आयुर्वेद के अनुसार कई रोगों में फायदेमंद है शालपर्णी पौधा, जानें इसके 7 फायदे

आयुर्वेद में शालपर्णी के पौधे को इसके चमत्कारी गुणों के लिए विशेष महत्तव दिया गया है। यहां जानें शालपर्णी से होने वाले 7 फायदों के बारे में।
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आयुर्वेद के अनुसार कई रोगों में फायदेमंद है शालपर्णी पौधा, जानें इसके 7 फायदे


आयुर्वेद की दुनिया में आपको हजारों औषधियां (Medicines) मिल जाएंगी, लेकिन सबके बारे में जान पाना थोड़ा मुश्किल है। लेकिन कुछ पौधे और फूल ऐसे हैं, जो आपको औषधीय गुणों (Medicinal Properties) से भरपूर मिलेंगे। ऐसा ही एक पौधा है शालपर्णी। क्या आप शालपर्णी के बारे में जानते हैं। शालपर्णी को स्वास्थ्य के लिहाज से बहुत अच्छा माना जाता है। यही कारण है कि इसे आयुर्वेद में विशेष दर्जा दिया गया है। चमत्कारी गुणों से भरपूर शालपर्णी के पौधे में कई ऐसे गुण मौजूद होते हैं, जो अर्थराइटिस (Arthritis) से लेकर डिमेंशिया (Dementia) और पाइल्स (Piles) तक में काफी मददगार साबित होते हैं। हल्की सर्दियों के मौसम में यानि अक्टूबर से नवंबर के समय में आपको यह पौधे आसानी से मिल सकते हैं। यह आपको नदी किनारे या फिर कई पहाड़ी इलाकों में देखने को मिल सकते हैं। अगर बात करें इसके संसकृत के नाम की तो संसकृत की भाषा में इसे अंशुमती के नाम से भी जाना जाता है। बता दें कि शालपर्णी में एंटी ऑक्सीडेंट्स की प्रचुरता होती है, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ ही आपके दिल को भी स्वस्थ रखता है। आएये जानते हैं शालपर्णी का पौधा किन बीमारियों में कारगर साबित होता है। 

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1. अर्थराइटिस (Arthritis)

अर्थराइटिस आज के समय में जटिल रोग बन गया है, जिससे अमूमन लोग पीड़ित हैं। शोध के अनुसार ऐसा माना जाता है कि शालपर्णी में एंटी रूमेटिक (Antirheumatic) और और एंटी अर्थराइटिस प्रॉपर्टीज (Anti Arthritis Properties) पाई जाती है, जो रूमेटाइड अर्थराइटिस (Rheumatoid Arthritis) को दूर करने के साथ ही हड्डियों के भी विकारों (Bone Disorder) में मददगार है। यही नहीं शालपर्णी में इंफ्लेमेशन (Inflammation) को दूर करने वाले तत्व भी पाए जाते हैं। शालपर्णी में एंटी इंफ्लेमेटरी और एनालजेसिक गुण मौजूद होते हैं, जो आपको जोड़ों के दर्द से राहत दिलाने के साथ सूजन को हटाने के लिए शालपर्णी के तेल को काफी मददगार माना जाता है। 

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2. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मददगार (Boosts Immune System) 

रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) को बढ़ाने में तो हालांकि कई आयुर्वेदिक पौधे मददगार हैं। लेकिन इस मामले में शालपर्णी काफी आगे हैं। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए इसमें एंटी ऑक्सीडेंट्स (Antioxidants) पाए जाते हैं। जो आपकी रक्त कोशिकाओं (Blood Cells) को सुचारू रूप से कार्य करने में काफी मददगार है। यही नहीं शालपर्णी को च्ववनप्राश बनाने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। 

3. मूत्र संबंधी समस्याएं (Urine Problems)

