शरीर के साथ ही आपको त्वचा की देखभाल के लिए गंभीरता से कदम उठाने चाहिए। लेकिन, आज भी करोड़ लोग सेहत की देखभाल में स्किन को शामिल नहीं करते हैं। जब आपके शरीर इम्युनिटी गलती से खुद की स्किन की स्वस्थ कोशिकाओं को नकसान पहुंचा सकती है। डॉक्टर्स बताते हैं कि सोरायसिस केवल एक त्वचा रोग नहीं है, बल्कि यह एक पुरानी (क्रोनिक) ऑटोइम्यून बीमारी है, जो शरीर के इम्यून सिस्टम से जुड़ी होती है। जब यह रोग होता है तब त्वचा पर मोटे, लाल और परतदार धब्बे बन जाते हैं। परंतु इसके प्रभाव सिर्फ त्वचा तक ही सीमित नहीं रहते, यह कई गंभीर आंतरिक स्वास्थ्य समस्याओं से भी जुड़ा हुआ है। इस लेख में डॉ विजय सिंघल, सीनियर कंसल्टेंट डर्मेटोलॉजी, श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टिट्यूट से जानेंगे कि सोरायसिस किन-किन स्वास्थ्य समस्याओं से जुड़ा हो सकता है और क्यों इस रोग को सिर्फ "त्वचा की समस्या" मानना गलत है।
सोरायसिस से जुड़ी हो सकती है सहेत से जुड़ी ये समस्याएं - Health Problems That Can Be Linked To Psoriasis In Hindi
सोरायटिक आर्थराइटिस (Psoriatic Arthritis)
सोरायसिस से पीड़ित लगभग 30 फीसदी लोगों को सोरायटिक आर्थराइटिस होने की संभावना अधिक होती है। यह एक प्रकार का गठिया होता है जिसमें जोड़ों में दर्द, सूजन, अकड़न और जकड़न होती है। यदि समय पर इसका इलाज न हो, तो यह जोड़ों को स्थायी रूप से डैमेज कर सकता है।
हृदय रोग (Heart Disease)
सोरायसिस शरीर में क्रोनिक सूजन को बढ़ाता है, जो नसों को नुकसान पहुंचा सकता है। इससे हार्ट अटैक, स्ट्रोक और हाई ब्लड प्रेशर का खतरा बढ़ जाता है। शरीर में लगातार सूजन, कोलेस्ट्रॉल का असंतुलन, नसों में कॉन्ट्रेकशन के लक्षण देखने को मिल सकते हैं। ऐसे में आप नियमित व्यायाम, लो-सोडियम डाइट और कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित रखने पर ध्यान दें।
मेटाबोलिक सिंड्रोम (Metabolic Syndrome)
सोरायसिस वाले लोगों में मेटाबोलिक सिंड्रोम होने की संभावना सामान्य लोगों से अधिक होती है। यह कई बीमारियों का एक समूह है जिसमें मोटापा, खासकर पेट के आसपास, हाई ब्लड प्रेशर, टाइप 2 डायबिटीज और हाई ट्राइग्लिसराइड्स को शामिल किया जाता है। यह सभी रोग मिलकर दिल की बीमारियों और स्ट्रोक का खतरा कई गुना बढ़ा देते हैं।
टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes)
सोरायसिस से पीड़ित लोगों में टाइप 2 डायबिटीज होने का खतरा सामान्य से ज्यादा होता है। इसका मुख्य कारण है शरीर में चल रही क्रोनिक सूजन और इंसुलिन रेसिस्टेंस। इसमें व्यक्ति को बार-बार प्यास लगना, ज्यादा भूख लगना, थकान और बार-बार पेशाब आने जैसे लक्षण देखने को मिल सकते हैं।
मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं (Mental Health Disorders)
सोरायसिस के कारण व्यक्ति के आत्मविश्वास पर गहरा असर पड़ता है, जिससे उनको डिप्रेशन, एंग्जायटी और सामाजिक अलगाव जैसे मानसिक विकार हो सकते हैं। इसमें व्यक्ति अकेलापन, डिप्रेशन और आत्महत्या की भावना, नींद की कमी और तनाव आदि महसूस करता है। इससे बचने के लिए लोगों के साथ मिलें और काउंसलर की मदद ले सकते हैं। साथ ही योग करने से भी मानसिक शांति मिलती है।
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सोरायसिस सिर्फ एक स्किन डिज़ऑर्डर नहीं है, बल्कि यह एक संपूर्ण शारीरिक रोग है जो कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकता है। इसलिए अगर आपको सोरायसिस है तो केवल बाहरी लक्षणों पर ध्यान न दें, बल्कि अपने सम्पूर्ण स्वास्थ्य की जांच समय-समय पर कराते रहें।
FAQ
क्या सोरायसिस संक्रामक होता है?
नहीं, सोरायसिस संक्रामक नहीं होता। यह त्वचा से त्वचा के संपर्क में आने से नहीं फैलता।क्या सोरायसिस का पूरी तरह से इलाज संभव है?
इसका स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन जीवनशैली और दवाओं से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।क्या सोरायसिस सिर्फ त्वचा की बीमारी है?
नहीं, यह एक ऑटोइम्यून रोग है जो जोड़ों, दिल, आंखों और मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर डाल सकता है।