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Khushkhabri With IVF: अंडे की क्वालिटी आईवीएफ ट्रीटमेंट को कैसे करती है प्रभावित? डॉक्टर से जानें

आईवीएफ कराने वाली महिलाओं के प्रजन्न स्वस्थ का बेहतर होना बेहद आवश्यक होता है। आगे जानते हैं कि इस दौरान एग्स की क्वालिटी आईवीएफ ट्रीटमेंट को कैसे प्रभावित कर सकती है।
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Khushkhabri With IVF: अंडे की क्वालिटी आईवीएफ ट्रीटमेंट को कैसे करती है प्रभावित? डॉक्टर से जानें


Khushkhabri With IVF: हर संभव प्रयास करने के बाद जिन दंपत्तियों को संतान सुख नहीं मिल पात है। उनके लिए आईवीएफ ट्रीटमेंट एक उम्मीद की किरण की तरह कार्य करता है। जिन दंपत्तियों को संतान की प्राप्ति नहीं होती है उनको कई तरह के सामाजिक और मानसिक दबाव का सामना करना पड़ सकता है। आसपास के लोग और रिश्तेदार अक्सर उनसे सिर्फ एक ही सवाल के बारे में बार-बार पूछते हैं। ऐसे में दंपत्ति समाजिक कार्यों में जाने से करताने लगते हैं। साथ ही, वह केवल इसी विषय के बारे में सोचने लगते हैं। इस स्थिति में दंपत्ति आईवीएफ का विकल्प सुन सकते हैं। इस ट्रीटमेंट को शुरु करने से पहले कई तरह की सावधानियां बरतनी होती हैं। इस दौरान डॉक्टर महिला और पुरुष के प्रजनन स्वास्थ्य की जांच के लिए कई तरह के टेस्ट करने की सलाह देते हैं। इसके बाद डॉक्टर महिलाओं के हार्मोन को नियंत्रित करने के लिए कई दवाएं देते हैं। आईवीएफ प्रक्रिया में सबसे पहले ओवरी को स्टीम्यूलेट किया जाता है। इससे एग्स क्वालिटी बेहतर होती है। आईवीएफ ट्रीटमेंट में एग्स की क्वालिटी का बेहतर होना बेहद आवश्यक होता है। डॉक्टर के मुताबिक महिलाओं के एग्स की क्वालिटी खराब होने से एग्स के फर्टाइल होने में बाधा उत्पन्न हो सकती है। यह आईवीएफ ट्रीटमेंट की सफलता दर को कम कर सकती है। इस लेख में एग्स क्वालिटी का आईवीएफ प्रक्रिया में क्या प्रभाव पड़ता है?

हर साल 25 जुलाई को World IVF Day मनाया जाता है। सामान्य तौर पर आईवीएफ को लेकर लोगों को मन में कई तरह के प्रश्न रहते हैं। OnlymyHealth एक कैंपेन Khushkhabri With IVF में चला रहा है। इस कैंपेन में इन्हीं प्रश्नों को जवाब डॉक्टर की सलाह पर आसान भाषा में दिये जाते हैं। इस लेख में कौंशाबी के यशोदा सुपरस्पेशलिटी अस्पताल की कंसलटेंट इंफर्टिलिटी एंड आईवीएफ डॉ. स्नेहा मिश्रा से जानते हैं कि एग्स की क्वालिटी का आईवीएफ ट्रीटमेंट पर क्या प्रभाव होता है।  

महिलाओं की एग्स क्वालिटी का क्या मतलब होता है? 

एग्स की क्वालिटी का मतलब एग्स की फर्टाइल क्षमता और स्वस्थ एंब्रियो के रूप में विकसित होने की क्षमता से है। यह मुख्य रूप से दो कारकों द्वारा निर्धारित होता है। जिसमें एग्स के जेनेटिक्स मेटिरियल (क्रोमोसोम्स हेल्थ) और साइटोप्लाज्मिक (cytoplasmic components) को शामिल किया जाता है। हाई क्वालिटी एग्स में क्रोमोसोम्स की संख्या सही होती है, जिससे अनुवांशिक विकार होने की संभावना कम हो जाती है। 

egg quality affects IVF Treatment

एग्स की क्वालिटी को प्रभावित करने वाले कारक

महिला के एग्स की क्वालिटी को कई कारक प्रभावित कर सकते हैं, और इन्हें समझने से IVF ट्रीटमेंट्स के रिजल्ट को मैनेज करने और सफल बनाने में मदद मिल सकती है। आगे जानते हैं इन कारको के बारे में

