
हर महिला के लिए पीरियड्स की समस्याएं अलग-अलग हो सकती हैं। कई महिलाओं के लिए यह ज्यादा दर्दनाक हो सकता है, तो वहीं कुछ महिलाओं को पीरियड्स के दौरान ज्यादा समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता है। लेकिन इसके बावजूद जो चीज सबसे ज्यादा महत्व रखती है, वो है पीरियड्स के दौरान हाइजीन मेंटेन करना। पीरियड्स के दौरान शरीर बैक्टीरिया के संपर्क में रहता है, ऐसे में वजाइनल इन्फेक्शन होने का खतरा सबसे ज्यादा हो सकता है। वहीं पैड चेंज करने को लेकर भी महिलाओं में अलग-अलग धारणाएं देखने को मिलती हैं। कई महिलाएं फ्लो के मुताबिक ही पैड चेंज करती हैं यानी अगर फ्लो ज्यादा नहीं है, तो वो कई घंटे तक एक ही पैड लगाए रखती हैं। लेकिन क्या आप जानती हैं कि बहुत देर तक एक ही पैड को लगाए रखने के कुछ स्वास्थ्य संबंधी नुकसान भी हो सकते हैं? इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए हमने बात की गुरुग्राम के सीके बिरला हॉस्पिटल की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ आस्था दयाल से, जिन्होनें हमें इस विषय पर जानकारी दी।
कितने घंटे में पैड चेंज करना चाहिए?
एक्सपर्ट की मानें तो हर 4 से 6 घंटे के बीच पैड चेंज करना जरूरी है। अगर हैवी ब्लीडिंग नहीं भी है, फिर भी कम से कम 6 घंटे में पैड जरूर चेंज करना चाहिए। देर तक जमा हुआ ब्लड स्किन को इरिटेट कर सकता है, वहीं लंबे समय तक पुराने पैड का इस्तेमाल फंगल और बैक्टीरियल इन्फेक्शन का कारण भी बन सकता है।
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इन समस्याओं का कारण बन सकता है लंबे समय तक पैड चेंज न करना -
लंबे समय तक पैड न बदलने से वजाइना में खुलजी, जलन, स्किन रैशेज, त्वचा के छिलने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। वहीं यह यूटीआई का जोखिम बढ़ाने और वजाइना से बदबू आने का कारण भी बन सकता है। एक्सपर्ट के मुताबिक कई मामलों में लंबे समय तक पैड न बदलना सर्वाइकल कैंसर का कारण भी बन सकता है, क्योंकि वजाइना के गीला होने से बैक्टीरिया वजाइना में जाकर इन्फेक्शन कर सकते हैं।
इन खास बातों का भी रखें ध्यान -
इसलिए यह जरूरी है कि आप पीरियड्स के दौरान हर 4 से 6 घंटे में पैड जरूर चेंज करें। वहीं जो महिलाएं कपड़े वाले पैड्स का इस्तेमाल करती हैं, उन्हें पैड धोने और धूप में सुखाने के बाद ही इस्तेमाल करना चाहिए। इसके अलावा अगर आपको पैड्स से किसी तरह की परेशानी या इर्रिटेशन होती है, तो आपके लिए मेंस्ट्रुअल कप का इस्तेमाल करना ज्यादा फायदेमंद हो सकता है। मेंस्ट्रुअल कप के इस्तेमाल से स्किन में रैशेज और खुजली की समस्या नहीं होगी।
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इन खास बातों का ध्यान रखकर आप अपनी वजाइनल हेल्थ का ध्यान रख सकती हैं। वहीं समय पर पैड चेंज करना और हाइजीन मेंटेन करना आपको इन्फेक्शन और बीमारियों के खतरे से बचा सकता है।