Diet Plan in Second Trimester of Pregnancy: प्रेग्नेंसी की दूसरी तिमाही महिलाओं के लिए काफी खास होती है। इस दौरान वह अपने गर्भ में पल रहे बच्चे के साथ और ज्यादा लगाव महसूस करने लगती हैं। 13वें हफ्ते से शुरू होकर 26वें हफ्ते तक की इस दूसरी तिमाही में महिलाओं को मतली और उल्टी जैसी समस्याओं से निजात मिल जाती है, और काफी हद तक वे अपने शरीर में होने वाले बदलावों के प्रति सजग हो जाती हैं। इस दौरान गर्भवती महिलाओं को विभिन्न पोषक तत्वों के साथ-साथ कैलोरी पर भी ध्यान देना होता है, ताकि भ्रूण का पूरा विकास सही तरीके से हो सके। प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए इस समय कैलोरी और डाइट प्लान क्या होना चाहिए, इस बारे में हमने दिल्ली के क्लाउडनाइन अस्तपताल की सीनियर कंस्लटेंट स्त्रीरोग विशेषज्ञ डॉ. साधना सिंघल विश्नोई और रीनर्चर की फाउंडर और क्लिनिकल डाइटिशियन रीना पोपतानी से बात की।
दूसरी तिमाही में कैलोरी की मात्रा
कैलोरी की बात करते हुए डॉ. साधना सिंघल विश्नोई ने बताया कि जैसे-जैसे प्रेग्नेंसी आगे बढ़ती है, वैसे-वैसे कैलोरी की मात्रा को भी बढ़ाया जाता है। हालांकि पहली तिमाही में ज्यादा कैलोरी की सलाह नहीं दी जाती, लेकिन दूसरी तिमाही में आमतौर पर महिलाओं को रोजाना 300 से 350 अतिरिक्त कैलोरी लेने की सलाह दी जाती है। यह अतिरिक्त कैलोरी बच्चे के विकास और महिला के लिए जरूरी होती है। इस दौरान महिलाओं में खून का स्तर बढ़ता है और स्तनों के टिश्यू और नाल का विकास होता है।
डॉ. साधना कहती हैं, “वैसे तो दूसरी तिमाही में रोजाना 2200 से 2350 कैलोरी की सलाह दी जाती है, बाकी महिला की गतिविधियों पर भी निर्भर करता है। हालांकि, ये इतनी ज्यादा कैलोरी नहीं है, बस महिलाओं को रोजाना करीब 300 कैलोरी बढ़ानी है। इसमें ये ध्यान रखने की बात है कि प्रोसेस्ड स्नेक्स खाने की बजाय अपनी डाइट में हेल्दी स्नैक्स शामिल करें। जैसे कि अपने पोर्शन को बढ़ाने की जगह आप दही की कटोरी में मेवे डालकर खा सकती हैं।”
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दूसरी तिमाही में पोषक तत्व
डाइटिशियन रीना पोपतानी कहती हैं कि दूसरी तिमाही में भ्रूण के विकास के लिए कैलोरी और प्रोटीन पर ज्यादा फोकस किया जाता है। इसके साथ ही कैल्शियम और आयरन लेने की सलाह दी जाती है। इस समय आयरन बहुत महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि ये भ्रूण की लाल रक्त कोशिकाओं, हिमोग्लोबिन और ऑक्सीजन के ट्रांसपोर्ट में मदद करता है। प्रेग्नेंसी में रोजाना 27 एमजी आयरन की जरूरत होती है, और ये खाने से नहीं मिल पाता। इसलिए आयरन सप्लीमेंट लेने की सलाह दी जाती है। कैल्शियम भ्रूण की हड्डियों और दांतों के विकास के साथ महिला के ब्रेस्ट मिल्क और ओस्टियोपोरसिस से बचने में मदद करता है।
सबसे खास बात ये है कि आयरन के अवशोषण में विटामिन सी की जरूरत पड़ती है, इसलिए आहार में विटामिन सी जरूर लें।
- आयरन - खजूर, दाल, ऑर्गन मीट, किशमिश, तिल के बीज, गार्डन क्रीस सीड्स, कद्दू के बीज, बाजरा और हरी पत्तेदार सब्जियां
- विटामिन सी - आंवला, अमरूद, खट्टे रस के फल, खाने में नींबू को भी शामिल किया जा सकता है।
- कैल्शियम - दूध, दही, पनीर, सोयाबीन, तोफू, पनीर, तिल के बीज, रागी, बादाम, हरी पत्तेदार सब्जियां।
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दूसरी तिमाही का डाइट प्लान
डाइटिशियन रीना पोपतानी ने प्रेग्नेंसी की दूसरी तिमाही का डाइट प्लान शेयर किया है, जो पोषक तत्वों से भरपूर है। इसे गर्भवती महिलाएं अपनाकर खुद को फिट और एक्टिव महसूस कर सकती हैं।
सुबह (Morning)
दूसरी तिमाही में सुबह की शुरूआत नारियल पानी से की जा सकती है। यह इलेक्ट्रोलाइट्स के लिए फायदेमंद है।
नाश्ता (Breakfast)
- नाश्ते में आप 2 मूंग दाल चीला और पुदीने की चटनी ले सकती हैं।
- आप चाहें तो 1 कटोरी दलिया और सब्जियों का उपमा भी नाश्ते में कर सकती हैं।
- अगर साउथ इंडियन खाने का मन है, तो दो रागी इडली और सांभर भी लिया जा सकता है।
नाश्ते और लंच के बीच (Midmorning)
- इस दौरान आप कोई भी एक फल और 5-7 मेवे (बादाम/अखरोट) ले सकती हैं।
- अगर भूख कम हो तो 3-4 खुबानी भी ले सकती हैं।
दोपहर का खाना (Lunch)
- लंच में एक कटोरी राजमा या काले चने की सब्जी के साथ चावल और सलाद लिया जा सकता है।
- आप चाहे तो 1 कटोरी सहजन की सब्जी के साथ ज्वार की रोटी और सत्तू की छाछ भी ले सकती हैं।
- अगर आपका मन कुछ हरी सब्जी खाने का है, तो सरसों के साग के साथ मक्की की रोटी, एक चम्मच देसी घी और नींबू प्याज का सलाद भी लिया जा सकता है।
शाम का स्नैक्स (Evening Snack)
- शाम को आप लस्सी ले सकती हैं।
- अगर भूख लगी है, तो मुट्ठीभर भुने चने भी खाए जा सकते हैं।
रात का खाना (Dinner)
- रात में आप मिसल सब्जी के साथ 2 रोटी और सलाद ले सकती हैं।
- अगर आप नॉन वेज खाती हैं, तो चिकन बिरयानी के साथ रायता ले सकती हैं।
- आप चाहे तो प्रोटीन युक्त सोयाबीन सब्जी का पुलाव और अनार का रायता भी खा सकती हैं।
- आप मखाने और मटर की सब्जी के साथ चावल भी रात में ले सकती हैं।
अगर रोजाना आहार में आयरन, कैल्शियम और विटामिन सी की प्रचुर मात्रा ली जाए और कैलोरी का खास ध्यान रखा जाए, तो गर्भवती महिलाओं की दूसरी तिमाही बहुत ही आसान हो जाती है।