Liver Fibrosis Real Story: शरीर में कोई भी समस्या होने पर लक्षण बाहरी तौर पर नजर आने लगते हैं। लेकिन कई बिमारियां ऐसी भी हैं, जिन्हें आप बाहरी तौर पर नहीं समझ सकते हैं। ऐसे में कई बार समस्या नहीं समझ आ पाती है या फिर लक्षणों से बीमारी का पता नहीं चल पाता। ऐसा ही कुछ हुआ 23 वर्षिय अगस्त्य खुराना के साथ। अगस्त्य पेशे से एक सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर हैं, जो हरियाणा के रहने वाले हैं। ओनलीमायहेल्थ से हुई खास बातचीत में अगस्त्य ने बताया कि शुरुआत में उनकी बीमारी का पता नहीं चल पाया था। लेकिन धीरे-धीरे परेशानी जब बढ़ने लगी, तो उन्हें लिवर फाइब्रोसिस से ग्रसित होने के बारे में पता चला। डाइट में कंट्रोल करके और जीरो ऑयल डाइट फॉलो करके उन्होंने इस गंभीर समस्या को मात दी है। अगस्त्य को इस दौरान अन्य बीमारियां भी घेरने लगी थीं। आइये ओनलीमायहेल्थ की स्पेशल सीरीज ‘बीमारी और डाइट’ में डॉक्टर्स से जानें लिवर फाइब्रोसिस क्या है? साथ ही, जानें डाइट में बदलाव करके इस बीमारी को कैसे कंट्रोल किया जा सकता है। इस लेख में हम अगस्त्य की कहानी को विस्तार से समझेंगे। चलिए अगस्त्य से ही जानें उन्होंने कैसे इस बीमारी को कंट्रोल किया।
आपको परेशानी कब होना शुरू हुई थी?
यह समस्या मुझे करीब दो साल पहले शुरू हुई थी। शुरुआत में मुझे बहुत ज्यादा एसिडिटी होती थी। मैं कुछ भी खाता था तो मुझे गैस होने लगती थी। डॉक्टर से जब बातचीत कि तो हाइपरएसिडिटी के बारे में पता चला। करीब दो महीने तक दवा चलने के बावजूद असर नहीं पड़ा, तो अल्ट्रासाउंड करवाया गया। अल्ट्रासाउंड में पेट में अल्सर होने की समस्या का पता चला।
अल्सर की समस्या में पेट और आंत की सतह पर घाव होने लगते हैं। यह पेट में एसिड के दुष्प्रभावों की वजह से हो जाते हैं। अधिक मसालेदार और ऑयली चीजों का सेवन करने, शराब के अधिक सेवन या कुछ आनुवांशिक कारणों से यह समस्या हो सकती है। ऐसे में व्यक्ति को पेट में जलन, भारीपन, जी मिचलाना और भूख न लगना, गैस और खट्टी डकार आने जैसी समस्याएं होने लगती हैं।
लिवर फाइब्रोसिस के बारे में आपको कब पता चला?
कई महीनों तक मेरी पेट में अल्सर की दवाइयां चली। डॉक्टर्स को भी मेरी समस्या समझ में नहीं आ पा रही थी। क्योंकि पेट के अल्सर होने की वजह नहीं पता चल रही थी। इसके बाद मेरे फिर से चेकअप शुरू हुए। इस बार रिपोर्ट में लिवर फाइब्रोसिस से ग्रसित होने का पता चला। डॉक्टर्स के मुताबिक अगर मैं डाइट पर कंट्रोल नहीं करता, तो बीमारी ज्यादा गंभीर हो सकती थी।
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लिवर फाइब्रोसिस को कंट्रोल करने के लिए आपने क्या किया?
जैसा कि डॉक्टर्स ने पहले से समस्या के गंभीर होने के बारे में बताया हुआ था। ऐसे में अगर मैं दवाओं और डाइट कंट्रोल नहीं करता, तो यह कैंसर भी बन सकती थी। मैंने अपनी डाइट और लाइफस्टाइल में चेंज करना शुरू किया। मैंने शराब और सिगरेट का सेवन करना बिल्कुल छोड़ दिया। फिट होने के लिए मैंने वर्कआउट करना शुरू कर दिया।
अपनी बीमारी कंट्रोल करने के लिए आपने क्या डाइट फॉलो की?
