कोरोनावायरस का कहर (Coronavirus In India) पूरे देश और दुनिया में जारी है। बात अगर भारत में इसके आंकड़ों की करें, तो स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार अब तक कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों की कुल संख्या 72,39,389 हो गई है। जिनमें से 1,10,586 लोगों की मौत हुई है और उपचार के बाद 63,01,927 लोग ठीक हो चुके हैं। इन सबसे बीच स्वास्थ्य मंत्रालय (Coronavirus News Update)ने देश में कोरोनावायरस की स्थिति को लेकर एक नया विश्लेषण किया है, जिसमें भारत में कोरोनावायरस से मरने वाले लोगों को लेकर एक चिंताजनक आंकड़ों का खुलासा किया गया है। इसमें बताया गया है कि भारत में कोरोना से मरने वाले 45 फीसदी लोगों की उम्र 60 साल से कम है, जो कि बेहद डरावना है। साथ ही स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किए गए ये आंकड़े और बहुत कुछ कहते हैं। आइए जानते हैं विस्तार से।
देश में कोरोना का डेथरेट
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) के आंकड़ों से पता चलता है कि भारत में अब तक कोरोना से 1,10,586 लोगों की मौत हुई है, जिसमें कि मरने वालों में सीनियर सिटीजन ज्यादा नहीं हैं, बल्कि 60 साल से कम उम्र के लोगों की संख्या ज्यादा है। ये बहुत डरावनी स्थिति है। इन आंकड़ों को जारी करते समय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि अब तक दुनिया में कोरोना से होने वाली मृत्यु को देखते हुए कहा जा रहा था कि सबसे ज्यादा हाई रिस्क पर बुजुर्ग यानी कि 60 वर्ष या उससे ऊपर के लोग हैं, पर भारत में जो आंकड़े सामने आए हैं वाकई में वो डरावने हैं। स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि कभी-कभी युवाओं को लगता है कि चूंकि वे युवा हैं, वे संक्रमित नहीं हो सकते हैं या संक्रमित होने पर वे इससे जल्दी उबर जाएंगे, पर इस तरह की धारणाएं नहीं बनानी चाहिए।
स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण आगे कहा कि कोरोना से मरने वाले 53 प्रतिशत लोगों की उम्र 60 वर्ष और उससे ज्यादा थी पर 35 प्रतिशत लोगों की उम्र 45 से 60 वर्ष के बीच थी। वहीं 10 प्रतिशत लोगों की उम्र 26 से 44 वर्ष थी, तो 1 प्रतिशत लोगों की उम्र 18 से 25 और 17 वर्ष से कम आयु वर्ग वाले लोगों की थी।
इसे भी पढ़ें : 3 महीने के बाद भी दिख सकते हैं COVID-19 के लक्षण, हालिया शोध ने किया खुलासा
पुरानी बीमारियों से मरने वालों का आंकड़ा
स्वास्थ्य मंत्रालय की मानें, तो कुल मिलाकर, मरने वाले 17.9 प्रतिशत लोगों में अन्य बीमारियां थी, जबकि 1.2 प्रतिशत लोगों की मृत्यु उन लोगों में दर्ज की गई जिन्हें पहले से कोई बीमारी नहीं थी। अलग-अलग आयु समूहों के बीच किए गए अध्ययन में पता चलता है कि 45-60 वर्ष के बीच के लोगों में अन्य बीमारियों के कारकों से 13.9 प्रतिशत मौतें हुईं, जबकि 1.5 प्रतिशत की मौत ऐसे लोगों की हुई जो पहले से किसी बीमारी से ग्रसित नहीं थे। 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में, 24.6 प्रतिशत मौतें कॉम्बिडिटी के कारण हुईं, तो वहीं 45 वर्ष से कम आयु वर्ग में, 8.8 प्रतिशत लोगों की मृत्यु हो गई थी, जिनमें कॉमरेडिडिटी थी जबकि 0.2 प्रतिशत के पास ऐसा कोई स्वास्थ्य समस्या नहीं थी।
पुरुषों की डेथरेट है ज्यादा
इन आंकड़ो में एक और बात ये पता लगी है कि कोरोना से मरने वालों में पुरुषों की संख्या महिलाओं से ज्यादा है। आंकड़ों पर नजर डालें, तो 26 से 44 वर्ष के उम्र के लोगों में 10 फीसदी मौतें दर्ज की गईं, जबकि मरने वालों में 35 से 44 वर्ष की आयु के थे। 60 वर्ष से अधिक आयु वालों की मृत्यु दर 53 प्रतिशत है और इन सब में पुरुषों की संख्या ज्यादा है, जो कि ये प्रश्न खड़े करता है कि क्या भारत में पुरुषों की इम्यूनिटी ज्यादा खराब है।
इसे भी पढ़ें : COVID-19 से रिकवरी के बाद रोगी हो सकते हैं पोस्ट-ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर और ब्रेन फॉग का शिकार
वहीं मंत्रालय ने आने वाले त्योहारों को लेकर भी बड़ी बात कही है। मंत्रालय का कहना है कि दशहरा और दीवाली के वक्त अगर लोगों ने जरा भी कोरोना को नजरअंदाज किया तो ये महामारी तेजी से फैल सकती है। इसलिए त्योहारों के दौरान दो गज की दूरी, सैनिटाइजेशन और भीड़-भाड़ से बचना हमेशा याद रखें।
Read more articles on Health-News in Hindi
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version