Diet For Hormone Imbalance: हमारे आसपास ऐसे लोग जरूर होते हैं जिन्हें कई सारी बीमारियां एक साथ होती है। अगर वजन ज्यादा है तो डायबिटीज और थायराइड भी होता है। इसके अलावा, अगर उन्हें तनाव ज्यादा है, तो उन्हें एंग्जायटी भी होगी। हमें लगता है यह समस्याएं उनके बढ़ते वजन के कारण है। लेकिन हर बार बीमारियां केवल बढ़ते वजन के कारण नहीं होती है। ऐसे में व्यक्ति हार्मोन्स असंतुलन का शिकार भी हो सकता है। हार्मोन्स असंतुलन एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर में कई हार्मोन्स एक साथ असंतुलित होने लगते हैं। ऐसे में व्यक्ति में मानसिक बदलाव के साथ शारीरिक बदलाव भी आने लगते हैं। कई लोग हार्मोन्स संतुलित करने के लिए दवाएं भी लेते हैं। लेकिन इस समस्या को आप हेल्दी और लाइफस्टाइल से ठीक कर सकते हैं। इस बात का उदाहरण है हार्मोन कोच और हार्मोन रिसेट किताब की लेखक पूर्णिमा पेरी। ओनलीमायहेल्थ के साथ हुई खास बातचीत में पूर्णिमा ने बताया कि वो 2020 से लोगों को हेल्दी लाइफस्टाइल सीखा रही हैं। अब तक वह हजारों लोगों को हेल्दी लाइफस्टाइल से हार्मोन्स बैलेंस करने में मदद कर चुकी हैं। इसी के साथ उनकी खुद की कहानी भी बहुत प्रेरणात्मक रही है। पूर्णिमा पेरी कई सालों से हार्मोन्स असंतुलन से ग्रस्त थीं। उन्होंने केवल हेल्दी डाइट और लाइफस्टाइल से अपनी जिंदगी पूरी तरह बदली है। हेल्दी डाइट और लाइफस्टाइल कैसे बीमारियों से बाहर आने में मददगार है। यह जानने के लिए ओनलीमायहेल्थ बीमारी और डाइट नामक सीरीज पर चला रहा है।आज इस सीरीज में हम जानेंगे पूर्णिमा पेरी ने कैसे हार्मोन्स असंतुलन को कंट्रोल किया है। आइए आगे लेख में खुद पूर्णिमा से जानें उन्होंने खुद पर काम कैसे किया है।
हार्मोन्स असंतुलित होने के बारे में कब पता चला?
इस प्रश्न का जवाब देते हुए एक्सपर्ट कहती है “मेरी लाइफ लंबे समय से काफी स्ट्रेसफुल चल रही थी। ऑफिस के टॉक्सिक वर्क कल्चर के कारण मेरी मेंटल हेल्थ पर बुरा असर पड़ने लगा था। मुझे थायराइड के इशुज ज्यादा थे और डिप्रेशन रहता था। स्ट्रेस और एंग्जायटी की समस्या रहती थी और मूड स्विंग्स ज्यादा रहते थे। मैं बेवजह रोने लगती थी और मेरे लिए इमोशंस कंट्रोल करने काफी मुश्किल होते थे। मैं जर्नलिंग करती थी जिससे मुझे पता चलता था कि मेरे इमोशंस क्यों बदल रहे हैं। काफी रिसर्च के बाद मुझे पता चला कि मेरी बॉडी में कोर्टिसोल हार्मोन्स असंतुलित हो गया है।”
कोर्टिसोल का बैलेंस बिगड़ने से आपको क्या-क्या परेशानियां होती थी?
कोर्टिसोल हार्मोन असंतुलित होने की वजह से मेरी फिजिकल और मेंटल हेल्थ दोनों पर असर पड़ा। मेरा थायराइड बहुत ज्यादा था इसलिए मैं दवाएं लेती थी। मेरे पैरो और घुटनों में बहुत ज्यादा दर्द रहता था। यहां तक कि कई बार मेरे लिए सीढ़ियां चढ़ना भी मुश्किल हो जाता था। मुझे स्ट्रेस और एंग्जायटी की समस्या काफी रहती थी और मूड स्विंग्स कंट्रोल करने मुश्किल होते थे।
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आपने खुद को बदलने के बारे में कब सोचा?
एक्सपर्ट ने बताया जब उनकी परेशानियां लगातार बढ़ती जा रही थी। दूसरे बच्चे के बाद उनका वजन काफी बढ़ गया था। जब उनकी मां को कैंसर हुआ तब उन्होंने अपनी हेल्थ को ज्यादा सीरियस लेना शुरू किया। “मैं जर्नलिंग करती थी जिससे मुझे अपनी समस्याएं समझने में मदद मिली।” एक्सपर्ट ने कोर्टिसोल हार्मोन के बारे में काफी रिसर्च की और अपनी अनहेल्दी लाइफ से हेल्दी लाइफस्टाइल में कदम रखा।
हार्मोन्स बैलेंस करने के लिए इस तरह रखी डाइट और लाइफस्टाइल
- अपने इमोशंस कंट्रोल करने के लिए ग्राउंडिंग करना शुरू किया और ज्यादाकर समय नेचर में बिताया।
- मेडिटेशन किया और अपने अंदर पॉजिटिव विचार लाने शुरू किये। इन सभी चीजों से मेंटल हेल्थ कंट्रोल करने में मदद मिली। मूड स्विंग्स ठीक हुए और स्ट्रेस व एंग्जायटी भी कंट्रोल हुए।
- थायराइड होने के कारण ग्लूटेन फ्री डाइट लेना शुरू किया। इससे हार्मोन्स बैलेंस होने में काफी मदद मिली।
- जंक और प्रोसेस्ड फूड पूरी तरह से छोड़ दिया और मीठे का सेवन भी कम किया।
- डाइट में प्रोटीन और फाइबर ज्यादा लेना शुरू किया। इसके साथ ही, कार्ब्स और अनहेल्दी फैट्स को अवॉइड किया।
- क्या खाना चाहिए और किस समय और कब खाना चाहिए। इन सभी चीजों पर बारीकी से ध्यान दिया।
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हेल्दी लाइफस्टाइल फॉलो करने से आपको कब और क्या बदलाव दिखने लगे?
थायराइड की दवा लेना बंद हो गया और फैट भी तेजी से कम होने लगा। “कुछ ही महीने के अंदर बॉडी फिट और एक्टिव हो गई। मैं पहले से ज्यादा एक्टिव और एनर्जेटिक महसूस करनी लगी। अपनी ट्रांसफॉर्म जर्नी ने लोगों को मोटिवेट करने की हिम्मत आई। इसके बाद हार्मोन्स और हेल्थ को बारीकी से समझा और 2020 में हार्मोन कोच बनी।” तभी से पूर्णिमा पेरी लगातार लोगों को अपनी लाइफ बदलने में मदद कर रही हैं।
इस लेख में हमने पूर्णिमा पेरी के उदाहरण से समझा कैसे हेल्दी डाइट और लाइफस्टाइल से हार्मोन असंतुलन को भी ठीक किया जा सकता है। लेकिन इसके लिए खुद पर लगातार काम करना जरूरी है। इस सीरीज में हम ऐसी ही असल जिंदगी से जुड़ी कहानियां आपसे शेयर करते हैं, जिससे आपको हर समस्या से लड़ने में मदद मिल सके। इस सीरीज के अन्य लेख आप ओनलीमायहेल्थ की वेबसाइड पर पढ़ सकते हैं।