डेंगू बुखार के दौरान पानी की कमी (डिहाइड्रेशन) को क्यों माना जाता है खतरनाक? जानें डॉक्टर से

डेंगू होने पर प्लेटलेट्स कम होने से कहीं ज्यादा बड़ी समस्या डिहाइड्रेशन है। डॉक्टर से जानें इसके खतरे और बचाव के उपाय।
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डेंगू बुखार के दौरान पानी की कमी (डिहाइड्रेशन) को क्यों माना जाता है खतरनाक? जानें डॉक्टर से


डेंगू मच्छरों के काटने से फैलने वाली बीमारियों में सबसे आम है। भारत में हर साल मॉनसून सीजन में डेंगू के मामले तेजी से बढ़ने लगते हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक साल 2021 में डेंगू के लगभग 1.64 लाख और साल 2019 में 2.05 लाख मामले सामने आए थे। सामान्यतः डेंगू बहुत गंभीर बीमारी नहीं है लेकिन कई बार सही समय पर सही इलाज न मिलने के कारण इस बीमारी से व्यक्ति की मौत भी हो सकती है। डेंगू को रोकने के लिए अभी तक कोई वैक्सीन या दवा नहीं बनाई जा सकी है, इसलिए इसकी रोकथाम का सिर्फ एक तरीका है कि मच्छरों से बचा जाए। लेकिन अगर आपको डेंगू हो जाता है, तो भी घबराने की कोई बात नहीं है। डेंगू होने पर आपको इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि आपके शरीर में पानी की कमी न होने पाए।

dengue fever dehydration

डेंगू में प्लेटलेट्स कम होने से ज्यादा बड़ी समस्या है डिहाइड्रेशन

डेंगू के सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं- तेज बुखार, शरीर में दर्द, बहुत अधिक थकान, शरीर पर चकत्ते और प्लेटलेट्स कम होना आदि। आमतौर पर प्लेटलेट्स कम होने पर लोग बहुत घबरा जाते हैं लेकिन मेदांता हॉस्पिटल के इंटरनल मेडिसिन विभाग की डॉ. सुशीला कटारिया कहती हैं कि डेंगू में प्लेटलेट्स कम होने से कहीं ज्यादा गंभीर समस्या, शरीर में पानी की कमी यानी डिहाइड्रेशन है। आमतौर पर डेंगू के सभी मरीजों में प्लेटलेट्स थोड़े बहुत कम होते हैं, जिसकी रिकवरी 9-10 दिन बाद अपने आप होने लगती है। लेकिन इस दौरान अगर शरीर को ठीक से हाइड्रेट न रखा जाए, तो ये मरीज के लिए खतरनाक हो सकता है।

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छोटे बच्चों को डिहाइड्रेशन का ज्यादा खतरा

डॉ. सुशीला कटारिया के अनुसार डेंगू के दौरान डिहाइड्रेशन का सबसे ज्यादा खतरा बच्चों को होता है। दरअसल डेंगू होने पर मरीज को भूख, प्यास कम लगती है, जिसके कारण उसका कुछ भी खाने-पीने का मन नहीं करता। इसलिए शरीर में पोषक तत्वों की कमी से कमजोरी की समस्या होने लगती है।  इसके अलावा तेज बुखार, डायरिया और उल्टी आदि के कारण शरीर से पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स काफी मात्रा में बाहर निकल जाते हैं, जिससे डिहाइड्रेशन होना शुरू हो जाता है। ज्यादा समय तक बॉडी के डिहाइड्रेट रहने से मरीज का ब्लड प्रेशर और हार्ट रेट असामान्य होने लगता है, साथ ही उसकी चेतना खोने लगती है। अगर सही समय पर बॉडी को हाइड्रेट न किया जाए, तो ये स्थिति जानलेवा हो सकती है।

डेंगू के दौरान शरीर को कैसे रखें हाइड्रेट?

डेंगू के बुखार के दौरान शरीर को हाइड्रेट रखना बहुत जरूरी है। इसके लिए मरीज को समय-समय पर लिक्विड चीजें जैसे- पानी, नींबू पानी, नारियल पानी, छाछ, ORS का घोल आदि पिलाते रहना चाहिए। खासकर बच्चों को डेंगू होने पर उन्हें हर आधे-एक घंटे में ORS का घोल या नारियल पानी थोड़ा-थोड़ा करके पिलाते रहें, जिससे उनके शरीर में सोडियम, पोटैशियम, मैग्नीशियम आदि का संतुलन बना रहे।

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डेंगू से बचाव के लिए अन्य जरूरी उपाय

  • अपने आसपास मच्छरों को पनपने से रोकें।
  • मच्छरों से बचाव के लिए पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें।
  • छोटे बच्चों को सुलाते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें।
  • बुखार और कमजोरी को नजरअंदाज न करें। लक्षण दिखने पर डॉक्टर से संपर्क करें।
  • घरेलू नुस्खों के बजाय डॉक्टर की बताई सलाह मानें।

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