Sugar and Depression: खाना भी कर सकता है आपके मूड को प्रभावित, जानें शुगर और डिप्रेशन के बीच का संबंध

आपका खाना आपके मूड पर भी असर डाल सकता है। आइए यहां हम आपको बताते हैं कि मीठा आपके मूड और भावनाओं पर कैसे प्रभाव डालता है। 
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Sugar and Depression: खाना भी कर सकता है आपके मूड को प्रभावित, जानें शुगर और डिप्रेशन के बीच का संबंध


खाने और आपकी भावनाओं के बीच एक गहरा संबंध है। जब आप भूखे होते हैं और कुछ खाना चाहते हैं, तो आप उस समय क्रोधी, परेशान या नाराज हो सकते हैं। इसी तरह जब आप स्वादिष्ट भोजन कर चुके होते हैं, तो आप ख़ुश और उत्साहित महसूस कर सकते हैं। आप क्‍या खाते हैं, इसका आपके स्‍वास्‍थ्‍य पर असर पड़ता है, भले ही वह आपको देरी से महसूस हो। भोजन का आपके स्वास्थ्य के लिए दीर्घकालिक प्रभाव भी हो सकता है। विशेष रूप से, बहुत अधिक मीठा या चीनीयुक्‍त खाना। शायद कम ही लोग जानते होंगे, कि बहुत अधिक मीठा खाने से डिप्रेशन और मूड के विकारों का खतरा बढ़ता है। 

शुगर और मूड के बीच संबंध 

बहुत अधिक मीठी चीजें खाने से डिप्रेशन, मूड डिसऑर्डर और कई स्वास्थ्य समस्‍याएं हो सकती हैं। जैसा कि आप जानते ही हैं कि बहुत ज्‍यादा चीनी आपके वजन को बढ़ाने के अलावा, अपने दांतों को खराब करने से जुड़ा है। मीठे के सेवन और डिप्रेशन के बीच के संबंध को और अधिक जानने के लिए आप आगे पढ़ें।  

Sugar and Depression

1. चीनी की लत कोकीन की तुलना में अधिक है

मस्तिष्क के मीठे रिसेप्टर्स चीनी के निरंतर और हाई लेवल के अनुकूल नहीं होते हैं। यह मिठास ब्रेन रिवॉर्ड सेंटर को उत्तेजित कर सकती है और कोकीन की तुलना में अधिक नशीली हो सकती है। चीनी हाई कोकीन से ज्‍याद नशीली आदत है, क्‍योंकि इसमें आपके आत्म-नियंत्रण तंत्र की चीनी की ताकत से कोई मुकाबला नहीं होता। यही वजह है कि आप शुगर क्रेविंग को रोक नहीं पाते। 

2. मीठे की आदत बन सकती है डिप्रेशन की वजह  

मीठे की आदत सूजन से जुड़ी है और जो कि डिप्रेशन से जुड़ा है। यह तो आप सभी जानते हैं कि मीठी चीजों के अधिक सेवन से हम ज्‍यादा कैलोरी लेते हैं, ऐसे में यह आदत मोटापे का कारण बन सकती है। लेकिन एक अध्ययन के अनुसार मोटाप या सूजन डिप्रेशन से जुड़ा है। जिसमें मेटाबॉलिक सिंड्रोम, कैंसर और अस्थमा शामिल हैं ।

Sugar Craving

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3. पुरुषों में अधिक होता है चीनी का प्रभाव 

महिलाओं की तुलना में चीनी का प्रभाव पुरूषों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए अधिक संवेदनशील होता है। अध्‍ययन की मानें, तो जो पुरुष 67 ग्राम चीनी का सेवन प्रति दिन खाते हैं, उनमें पांच साल बाद डिप्रेशन होने की भावना 23 प्रतिशत अधिक हो सकती है। इसलिए कोशिश करें चीनीयुक्‍त खाद्य-पदार्थों के सेवन को कम करें। ।

4. रिफाइन्‍ड कार्बोहाइड्रेट डिप्रेशन से जुड़ा है

शोधकर्ताओं का मानना है कि फल, सब्जियों जैसे संपूर्ण खाद्य पदार्थों से समृद्ध आहार, मध्यम आयु में डिप्रेशन के जोखिम को कम कर सकते हैं। लेकिन जो लोग अधिक मीठी चीजें, तले हुए खाद्य पदार्थ और प्रोसेस्‍ड मीट जैसे खाद्य पदार्थ खाते हैं, उनमें डिप्रेशन का खतरा अधिक होता है।  

Sugar can affect you mood

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5.बेक्‍ड चीजें भी करती है डिप्रेशन को ट्रिगर 

मफिन और पेस्ट्री जैसी मीठी चीजें भी डिप्रेशन को ट्रिगर कर सकती हैं। स्पैनिश शोधकर्ताओं ने पाया कि जो लोग सबसे ज्यादा बेक्‍ड शुगरी फूड्स खाते हैं, उनमें उन व्यक्तियों की तुलना में डिप्रेशन का 38 प्रतिशत अधिक जोखिम होता है, जो इनका सेवन कम करते हैं। शोधकर्ताओं ने सुझाव दिया कि ट्रांस फैट का सेवन एक भूमिका निभा सकता है। इस प्रकार के अनहेल्‍दी फैट मोटापे की ओर जाता है और हृदय रोग और दिल के दौरे के लिए आपके जोखिम को बढ़ाता है । 

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