
What is Fluoride in Water in Hindi: फ्लोराइड एक प्राकृतिक तत्व है, जो पानी, हवा समेत कई खाद्य पदार्थों में पाया जाता है। आपको बता दें कि फ्लोराइड को दांतों और हड्डियों के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है। स्वस्थ रहने के लिए पानी में फ्लोराइड का सही स्तर होना बहुत जरूरी होता है। क्योंकि फ्लोराइड का स्तर सेहत पर बुरा या अच्छा असर डाल सकता है। ज्यादा फ्लोराइड वाला पानी पीने से कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं। यह पानी हड्डियों और दांतों को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है। लेकिन, पाने के पानी में प्लोराइड कितना होना चाहिए? आइए, दंतवेद्या डेंटल क्लीनिक की डॉ. प्रियंका टिकू से जानते हैं-
पीने के पानी में फ्लोराइड कितना होना चाहिए?
भारतीय मानक ब्यूरो (Bureau of Indian Standards) के अनुसार, पानी में फ्लोराइड की मात्रा 1 mg/L (मिलीग्राम प्रति लीटर) होना चाहिए। पानी में फ्लोराइड की जितनी कम मात्रा होती है, उतना ही सेहत के लिए फायदेमंद होता है। पानी में फ्लोराइड की अधिक मात्रा सेहत को नुकसान भी पहुंचा सकती है। पानी में फ्लोराइड का अधिक स्तर सेहत पर असर डाल सकता है।
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पानी में फ्लोराइड का सामान्य स्तर होने के फायदे
- अगर पानी में फ्लोराइड का स्तर सामान्य है, तो इससे दांतों की सेहत बेहतर बनी रहती है। फ्लोराइड, दांतों को सड़ने से बचाने में मदद करता है। दरअसल, फ्लोराइड दांतों में इनेमल में मिल जाता है, जिससे दांत ज्यादा मजबूत बनते हैं। फ्लोराइड का सही स्तर दांतों में कैविटी के जोखिम को भी कम करता है।
- पानी में फ्लोराइड का सही स्तर हड्डियों की सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है। फ्लोराइड हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है। यह तत्व कैल्शियम के साथ मिलकर, हड्डियों को मजबूत बनाने का काम करता है।
- अगर आप ऐसे पानी का सेवन करते हैं, जिसमें फ्लोराइड का स्तर सामान्य होता है तो इससे अर्थराइटिस का जोखिम कम हो सकता है। इस पानी को पीने से जोड़ों के दर्द और सूजन से राहत मिल सकती है।
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पानी में फ्लोराइड का अधिक स्तर होने के नुकसान
- पानी में फ्लोराइड का अधिक स्तर हड्डियों को नुकसान पहुंचा सकता है। दरअसल, इससे हड्डियों में फ्लोराइड जमा हो जाता है। इससे हड्डी के ऊतक कमजोर हो सकते हैं। इससे जोड़ों में दर्द का जोखिम बढ़ सकता है।
- पानी में फ्लोराइड का अधिक स्तर बच्चों के दांतों को भी नुकसान पहुंचा सकता है। यह डेंटल फ्लोरोसिस का कारण बन सकता है। फ्लोरोसिस की वजह से दांतों में हल्के सफेद धब्बे नजर आ सकते हैं।
- पानी में फ्लोराइड का अधिक स्तर गठिया का जोखिम बढ़ सकता है। इससे जोड़ों में सूजन की समस्या हो सकती है।
- पानी में फ्लोराइड का ज्यादा स्तर थायरॉइड हार्मोन को भी प्रभावित कर सकता है। फ्लोराइड की अधिक मात्रा आयोडीन के अवशोषण को बाधित कर सकता है। इससे थायरॉइड रोग विकसित होने का जोखिम बढ़ सकता है।
अगर पानी में फ्लोराइड का सामान्य स्तर हो, तो यह सेहत के लिए सही होता है। हालांकि, फ्लोराइड का अधिक स्तर दांतों और हड्डियों को नुकसान पहुंचा सकता है।
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