अक्सर गर्भवती महिलाओं के लिए यह माना जाता है कि उन्हें सिर्फ अपना ही नहीं, बल्कि अपने बच्चे के लिए भी खाना पड़ता है। इसलिए उनकी डाइट दो लोगों जितनी तो होनी ही चाहिए। जैसे ही प्रेग्नेंसी का पता चलता है, तो परिवार के लोग महिला को ज्यादा खाना खिलाने पर जोर देने लगते हैं। ऐसे में अक्सर सवाल उठता है कि क्या ज्यादा डाइट लेने से गर्भ में पल रहे बच्चे का विकास ज्यादा बेहतर तरीके से होता? क्या यह सच है कि प्रेग्नेंट महिला को अपनी डाइट बढ़ा देनी चाहिए? अगर डाइट को बढ़ाना है, तो कितनी होनी चाहिए? इन सभी पहलुओं पर हमारे साथ क्लाउडनाइन अस्तपताल की सीनियर कंसल्टेंट स्त्रीरोग विशेषज्ञ डॉ. साधना सिंघल विश्नोई और स्त्रीरोग विशेषज्ञ विभाग की डायरेक्टर डॉ. प्रतिभा सिंघल से बात की।
क्या प्रेग्नेंट महिलाओं दो लोगों जितना भोजन करना चाहिए?
डॉ. साधना सिंघल विश्नोई के अनुसा, प्रेग्नेंट महिलाएं अगर जरूरत से ज्यादा आहार लेती हैं, तो उनका बहुत ज्यादा वजन बढ़ जाता है। इससे जेस्टेशनल डायबिटीज, हाइपरटेंशन के साथ-साथ बच्चा भी औसतन से ज्यादा बढ़ा पैदा होता है। इसलिए स्त्रीरोग विशेषज्ञ हमेशा कैलोरी बढ़ाने पर जोर देती हैं, लेकिन यह कैलोरी कहीं से भी सामान्य से दोगुना नहीं होती है। सच्चाई यह है कि प्रेग्नेंसी की शुरुआत में बहुत ही कम कैलोरी बढ़ाई जाती है, और दूसरी और तीसरी तिमाही में थोड़ी ज्यादा होती है। कैलोरी की मात्रा बताते समय गर्भवती महिला के वजन, बीमारियों और अन्य कारकों पर भी ध्यान रखा जाता है।
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अगर महिला का प्रेग्नेंसी से पहले वजन कम होता है, तो उसे शुरुआत में कैलोरी पर फोकस करने को कहा जाता है। वैसे, आमतौर पर महिलाओं की कैलोरी की मात्रा दूसरी और तीसरी तिमाही में बढ़ाई जाती है। डॉ. साधना का कहना है, “महिलाओं को डाइट लेते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि प्रेग्नेंसी में ज्यादा डाइट खाने की बजाय पोषक तत्वों पर ध्यान देना चाहिए। खाना ऐसा चुनें, जिससे सभी जरूरी पोषण शरीर को मिल सकें। इसके अलावा, डॉक्टर की बताई दवाइयों को समय पर लेते रहना चाहिए। प्रेग्नेंसी में बिना डॉक्टर की सलाह के किसी भी तरह की दवाई न लें।”
प्रेग्नेंट महिला को कितनी कैलोरी लेनी चाहिए?
डॉ. प्रतिभा सिंघल के अनुसार, प्रेग्नेंसी में खाने की मात्रा के बारे में नहीं सोचना चाहिए, बल्कि खाने की क्वालिटी पर फोकस करना चाहिए। वैसे, हर तिमाही में कैलोरी की मात्रा अलग होती है।
पहली तिमाही: पहली तिमाही में अतिरिक्त कैलोरी की जरूरत नहीं होती। महिलाओं को अपनी वही रेगुलर डाइट ही रखनी चाहिए। इस दौरान रोजाना प्रेग्नेंट महिलाओं की कैलोरी 1800 से 2000 के बीच होनी चाहिए।
दूसरी तिमाही: इस दौरान महिलाओं के शरीर में बदलाव आने लगते हैं और भ्रूण का विकास भी होने लगता है, तो ऐसे में आमतौर पर 300 से 350 कैलोरी अतिरिक्त लेने की सलाह देते हैं।
तीसरी तिमाही: इस तिमाही में भ्रूण का विकास तेजी से होता है और महिलाओं का वजन भी बढ़ जाता है। ऐसे में महिलाओं को 450 से 500 अतिरिक्त कैलोरी लेने को कहा जाता है।
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प्रेग्नेंसी में इन बातों का ध्यान रखें
- जंक फूड और प्रोसेस्ड फूड से जितना हो सके परहेज करें।
- ताजी फल और सब्जियां डाइट में लेनी चाहिए।
- साफ-सुथरे तरीके से घर का बना हुआ खाना खाएं।
- क्रेविंग में चिप्स या चॉकलेट खाने की बजाय सलाद या खजूर लें।
- रोजाना धीरे-धीरे वॉक जरूर करें।
- दवाइयां समय पर नियमित रूप से लें।
- समस्या होने पर डॉक्टर की सलाह लें।
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