मानसून के मौसम में लोगों के मच्छर के काटने से होने वाली बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है। दरअसल, बारिश के पानी में मच्छर तेजी से पनपते हैं, तो ऐसे में लोगों को बुखार, डेंगू और मलेरिया होने का खतरा रहता है। मौसम बदलते समय डेंगू के मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की जाती है। डेंगू होने पर अधिकतर लोग इसे सामान्य बुखार मानकर इलाज में देरी कर देते हैं। इससे लोगों को अन्य गंभीर समस्याएं हो सकती है। डेंगू में लोगों को ब्लीडिंग, ब्लड प्रेशर में गिरावट व अन्य रोग हो सकते हैं। ऐसे में बुखार होने पर आपको तुरंत डॉक्टर से मिलने की आवश्यक होती है। डेंगू होने पर शरीर के अन्य अंग भी प्रभावित हो सकते हैं। इस लेख में जानते हैं कि क्या डेंगू होने पर लंग्स में पानी भरने की समस्या हो सकती है। आगे नारायणा हेल्थ, आर.एन टैगोर हॉस्पिटल पल्मोनोलॉजी कंसल्टेंट डॉ. सुजान बर्धन से जानते हैं कि क्या डेंगू होने पर लंग्स की समस्या हो सकती है।
डेंगू और लंग्स में पानी भरने के बीच क्या कनेक्शन है? - Can Dengue Cause Water In Lungs In Hindi
स्टडी के अनुसार डेंगू बुखार के कुछ मामलों में रोगी की स्थिति गंभीर हो सकती है, खासकर जब यह डेंगू हेमोरेजिक फीवर (DHF) या डेंगू शॉक सिंड्रोम (Dengue shock syndrome) का रूप ले लेता है। डेंगू हेमोरेजिक फीवर में शरीर के विभिन्न अंगों से ब्लीडिंग शुरू हो सकता है और प्लेटलेट्स की संख्या बहुत कम हो जाती है। इस स्थिति में नसों की दीवारें कमजोर हो जाती हैं, जिससे ब्लड का कुछ हिस्सा बाहर निकलकर शरीर के अन्य हिस्सों में भरने लगता है। जब यह तरल फेफड़ों में इकट्ठा हो जाता है, तो इसे पल्मोनरी एडिमा (pulmonary edema) कहा जाता है।
डेंगू होने पर फेफड़ों में पानी भरने के क्या कारण हो सकते हैं? - Causes Of Water In Lungs During Dengue In Hindi
डेंगू के कुछ गंभीर मामलों में आगे बताए कारणों से लंग्स में पानी भरने की समस्या हो सकती है।
ब्लड वैसल लीकेज
डेंगू वायरस से प्रभावित होने पर ब्लड वैसल की दीवारों से लीकेज हो सकती है, जिससे रक्त का कुछ तरल हिस्सा फेफड़ों में भर सकता है। यह स्थिति तब पैदा होती है जब शरीर का इम्यून सिस्टम ओवररिएक्ट कर जाता है।
प्लेटलेट्स की कमी
डेंगू बुखार में प्लेटलेट्स की संख्या में कमी हो जाती है। प्लेटलेट्स ब्लड क्लॉटिंग में मदद करते हैं, और जब इनकी कमी होती है तो ब्लीडिंग और रक्त का तरल हिस्सा फेफड़ों में भरने की समस्या हो सकती है।
फ्लूयड रिटेंशन
डेंगू का इलाज कराते समय शरीर में आवश्यक से अधिक तरल पदार्थ देने पर फेफड़ों में पानी भरने की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। यह तब होती है जब डॉक्टर शरीर में फ्लूयड बैलेंस पर सही ध्यान नहीं देते हैं।
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डेंगू एक खतरनाक वायरस है, और इसके गंभीर रूपों में फेफड़ों से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। डेंगू के लक्षण दिखते ही व्यक्ति को उन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। डेंगू से बचाव के लिए घर के आसपास पानी न भरने दें। साथ ही, बाहर जाते समय शरीर को पूरी तरह कवर करने वाले कपड़े पहनें। सही समय पर डेंगू की पहचान और इलाज से डेंगू की वजह से अन्य रोगों से बचाव किया जा सकता है।
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