पेशाब के दौरान जलन दर्द और इरीटेशन (Irritation) होना बहुत ही पीड़ादायक होता है। यह आपको कई तरह के संकेत देता है। पेशाब में तकलीफ कई होने के पीछे कई कारण होते हैं, जैसे कि किडनी में पथरी होना, यूरिनरी ट्रैक्ट संक्रमण होना मधुमेह आदि। ऐसे में शालपर्णी एक ऐसी जड़ी बूटी मानी जाती है, जो यह परेशानी खत्म कर देती है। शालपर्णी के सेवन से पेशाब की नली में होने वाली किसी भी प्रकार की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।  

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4. त्वचा के लिए लाभदायक (Beneficial for Skin) 

शालपर्णी त्वचा से संबंधित अधिकतम रोगों को ठीक करता है। शालपर्णी में मौजूद केमिकल कंपाउंड हॉर्डेनाइन त्वचा पर दाग धब्बे नहीं होने देता। साथ ही यह त्वचा को झाइं से भी बचाता है और ठीक भी करता है। शालपर्णी के सूजनरोधी और एंटी ऑक्सीडेंट्स गुण त्वचा को खुजली और एलर्जी से भी बचाते हैं। शालपर्णी में विटामिन सी की मौजूदगी सन टैनिंग और सन बर्न का उपाय और बचाव दोनों है। यह सूरज की हानिकारक यूवी किरण से लडने में सहायक होता है। त्वचा के लाभ के लिए शालपर्णी के पत्तो को उबाल कर पिया जा सकता है।

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5. डिमेंशिया (Dementia)

डिमेंशिया एक तरह का मस्तिष्क विकार है। इसे भूलने की बीमारी के नाम से भी जाना जाता है। हालांकि यह ज्यादातर बुजुर्गों में देखी जाती है। अगर शालपर्णी की बात करें तो इसमें मौजूद फ्लेवॉन्स और फ्लेवनॉइड्स आपके डिमेंशिया के लक्षणों को कम करने में काफी मददगार साबित होते हैं। यही नहीं इसमें मौजूद एंटीऑक्सेडेंट्स आपकी स्मरण शक्ति बढ़ाते हैं और आपकी याद्दाश को फिर से सुचारू बनाते हैं। 

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6. पेट संबंधित समस्याएं (Stomach Problems)

शालपर्णी को पेट की समस्या से राहत पाने के लिए सदियों से इस्तेमाल किया जाता है। इसके सूजनरोधी गुण और एंटीऑक्सिडेंट्स (Antioxidants) शरीर में टॉक्सिक पदार्थ घटा देते हैं। शालपर्णी के सेवन से एसिडिटी की समस्या, पाचन क्रिया, हार्टबर्न, उल्टी, डायरिया, कब्ज जैसी समस्याओं से भी आराम मिलता है। इसके लिए आप शालपर्णी के चूर्ण का खाना खाने के बाद प्रयोग कर सकते हैं। आप चाहे तो शालपर्णी की जड़ों को भी खा सकते है। यह पेट के साथ-साथ मौखिक स्वास्थ्य भी सुधरता है।

7. पाइल्स (Piles)

शालपर्णी का उपयोग पाइल्स यानी बवासीर ठीक करने में भी किया जाता है। पाइल्स एक गंभीर आम बीमारी है, जो पुरुष और महिलाओं में किसी भी उम्र में हो सकती है। इसके कारण मलद्वार में सूजन और जलन होती है। यह बहुत ही पीड़ादायक हो सकता है। ऐसे में शालपर्णी की सूजनरोधी गुण कड़ें मलद्वार के अंदर और बाहर सूजन काम करते है। साथ ही यह जलन और दर्द से राहत दिलाते है। यह मल त्याग के दौरान आंतो में खून आने से रोकता है। शालपर्णी के चूर्ण का पानी के साथ सेवन करने से यह बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है। साथ ही शालपर्णी के पत्तो का लेप मलद्वार पर लगा कर रख सकते है।

शालपर्णी को आयुर्वेद में बेहद महत्तवपूर्ण औषधी के तौर पर जाना जाता है। इसका सेवन करने से आप इस लेख में दी गई तमाम बीमारियों से छुटकारा पा सकते हैं। यदि आप किसी गंभीर समस्या से पीड़ित हैं तो अपने चिकित्सक से सलाह लेने के बाद ही इसका सेवन करें।

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