सोच रहे हैं, तो मेंटल हेल्थ में सुधार करने के लिए यह स्टोरी आपकी मदद कर सकती है।

आईवीएफ ट्रीटमेंट में मूड स्विंग से निपटने के लिए अपनाएं ये टिप्स- How To Handle Mood Swings During IVF In Hindi

How To Handle Mood Swings During IVF In Hindi

अपनी केयर खुद करें

जो महिलाएं आईवीएफ ट्रीटमेंट से गुजर रही होती हैं, वे अक्सर अपनी इमोश्नल वेल बींग के लिए दूसरों पर पूरी तरह निर्भर हो जाती हैं। जबकि, उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए। ध्यान रखें कि आप खुश हैं या नहीं, यह पूरी तरह आकी जिम्मेदारी होनी चाहिए। अगर आपको कोई बात परेशान करती है, तो इस संबंध में अपने पार्टनर से बात करें और समस्या का समाधान करें। लेकिन, अपनी इमोशनल और मेंटल हेल्थ का पूरा ध्यान रखें। इससे बार-बार हो रहे मूड स्विंग को आप मैनेज कर सकेंगे।

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प्रोफेशनल हेल्प लेना न भूलें

कई बार ऐसा होता है कि आईवीएफ ट्रीटमेंट के दौरान महिलाओं को काफी तकलीफों का सामना करना पड़ता है। कुछ महिलएं अपनी डेली लाइफस्टाइल में आई परेशानियों को झेल नहीं पाती हैं। ऐसे में बार-बार मूड स्विंग से गुजरना पड़ता है। अगर आपको लगे कि स्थिति आपके हाथ से बाहर हैं, तो बेहतर होगा कि आप एक्सपर्ट की मदद लें। कई बार मेंटल हेल्थ में सुधार करने और मूड स्विंग को कंट्रोल करने में प्रोफेशनल हेल्प ज्यादा मददगार साबित होता है।

दोस्तों-रिश्तेदारों से मिलें

How To Handle Mood Swings During IVF In Hindi

आईवीएफ ट्रीटमेंट के दौरान महिलाओं को अकेले ही शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में मानसिक रूप से परेशान होना लाजिमी है। लेकिन, ध्यान रखें कि आप अकेली चीजों से डील नहीं कर सकती हैं। बेहतर होगा कि आप दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ अपनी परेशानियों को शेयर करें। उन्हें अपने मन की बात बताएं। इससे मन हल्का होगा और बार-बार हो रहा स्विंग को कंट्रोल करने में मदद मिलेगी।

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अपने पार्टनर की मदद लें

How To Handle Mood Swings During IVF In Hindi

अगर किसी आईवीएफ ट्रीटमेंट के दौरान बहुत मूड स्विंग हो, जिसकी वजह आपको समझ न आए, तो इस स्थिति में अपने पार्टनर से बात करें। ध्यान रखें कि आपको उनसे बेहतर कोई नहीं समझ सकता है। आपको आईवीएफ ट्रीटमेंट के दौरान अगर डल फील हो या पेरशानी महसूस हो, तो पार्टनर के साथ अकेले में बैठें। उनके साथ अपने हर डाउट और डर को लेकर चर्चा करें। इससे मन हल्का होगा और आगे का सफर अपने आप आसान लगने लगेगा।

हेल्दी डाइट जरूर लें

आईवीएफ ट्रीटमेंट के दौरान बहुत जरूरी है कि आप हेल्दी डाइट लें। असल में, आईवीएफ ट्रीटमेंट के दौरान महिलाओं की बॉडी में कई तरह के हार्मोनल बदलाव होते हैं। इस स्थिति में अगर कोई महिला अनहेल्दी चीजों पर फोकस करती है, तो इससे आईवीएफ ट्रीटमेंट के दौरान परेशानियां खड़ी हो सकती हैं। खासकर, मेंटल हेल्थ पर बुरा असर पड़ सकता है। इससे मूड स्विंग भी हो सकते हैं। ऐसा आपके साथ न हो, इसलिए जरूरी है कि डाइट में फैटी फिश और फ्लैक्सीड्स शामिल कर सकती हैं।

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प्लानिंग करना न भूलें

आईवीएफ ट्रीटमेंट के दौरान आपको बहुत कुछ प्लान करना होगा। वैसे भी यह प्रक्रिया बहुत खर्चीली होती है, जिसे मैनेज करना आसान नहीं होता है। इसलिए, अपने भविष्य को लेकर अच्छी प्लानिंग करें। कई बार महिलाएं आईवीएफ ट्रीटमेंट के दौरान अपने फ्यूचर को लेकर भी परेशान रहती हैं। उन्हें लगता है कि वे शायद अच्छी मां न बन सके या बच्चे की केयर अच्छी तरह न कर सके। इस तरह की सोच से खुद को ग्रसित न करें। इससे अक्सर मूड स्विंग होता है, मन चिड़चिड़ा रहता है। इस तरह की सिचुएशन से डील करना है, तो आईवीएफ ट्रीटमेंट की शुरुआती दिनों से अच्छी प्लानिंग करें।

All Image Credit: Freepik

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