आयु

महिला की आयु एग्स की क्वालिटी का सबसे महत्वपूर्ण निर्धारक मानी जाती है। महिलाएं सीमित संख्या में एग्स निर्मित करती हैं। जैसे-जैसे एक महिला की उम्र बढ़ती है, खासकर 35 वर्ष की आयु के बाद उनके एग्स में क्रोमोसोम्स संबंधी असामान्यताएं होने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में अधिक आयु आईवीएफ की सफलता दर को प्रभावित कर सकती है। 

जीवनशैली में बदलाव 

लाइफस्टाइल भी एग्स की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकते हैं। धूम्रपान, अत्यधिक शराब का सेवन, अनहेल्दी डाइट और एक्सरसाइज न करना प्रजनन स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकता है। 

मेडिकल कंडीशन

कुछ मेडिकल कंडीशन, जैसे पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS), एंडोमेट्रियोसिस और ऑटोइम्यून डिसऑर्डर, एग्स की क्वालिटी को प्रतिकूल रूप से प्रभावित कर सकते हैं। ये स्थितियां हार्मोनल असंतुलन का कारण बन सकती है, जिसकी वजह से एग्स की क्वालिटी प्रभावित हो सकती है। 

एग्स की क्वालिटी की जांच कैसे की जाती है?

आईवीएफ ट्रीटमेंट की शुरुआत करने से पहले डॉक्टर या विशेषज्ञ एग्स क्वालिटी की कई तरह से जांच कर सकते हैं। 

एंट्रल फॉलिकल काउंट (Antral Follicle Count - एएफसी)

अल्ट्रासाउंड स्कैन ओवरी में एंट्रल फॉलिकल्स की संख्या की जांच करता है। अधिक संख्या ओवरी रिजर्व इस बात का संकेत करता है कि आईवीएफ के दौरान हेल्दी एग्स को प्राप्त करने की संभावना बढ़ जाती है।

एंटी-मुलरियन हार्मोन (Anti-Müllerian Hormone AMH-एएमएच) टेस्ट

एएमएच ओवरी के फॉलिक्स द्वारा निर्मित एक हार्मोन है। एएमएच के स्तर को जांचने से ओवरी रिजर्व के बारे में पता चलता है। हाई एएमएच लेवल आमतौर पर एग्स की अधिक मात्रा से संबंधित होते हैं।

एग्स की क्वालिटी में सुधार कैसे करें? 

एग्स की क्वालिटी को प्रभावित करने वाले कुछ कारक, जैसे कि उम्र, को बदला नहीं जा सकता है। लेकिन ऐसे कई तरीके हैं जिनसे एग्स की क्वालिटी को बेहतर बनाने में मदद कर सकती हैं। 

जीवनशैली में बदलाव

डॉक्टर महिलाओं की एग्स क्वालिटी को बेहतर करने के लिए लाइफस्टाइल में बदलाव पर जोर देते हैं। इसके लिए उन्हें धूम्रपान छोड़ना, शराब का सेवन कम करना, एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर संतुलित आहार खाने और स्वस्थ वजन बनाए रखने की सलाह दी जाती है। नियमित एक्सरसाइज और स्ट्रेस को कम करने से हार्मोन्स और एग्स क्वालिटी में सुधार किया जाता है।

एडवांस रिप्रोडक्टिव तकनीक

एडवांस रिप्रोडक्टिव तकनीक IVF में रिजल्ट को भी बेहतर बना सकती हैं। एंब्रियो ट्रांसफर से पहले क्रोमोसोम्स संबंधी असामान्यताओं की जांच करने के लिए प्रीइम्प्लांटेशन जेनेटिक टेस्टिंग (PGT) का उपयोग किया जा सकता है, जिससे सफल गर्भावस्था की संभावना बढ़ जाती है। इसके अतिरिक्त, एग्स को फ्रीज करने जैसी तकनीके महिलाओं को कम उम्र में अपने एग्स को सुरक्षित रखने का विकल्प प्रदान करती हैं। इससे भविष्य में IVF उपचारों में सफलता की संभावना बढ़ जाती है।

इसे भी पढ़ें: आईवीएफ ट्रीटमेंट से पहले महिलाएं जरूर बरतें ये सावधानियां, मिलेगा बेहतर परिणाम

एक महिला के एग्स की क्वालिटी IVF Treatment की सफलता का एक महत्वपूर्ण मानक हो सकती है। आयु, लाइफस्टाइल और अंतर्निहित मेडिकल कंडीशन जैसे कारक एग्स की क्वालिटी को प्रभावित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ऐसे में डॉक्टर महिलाओं की लाइफस्टाइल में कई महत्वपूर्ण बदलाव कर सकते हैं। महिला और पुरुष की मौजूदा स्वास्थ्य स्थिति की जांच के बाद ही आईवीएफ प्रक्रिया को शुरु किया जाता है।  

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