प्रेग्नेंसी की खबर मिलने के बाद से ही महिलाएं अपना खास ध्यान रखने लगती हैं। इतना ही नहीं, गर्भवती महिलाओं के साथ उनके आस-पास रहने वाले लोग भी प्रेग्नेंसी के एक-एक पल को महसूस करने की कोशिश करने लगते हैं। लेकिन महिलाओं के लिए सबसे ज्यादा सुखद अनुभव पहली बार अपने बच्चे की हलचल महसूस करना है। प्रेग्नेंसी का समय बढ़ने के साथ गर्भ में भ्रूण की हलचलों में भी बदलाव होने लगते हैं, जिस कारण मां अपने बच्चे से आसानी से कनेक्ट कर पाती हैं और गर्भ के अंदर उनके स्वास्थ्य का पता लगा पाती है। हालांकि, गर्भ में भ्रूण की हरकत सभी महिलाओं में अलग-अलग हो सकती है। लेकिन, महिलाओं को ये समझना जरूरी है कि वे अपने शिशु की हरकतों पर (Fetal Movement During Pregnancy) ध्यान देते हुए उनके स्वस्थ रहने की पहचान कर सके। ऐसे में आइए, कोंडापुर के अपोलो क्रैडल की पोस्टडॉक्टरल फेलोशिप, ऑब्सटेट्रिक्स एंड गाइनेकोलॉजिस्ट डॉ. अमिता इंदरसन से जानते हैं कि गर्भावस्था के दौरान भ्रूण की हलचल किस तिमाही में कैसी होती है?
पहले तिमाही में बेबी मूवमेंट कैसे होती है?
प्रेग्नेंसी के पहली तिमाही के दौरान, आमतौर पर 12 से 14 हफ्तों के बीच, मां को भ्रूण की हलचल महसूस नहीं होती है। गर्भ में बच्चा इस दौरान बहुत छोटा होता है और इसलिए, उसकी हरकतें ज्यादा पता नहीं चल पाती हैं। पहली तिमाही के अंत तक, बच्चा गर्भ में इधर-उधर घूम रहा होगा, लेकिन ये हरकतें इस समय भी ज्यादा महसूस नहीं हो पती है।
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प्रेग्नेंसी के दूसरी तिमाही में भ्रूण की हलचल कैसी होती है?
गर्भावस्था के लगभग 18 से 20 हफ्ते तक, कई महिलाओं को अपने गर्भ में भ्रूण की हलचल के कुछ संकेत महसूस होने लगते हैं। ये हरकतें हल्की फड़फड़ाहट, बुलबुले या हल्की थपकी (in which month baby start moving in womb) जैसी लग सकती हैं। पहली बार मां बनने वाली महिलाओं के लिए, इन शुरुआती हरकतों को पहचानना मुश्किल हो सकता है, लेकिन जो महिलाएं पहले भी मां बन चुकी हैं, उनके लिए इन लक्षणों की पहचान करना आसान होता है। तीसरी तिमाही में भ्रूण की हरकतें अनियमित हो सकती है और रोजाना महसूस हो ये जरूरी नहीं होती है।
तीसरी तिमाही में बच्चे की हलचल कैसी होती है?
तीसरी तिमाही तक, लगभग 28 सप्ताह में, भ्रूण की हरकतें ज्यादा पता चलती हैं। इस समय, बच्चा काफी बड़ा हो जाता है, और आपके गर्भ में लात मारना, घूमना, हिचकी करना आदि जैसी हरकतें करने लगते हैं। प्रेग्नेंसी के तीसरी तिमाही में महिलाओं को भ्रूण की हलचल काफी आसानी से पता चल जाती हैं। खाना खाने के बाज जब आप लेटती हैं, या जब आप आराम कर रही होती हैं तो बच्चे की हरकतें ज्यादा महसूस होती है। बच्चा दिन के कुछ खास समय पर ज्यादा एक्टिव हो सकते हैं, आमतौर पर जब आप आराम कर रही होती है या कुछ खा पी रही होती है।
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गर्भ में बच्चे की हलचल को लेकर कब परेशान होना चाहिए?
गर्भ में भ्रूण की हरकत, शिशु के सोने के पैटर्न, प्रग्नेंसी के समय आदि चीजों पर निर्भर करती है, जो सभी बच्चों में अलग-अलग हो सकती है। तीसरी तिमाही में आमतौर पर एक दिन में बच्चे की 10 से 12 बार हलचल होना नॉर्मल होता है। लेकिन अगर आपको लगता है कि शिशु इससे कम हलचल कर रहा है या अचानक उसकी हरकतों में बदलाव हो चुका है तो तुरंत अपने डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए, क्योंकि शिशु की कम हलचल भ्रूण में ऑक्सीजन की कमी या अन्य समस्याओं का संकेत हो सकता है।
निष्कर्ष
आम तौर पर, प्रेग्नेंसी के दौरान समय के साथ भ्रूण गर्भ में बढ़ता जाता है, जिस कारण दूसरी या तीसरी तिमाही के आसपास आपको उसकी हलचल ज्यादा महसूस हो सकती है। खासकर तीसरी तिमाही में शिशु की कम हलचल एक दिन में 10 बार से कम महसूस हो तो आप इस समस्या को नजरअंदाज न करें और अपने डॉक्टर से जांच करवाएं।
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