Khushkhabri with IVF: आईवीएफ प्रक्रिया के दौरान इस बात का विशेष ध्यान रखा जाता है कि महिला का स्वास्थ्य सही हो। इसमें उनकी ओवरी हेल्थ भी मायने रखती है। आपको बता दें कि अगर ओवरी हेल्थ सही न हो, तो आईवीएफ प्रक्रिया में बाधा आ सकती है। यही कारण है कि आईवीएफ प्रक्रिया से गुजरने से पहले हर महिला को सलाह दी जाती है कि वे अपनी जीवनशैली को हेल्दी रखे, बुरी आदतों को छोड़ दे और ऐसी चीजों को न अपनाए, जो उनकी फर्टिलिटी को प्रभावित कर सकती है। इस लेख में हम आपको बता रहे हैं कि आईवीएफ के दौरान खराब जीवनशैली के कारण ओवरियन हेल्थ किस तरह प्रभावित होती है।
आईवीएफ से जुड़े सैकड़ों सवाल लोगों के मन में होते हैं। इन्हीं सवालों को ध्यान में रखते हुए OnlymyHealth एक कैंपेन चला रहा है। आज इस आर्टिकल में आप जानेंगे कि आईवीएफ के दौरान खराब जीवनशैली के कारण कैसे प्रभावित होती है ओवरियन हेल्थ? इस संबंध में हमने वृंदावन और नई दिल्ली स्थित मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की चिकित्सा निदेशक, स्त्री रोग और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता से बात की है।
आईवीएफ के दौरान खराब जीवनशैली के कारण कैसे प्रभावित होती है ओवरियन हेल्थ?- How Lifestyle Factors Affect Ovarian Health in IVF in hindi
बढ़ती उम्र
इस बात को हम झुठला नहीं सकते हैं कि जैसे-जैसे उम्र बढ़ती जाती है, पुरुष और महिलाओं की फर्टिलिटी का स्तर कम हो जाता है। पुरुषों की स्पर्म की क्वालिटी गिर जाती है और महिलाओं के एग्स भी ज्यादा फर्टाइल नहीं रह जाते हैं। वहीं, अगर जीवनशैली खराब हो और खानपान की आदतें भी बुरी हों, तो फर्टिलिटी का स्तर और भी ज्यादा गिर जाता है। बढ़ती उम्र में अपनी फर्टिलिटी को बनाए रखना है, तो अच्छी जीवनशैली अपनाएं।
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डाइट
जीवनशैली का अहम हिस्सा डाइट भी होता है। आज की तारीख में महिलाएं और पुरुष दोनों वर्किंग हैं। ऐसे में वे घर में बना खाना खाने के बजाय बाहर का रेडी टू ईट फूड खाना पसंद करते हैं। विशेषज्ञों की मानें, तो अनहेल्दी डाइट भी ओवरी हेल्थ को इफेक्ट करती है। एक्सपर्ट्स के अनुसार टेस्टीकल्स और ओवरी के बेहतर स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है कि ब्लड फ्लो सही बना रहे। यह तभी हो सकता है कि जब बॉडी को पर्याप्त पोषण मिले और ऑक्सीजन सप्लाई बेहतर बनी रहे। इस तरह देखा जाए, तो हेल्दी डाइट और सप्लीमेंट की मदद से ओवरी को स्वस्थ बनाए रखा जा सकता है, जो कि आईवीएफ प्रक्रिया में मददगार साबित हो सकता है।
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बॉडी वेट
यह बात आप जानते होंगे कि जब शरीर का वजन ज्यादा हो जाता है, तो ओवुलेशन में दिक्कत आती है। इसी तरह, ओवर वेट होने के कारण पुरुषों की स्पर्म क्वालिटी गिर जाती है। यही नहीं, बढ़ते वजन के कारण महिलाओं में कंसीव करने की क्षमता भी कम हो जाती है। इसलिए, अगर आप आईवीएफ प्रक्रिया की मदद लेना चाहती हैं, तो बेहतर है कि आप पहले अपना बॉडी वेट कम करें। कई बार बढ़ते वजन के कारण ओवरी हेल्थ इफेक्टेड होती है, जिससे हेल्दी एग्स रिलीज नहीं हो पाते हैं।
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एक्सरसाइज या वर्कआउट
अक्सर आपने एक्सपर्ट्स से कहते सुना होगा कि रेगुलर एक्सरसाइज करें। रेगुलर एक्सरसाइज करने के कारण शरीर स्वस्थ रहता है, बॉडी वेट संतुलित रहता है और किसी तरह की स्वास्थ्य से जुड़ी समस्या भी नहीं होती है। लेकिन, क्या आप जानती हैं कि अगर आप ओवर एक्सरसाइज करती हैं, तो ऐसे में आईवीएफ के जरिए कंसीव करने की संभावना दर कम हो जाती है। विशेषज्ञों का कहना है कि एक दिन में किसी भी महिला को तीन घंटे तक एक्सरसाइज नहीं करनी चाहिए। आईवीएफ प्रक्रिया से गुजर रही महिलाओं के लिए यह सही नहीं है। यह उनकी ओवरी हेल्थ को भी प्रभावित करती है।
तनाव
स्ट्रसे, एंग्जाइटी या डिप्रेशन। जब भी कोई महिला कंसीव करना चाहती है और आईवीएफ की मदद लेती है, तो इस फैक्टर को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। दरअसल, जब भी महिला आईवीएफ प्रक्रिया से गुजर रही होती है, तो उनके लिए बहुत जरूरी है कि वे तनाव से दूर रहे या तनाव को मैनेज करने की कोशिश करे। अतिरिक्त तनाव या चिंता होने के कारण महिला की न सिर्फ फर्टिलिटी का स्तर कम हो जाता है, बल्कि ओवरी हेल्थ भी प्रभावित होती है। कई बार तनाव के कारण महिला बार-बार कोशिश करने के बावजूद आईवीएफ प्रक्रिया फेल हो जाती है।
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