- डॉक्टर ने मुझे जीरो ऑयल डाइट फॉलो करने की सलाह दी। ऐसा इसलिए क्योंकि फैटी लिवर होने की वजह से बॉडी फैट्स पचा नहींं पा रही थी।
- डाइट से प्रोसेस्ड और जंक फूड पूरी तरह से अवॉइड करना शुरू कर दिया। क्योंकि इन चीजों को पचाना बहुत मुश्किल था।
- डाइट से सफेद नमक और मीठा बिल्कुल खत्म कर दिया। सफेद चीनी, देसी खांड और गुड का सेवन भी नहीं किया।
- सीजनल फल और सब्जियों का सेवन ज्यादा किया। सब्जियों को केवल पानी में पकाकर बनाना शुरू किया।
- गेंहू के आटे की बिना घी वाली रोटी का सेवन किया। दो रोटी से अधिक रोटी का सेवन नहीं किया। उबली दाल ही खाई जिससे पचाने में आसान हो।
- तेज मसालों का सेवन करना बंद कर दिया। इनकी जगह काला नमक और हींग-जीरे में सब्जियां बनाना शुरू किया।
जीरो ऑयल डाइट को फॉलो करने से आपको क्या फर्क नजर आएं?
डाइट में बदलाव करने से बीमारी प्राकृतिक रूप से जल्दी ठीक हो गई। दिन में मुझे 12-12 दवाईयां खानी पड़ती थी। लेकिन डाइट फॉलो करने से दवाईयां आधी हो गई। इसके साथ ही, एक साल के अंदर करीब 35 किलो वजन कम हो गया। मैं पहले से ज्यादा एक्टिव और एनर्जेटिक रहने लगा। मेरी रिपोर्ट भी नॉर्मल आने लगी और डेढ़ साल में 90 प्रतिशत तक लिवर फाइब्रोसिस कंट्रोल हो गया।
अगस्त्य की डाइट के बारे में समझने के लिए हमने बात कि फरीदाबाद के मेट्रो हॉस्पिटल की एचओडी- डायटेटिक्स डायटिशियन राशि टांटिया से। एक्सपर्ट ने बताया कि लिवर फाइब्रोसिस में जीरो डाइट फॉलो करना काफी फायदेमंद हो सकता है।
ऐसे में आपको तीखा, तला-भूना और वसा युक्त चीजों को अवॉइड करना चाहिए। साथ ही काजू, पिस्ता जैसे गर्म तासीर वाली चीजों को भी अवॉइड करना चाहिए। अगर आप इस समस्या में सलाद, सीजनल सब्जी और फल ज्यादा खाते हैं, तो आप इस समस्या को जल्द कंट्रोल कर सकते हैं।
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लिवर फाइब्रोसिस के बारे में ज्यादा जानने के लिए हमने बात कि मारेंगो एशिया हॉस्पिटल (गुरुग्राम) के लिवर ट्रांसप्लांट और एचपीबी सर्जरी संस्थान के निदेशक और एचओडी डॉ. पुनित सिंगला से। उन्होंने बताया कि लिवर फाइब्रोसिस से ग्रसित व्यक्ति में खराब टिशूज लिवर के अंदर रक्त प्रवाह को बाधित कर देते हैं। इसकी वजह से लिवर की कोशिकाएं नष्ट होने लगती हैं। लिवर फाइब्रोसिस में लिवर के हेल्दी टिशूज पर घाव बनने लगते हैं।
लिवर फाइब्रोसिस के लक्षण और कारण क्या हैं? Causes and Symptoms of Liver Fibrosis
लिवर फाइब्रोसिस के लक्षण- Liver Fibrosis Symptoms
लिवर फाइब्रोसिस में व्यक्ति को थकान, कमजोरी, भूख में कमी, जी मिचलाना, पेट में तकलीफ या दर्द, पीलिया (त्वचा और आंखों का पीला पड़ना), पैरों और टखनों में सूजन (एडिमा) और वजन घटने जैसी समस्याएं होने लगती हैं।
लिवर फाइब्रोसिस के कारण- Liver Fibrosis Causes
क्रोनिक वायरल हेपेटाइटिस (हेपेटाइटिस बी और सी), फैटी लिवर, नॉनअल्कोहलिक फैटी लीवर (NAFLD) और नॉनअल्कोहलिक स्टीटोहेपेटाइटिस (NASH), ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस, आनुवंशिक कारण (जैसे, हेमोक्रोमैटोसिस, विल्सन रोग) और कुछ दवाओं के लगातार संपर्क में रहने से भी लिवर फाइब्रोसिस का खतरा बढ़ सकता है।
इस लेख में हमने अगस्त्य के उदाहरण से जाना कि डाइट कैसे बड़ी से बड़ी बीमारी से राहत देने में भी मदद कर सकती है। हमने जाना कि लिवर फाइब्रोसिस की समस्या में जीरो डाइट कैसे फायदेमंद साबित हुई है। इस सीरीज में ऐसी ही नई कहानी आपसे साझा करेंगे, जिसमें डाइट के जरिए किसी बीमारी को ठीक किया गया हो। इस बारे में ज्यादा जानने के लिए आप ओनलीमायहेल्थ के इंस्टाग्राम और फेसबुक पेज पर भी हमने जुड़ सकते हैं।