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क्या वॉक करने से डिप्रेशन और एंग्जायटी में कमी आ सकती है? एक्सपर्ट से जानें

Walk benefits for Depression and Anxiety: वॉक करने से आप सेहत से जुड़ी कई समस्याओं से बच सकते हैं। लेकिन, क्या यह एंग्जायटी और डिप्रेशन में भी मददगार है। आइए, जानते हैं इस बारे में विस्तार से।
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क्या वॉक करने से डिप्रेशन और एंग्जायटी में कमी आ सकती है? एक्सपर्ट से जानें

Walk benefits for Depression and Anxiety: आजकल खराब लाइफस्टाइल और स्ट्रेस की वजह से लोगों में डिप्रेशन की समस्या ज्यादा बढ़ती जा रही है। हालांकि, इसकी शुरुआत अकेलेपन, खराब मूड और एंग्जायटी से होती है लेकिन समय के साथ यह दिक्कत तेजी से बढ़ने लगती है। इसके बाद व्यक्ति डिप्रेशन के लक्षणों को महसूस करने लगता है और समय के साथ यह स्थिति गंभीर रूप ले लेती है। लेकिन, लाइफस्टाइल को सही करें तो आप डिप्रेशन और एंग्जायटी से बच सकते हैं। इसके अलावा आप वॉक की मदद से भी इस स्थिति से बाहर आ सकते हैं। लेकिन, कैसे आइए जानते हैं इस बारे में Dr. Sheetal Goyal, consultant neurologist at Wockhardt Hospitals, Mumbai Central से।

क्या वॉक करने से डिप्रेशन और एंग्जायटी में कमी आ सकती है?

पैदल चलना, व्यायाम का एक सरल और सुलभ रूप है, जिसे आपका मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है। NIH के अध्ययनों से पता चलता है कि नियमित रूप से पैदल चलने से अवसाद और चिंता के लक्षणों में काफी कमी आ सकती है, जिससे तत्काल और दीर्घकालिक भावनात्मक राहत दोनों मिलती है। दरअसल, शारीरिक गतिविधि एंडोर्फिन के प्रोडक्शन को ट्रिगर करती है। यह ब्रेन का एक कैमिकल है जो प्राकृतिक मूड लिफ्टर के रूप में काम करते हैं। यहां तक कि 30 मिनट की तेज सैर भी आपको अच्छा महसूस कराने में मदद कर सकती है।

डिप्रेशन और एंग्जायटी में वॉक करने के फायदे-Walking Benefits in Depression and Anxiety in Hindi

वॉक करने से हैप्पी हार्मोन बढ़ता है

वॉक करने से शरीर के हैप्पी हार्मोन बढ़ते हैं। इससे उदासी, चिंता और तनाव की भावनाओं में कमी आती है। इसके अतिरिक्त, पैदल चलने से शरीर के प्राथमिक तनाव हार्मोन कोर्टिसोल का स्तर कम होता है, जिससे व्यक्ति को चिंता को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने में मदद मिलती है। इससे एंग्जायटी और डिप्रेशन कम करने में मदद मिलती है और आपको बेहतर महसूस हो सकता है।

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नेगेटिव विचारों पर रोक लगाने में मददगार

वॉक करन तनाव कम करने और मानसिक रूप से स्वस्थ रखने में मददगार है। खासकर जब आप पार्क में या नेचर से जुड़ी जगहों पर वॉक करते हैं तो यह इंद्रियों को सक्रिय करता है और मन को सचेत करता है। आस-पास के दृश्यों, ध्वनियों और संवेदनाओं पर ध्यान केंद्रित करने से मन नकारात्मक विचारों से दूर हो सकता है और शांति और उपस्थिति की भावना को बढ़ावा मिल सकता है। ग्रीन एक्सरसाइज या प्राकृतिक वातावरण में व्यायाम करने के अध्ययनों से पता चला है कि इनडोर गतिविधियों की तुलना में अवसाद और चिंता के लक्षणों में और भी अधिक कमी आती है।

नींद अच्छी आती है

वॉक करने से नींद भी अच्छी आती है, ऊर्जा का स्तर बढ़ता है और मानसिक रूप से व्यक्ति मजबूत महसूस करता है। इसके अलावा अच्छी नींद से कार्टिसोल लेवल कम होता है, स्ट्रेस में कमी आती है और व्यक्ति बेहतर महसूस होता है।

एनर्जी और स्टेमिना बढ़ाने में मददगार है

एनर्जी और स्टेमिना बढ़ाने के लिए वॉक करना फायदेमंद है। जब आप वॉक करते हैं तो शरीर की स्टेमिना तेजी से बढ़ती है और एनर्जी लेवल बढ़ता जाता है। इससे आप बेहतर महसूस करते हैं और आपका एनर्जी लेवल बढ़ जाता है। इससे शरीर में हैप्पी हार्मोन्स बढ़ते हैं और व्यक्ति बेहतर महसूस करता है।

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वॉक करने का सामाजिक पहलू जैसे कि पैदल चलने वाले समूह में शामिल होना या किसी मित्र के साथ टहलना अकेलेपन की भावना को कम करके इसके लाभों को और बढ़ा सकता है। मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ अक्सर अवसाद और चिंता के प्रबंधन के लिए एक समग्र स्वास्थ्य दृष्टिकोण के हिस्से के रूप में इसकी सलाह देते हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि वॉक करने के लिए किसी विशेष चीज की जरूरत नहीं है, जिससे यह कई लोगों के लिए एक आसान और टिकाऊ आदत बन जाती है। तो अपने दैनिक दिनचर्या में वॉक को शामिल करें। बेहतर मानसिक स्वास्थ्य का समर्थन करने का यह एक सरल लेकिन अत्यधिक प्रभावी तरीका हो सकता है।

FAQ

  • चिंता दूर करने के लिए कितनी देर तक चलना है?

    चिंता दूर करने के लिए आपको रोजाना 30 मिनट वॉक करना चाहिए। हालांकि, कोशिश करें कि 6 हजार स्टेप्स जरूर पूरी करें। ऐसा करने से आपका दिमाग शांत और कूल रहेगा। मूड स्विंग्स और एंग्जायटी नहीं होगी और डिप्रेशन से बचाव होगा।
  • क्या रात में चलने से चिंता में मदद मिलती है?

    अगर आप रात में वॉक करते हैं तो आपका स्ट्रेस भले ही कम हो लेकिन ज्यादा वॉक करने से आपका दिमाग एक्टिव हो सकता है और आपकी नींद प्रभावित हो सकती है। इसलिए सोने से लगभग 1 घंटे पहले वॉक कर आएं ताकि शरीर थक जाए और आपको एक अच्छी नींद आए।
  • एंग्जायटी कम करने के लिए वॉक करने का सही समय

    एंग्जायटी कम करने के लिए आप वॉक करने के इस समय (Best time to exercise for anxiety) को चुन सकते हैं। दरअसल, जिन लोगों को एंग्जायटी ज्यादा होती है उन लोगों के लिए शाम के समय योग करना (evening yoga)फायदेमंद है। इससे आप रिलैक्स महसूस करते हैं और आपको अच्छी नींद आती है।

 

 

 

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