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जान लें केसर खाने की सही मात्रा, सेलिब्रिटी डाइटिशियम Pooja Makhija ने बताया कैसे दूर होंगे डिप्रेशन के लक्षण

केसर में एंटी डिप्रेसेंट गुण होते हैं। सही तरीके से केसर खाने पर एंग्जायटी और अवसाद के लक्षणों में कमी (how much saffron for depression and anxiety) आ सकती है। लेकिन, सवाल यह है कि कितना केसर लें और कैसे करें इसका सेवन।
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जान लें केसर खाने की सही मात्रा, सेलिब्रिटी डाइटिशियम Pooja Makhija ने बताया कैसे दूर होंगे डिप्रेशन के लक्षण


आज के समय में बहुत से लोग स्ट्रेस और एंग्जायटी से गुजर रहे हैं। डिप्रेशन के मरीजों की भी संख्या बढ़ती जा रही है। भले ही कारण चाहे जो हो हमें डिप्रेशन और एंग्जायटी से लड़ना सीखना होगा। इसके लिए हमें अपनी लाइफस्टाइल में योग, मेडिटेशन के अलावा डाइट में भी कुछ बदलाव करना होगा। जैसे कि हाल ही में सेलिब्रिटी डाइटिशियम पूजा मखीजा (Pooja Makhija) ने अपने एक इंस्टा पोस्ट में बताया कि कैसे केसर शरीर के लिए दर्दनिवारक की तरह काम कर सकता है। एंटी डिप्रेसेंट के रूप में केसर कितना कारगर है और इसके सेवन से शरीर को कितने फायदे हो सकते हैं। साथ ही इस पोस्ट में पूजा मखीजा ने केसर खाने की सही मात्रा भी बताई है। तो आइए, जानते हैं डिप्रेशन में केसर के फायदे और सेवन की सही मात्रा।

डिप्रेशन में केसर के फायदे-How Kesar is beneficial in Depression

डिप्रेशन में केसर का सेवन इसके लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है। दरअसल, केसर में कई ऐसे बायोएक्टिव कंपाउंड्स होते हैं जो कि अवसाद के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं। सेलिब्रिटी डाइटिशियम पूजा मखीजा ने इन्हीं इंग्रीडिएंट्स के बारे में बताया कैसे यह मूड स्विंग्स, अवसाद और खराब मानसिक स्वास्थ्य को ठीक करने में मदद कर सकते हैं। जैसे कि केसर में तीन प्राकृतिक यौगिक होते हैं जो इसे रंग और संभावित स्वास्थ्य लाभ प्रदान करते हैं।

 

 

 

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1. क्रोसिन (Crocin)

डिप्रेशन में केसर का इस्तेमाल करने की सबसे बड़ी वजह है इसका क्रोसिन कंपाउंड। यह पानी में घुलनशील बायोएक्टिव कंपाउंड है जो रंग प्रदान करता है और एक एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करता है। NIH के अनुसार केसर का अर्क और क्रोसिन सीखने और याददाश्त में सुधार कर सकते हैं। क्रोसिन हिप्पोकैम्पस में ऑक्सीडेटिव तनाव को रोक सकते हैं और डिप्रेशन के लक्षणों को कम कर सकते हैं।

depression

2. क्रोसेटिन (Crocetin)

केसर का दूसरा कंपाउंड है क्रोसेटिन जो हेल्दी ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ावा देता है और मस्तिष्क को ऑक्सीजन प्राप्त करने में मदद करता है। क्रोसेटिन, वैसे तो एक कैरोटीनॉयड है जो एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करता है, कोशिकाओं को क्षति से बचाता है और सूजन रोकता है। यह ब्रेन को रिलैक्स करने में मदद करता है जिससे मूड स्विंग्स में कमी आती है।

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3. सैफ्रानल (Safranal)

सैफ्रानल एक सुगंधित यौगिक जो मन को शांत कर सकता है और मनोदशा को संतुलित कर सकता है। इसका एंटीऑक्सीडेंट और सूजनरोधी गुण ब्रेन की सेहत को बेहतर बनाने में मदद करता है। यह बेहतर मूड, संज्ञानात्मक कार्य और न्यूरोडीजेनेरेटिव रोगों से संभावित सुरक्षा प्रदान करता है। सैफ्रानल पेट, दिल और ब्रेन की कई समस्याओं में भी कारग है।

केसर खाने की सही मात्रा-How much kesar to consume in hindi

सेलिब्रिटी डाइटिशियम पूजा मखीजा बताती हैं कि डिप्रेशन के लक्षण महसूस करने वाले लोगों को रोज 30 मिलीग्राम केसर का सेवन करना चाहिए। आप इसे दूध में मिलाकर ले सकते हैं, पानी में मिलाकर ले सकते हैं या फिर केसर की चाय भी पी सकते हैं।

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तो अगर आपका मूड लो रहता है या आपको स्ट्रेस और एंग्जायटी परेशान कर रही है तो आप केसर का सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा आप स्वाद और बेहतर स्वास्थ्य के लिए भी केसर का सेवन कर सकते हैं। तो आज से अपनी डाइट में जरूर शामिल करें केसर।

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