
प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को अपनी सेहत का विशेष का ख्याल रखना पड़ता है क्योंकि उनकी सेहत शिशु की सेहत से जुड़ी होती है। प्रेगनेंसी में शिशु की मूवमेंट पर ध्यान देना जरूरी है क्योंकि बच्चे की मूवमेंट बताती है कि वह कितना स्वस्थ है। गोंडा के जीवनदीप चिकित्सालय ऐंड आईवीएफ सेंटर में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. गुंजन भटनागर का कहना है कि मांओं को ध्यान रखना चाहिए कि गर्भ में बच्चा (Baby movement during pregnancy) दिन में कितनी बार घूम रहा है। अगर वह नहीं घूमता है तो इसका मतलब है कि बच्चे तक ऑक्सीजन ठीक से नहीं पहुंच रही है। ऐसे में बच्चे की हर मूवमेंट (Fetal Movement) पर ध्यान देना जरूरी है। आज के इस लेख में हम जानेंगे कि गर्भ में शिशु कबसे मूव करना शुरू करता है और मूवमेंट को लेकर किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
प्रेग्नेंसी में कब शुरू होता है बच्चे का मूवमेंट
डॉ. गुंजन भटनागर का कहना है कि नई मांओं को अक्सर यह चिंता होती है कि शिशु मूव नहीं कर रहा है। लेकिन गर्भ में शिशु के हलचल करने के का समय हर महिला में अलग-अलग होता है। जिस महिला की पहली प्रेगनेंसी है उसे मूवमेंट थोड़ी देर से पता चलते हैं। इन महिलाओं में 24 हफ्ते के बाद शिशु का मूवमेंट महसूस होता है। तो वहीं, जिन महिलाओं का दूसरा बच्चा होता है उन्हें 20 हफ्ते में मूवमेंट मालूम होने लगता है। नई माओं के मुकाबले पहले बच्चा पैदा कर चुकी मांओं को मूवमेंट जल्दी पता चल जाता है। डॉ. गुंजन का कहना है कि 20 हफ्ते से पहले शिशु की मूवमेंट नहीं मालूम होती क्योंकि तब तक शिशु बहुत छोटा होता है।
शिशु की मूवमेंट पर किस महीने में दें ज्यादा ध्यान?
इस सवाल के जवाब में डॉ. गुंजन भटनागर का कहना है कि महिला को 7वें महीने के बाद शिशु की मूवमेंट का ज्यादा ध्यान रखना चाहिए। महिला को ध्यान देना चाहिए कि गर्भ में शिशु हर 2 घंटे में 1 बार हलचल करे। गर्भ में शिशु को पूरे दिन में कम से कम 10 बार घूमना चाहिए। इस स्थिति में शिशु स्वस्थ माना जाता है।
डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए?
डॉक्टर गुंजन का कहना है कि जब पूरे दिन में 10 बार से कम बच्चा घूमे तो महिला को डॉक्टर के पास जाना चाहिए। अगर दिन में बच्चा 10 बार से कम घूम रहा है तो इसका मतलब है कि बेबी तक ऑक्सीजन कम पहुंच रही है। जिस वजह से ठीक से मूव नहीं कर पा रहा है।
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शिशु की मूवमेंट का ध्यान कैसे रखें
गिनती करें
इस बारे में बताते हुए डॉ. गुंजन ने बताया कि 7वें महीने के बाद शिशु कितनी बार हलचल कर रहा है उसको गिनना चाहिए। इसके लिए कैलेंडर पर निशान लगा सकती हैं।
खूब पानी पीएं
डॉक्टर गुंजन का कहना है कि शिशु की मूवमेंट का ध्यान रखने के लिए जरूरी है कि मां दिन में खूब पानी पीए। अगर उसे पानी ठीक नहीं लगता है तो नींबू पानी, जीरे का पानी, पुदीने का पानी, जूस आदि पी सकती है।
बाईं तरफ लेटें
महिलाओं को अक्सर आराम करने का समय नहीं मिलता। यही वजह है कि प्रेग्नेंट महिलाएं अक्सर शिशु की मूवमेंट महसूस नहीं कर पातीं। इसको लेकर डॉ. गुंजन का कहना है कि जब भी महिला आराम करे तब बाईं करवट लेकर लेटें और शिशु की मूवमेंट महसूस करें।
प्रेगनेंसी में शिशु की मूवमेंट पर ध्यान देना जरूरी है। अगर आप समय रहते ध्यान नहीं देते तो वह शिशु की सेहत के लिए ठीक नहीं होता। इसलिए मां को ध्यान रखना चाहिए बच्चा कब मूव कर रहा है। गर्भ में शिशु ठीक से मूव करे उसके लिए मां को अपनी डाइट पर पूरा ध्यान देना चाहिए। साथ ही एक्सरसाइज भी करनी चाहिए। अगर शिशु की मूवमेंट महसूस नहीं कर पा रही हैं तो डॉक्टर से मिलें।
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