
ऐसा कई बार होता है कि दौड़ते समय या चलते समय हमारा पैर मुड़ जाता है और पैर की हड्डी जरूरत से ज्यादा मुड़ जाती है जिसे हम मोच कहते हैं। यह मोच हाथ या पैर किसी में भी आ सकती है। मोच आने पर पैर में सूजन आ जाती है। इस सूजन की वजह से चलना-फिरना मुश्किल हो जाता है। आज हम आपको धतूरे का पत्ता और अरंडी के पत्ते का एक ऐसा घरेलू नुस्खा बता रहे हैं जो आपकी मोच को पल में ठीक कर देगा। सिर्फ मोच ही नहीं बल्कि किसी भी तरह की चोट का दर्द भी है तो वह भी इस नुस्खे से ठीक हो जाएगा। तो आइए जानते हैं इस नुस्खे के बारे में।
इस नुस्खे को कैसे तैयार करें?
मोच को ठीक करने के लिए आजकल बाजार में तमाम तरह की दवाएं उपबल्ध हैं, लेकिन उन दवाओं का असर कुछ समय तक रहता है, वापस परेशानी होनी पर फिर दवा खानी पड़ती है। लेकिन यहां बताया गया ये घरेलू नुस्खा ऐसा है कि बिना कड़वी दवाओं के आप मोच का दर्द ठीक कर सकेंगे। मोच या दर्द को ठीक करने का यह एक ऐसा नुस्खा है जो दादी-नानी के जमाने से चला आ रहा है। तो आइए जानते हैं इस नुस्खे को तैयार कैसे करना है-
- सबसे पहले धतूरा और अरंडी के पत्ते को साफ पानी में धो लें।
- दोनों पत्तों को किसी कपड़े से साफ कर लें और पानी सुखा दें। ध्यान रहे कि पत्ता फट न जाए। इसलिए आराम से पत्तों पर से पानी पोछें।
- धतूरा और अरंडी के पत्ते पर सरसों का तेल लगाएं।
- इन दोनों पत्तों को गर्म तवे पर रखें।
- जब धतूरा और अरंडी का पत्ता गर्म हो जाए तो थोड़ा गुनगुना होने पर मोच वाली जगह पर रखें।
- सबसे पहले धतूरे का पत्ता चोट पर रखें फिर अरंडी का पत्ता।
- दोनों पत्तों पर सूजन पर रखने के बाद उसे किसी पट्टी से बांध दें। ताकि पत्ते हिलें न।
- ये आपका नुस्खा तैयार हो गया है। हर दिन नए पत्तों को बांधें। इन्हें तब तक लगाएं जब तक मोच का दर्द चला न जाए।
धतूरे के पत्ते के फायदे
कहने को धतूरा जहर है। पर जहर को भी सही मात्रा में लिया जाए तो दवा का काम करता है। आयुर्वेद में धतूरे के कई औषधीय गुण हैं। यह केवल मोच के दर्द या सूजन को ही ठीक नहीं करता है बल्कि धतूरा दमा को भी शांत करता है। धतूरे के पत्ता का धुआं देने से दमा की परेशानी कम होती है। इसके अलावा धतूरे का पत्ता का अर्क कान में डालने से आंखों के दुखने की समस्या कम होती है। या कहें कि यह परेशानी बंद हो जाती है।
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हिंदू धर्म में धतूरे के पत्ते, फल और फूल भगवान शंकर पर चढ़ाए जाते हैं। इसकी जितनी धार्मिक महत्ता है उतनी ही स्वास्थ्यवर्धक महत्ता भी है। तो वहीं, अगर आपके घर में छोटा बच्चा है उसको सर्दी लग गई है तब भी धतूरे के पत्ते पर सरसों का तेल लगाकर उसे गर्म करके बच्चे के पेट पर लगाने उसकी सर्दी ठीक हो जाती है। यह सभी धतूरे के पत्ते के आयुर्वेदिक फायदे हैं।
अरंडी के पत्ते के फायदे
अरंडी का पौधा भारत में किसी भी जगह पर मिल जाता है। इसके पत्तों का औषधीय गुण है। अरंडी का पत्ता सूजन से लेकर अंदरूनी चोट तक को ठीक करता है। अंदरूनी चोट के लिए अरंडी के पत्ते पर सरसों का तेल लगाकर उस पर हल्दी डालकर पत्ता गर्म करें। अब चोट वाली जगह पर इसे बांध दें। इससे चोट का दर्द जल्द ठीक हो जाएगा।
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रखें इस बात का ध्यान
धतूरा एक जहरीला पौधा है। इसे खाएं नहीं। इसे केवल पर त्वचा पर लगाया जा सकता है।
धतूरा और अरंडी दोनों ही आयुर्वेदिक फायदों से भरे हुए हैं। मोच आने पर धतूरा और अरंडी का पत्ता रामबाण है। यह मोच को जल्द ठीक करता है। इन पत्तों को जिस रूप में बताया गया है उसी तरह लगाएं इससे आपको जल्द फायदा मिलेगा।
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