रजत भस्म (चांदी भस्म) के फायदे: इम्यूनिटी बढ़ाने से लेकर आपको जवान बनाए रखने तक, जानें 7 फायदे

रजत भस्म चांदी से विशेष विधि द्वारा तैयार किया गया भस्म होता है। आयुर्वेद के अनुसार इसके सेवन से सेहत को कई फायदे मिल सकते हैं।
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रजत भस्म (चांदी भस्म) के फायदे: इम्यूनिटी बढ़ाने से लेकर आपको जवान बनाए रखने तक, जानें 7 फायदे


आयुर्वेद में धातुओं से बनी औषधियों को विशेष महत्व दिया गया है। इनका उपयोग सिर्फ शरीर को ताकत देने के लिए ही नहीं, बल्कि कई गंभीर रोगों के इलाज में भी किया जाता है। रजत भस्म (Silver Ash) ऐसी ही एक औषधि है, जो शुद्ध चांदी को विशेष विधि से संसाधित करके बनाई जाती है। रजत भस्म को आयुर्वेदिक ग्रंथों में “शीतल, बल्य और रसायन” गुणों से युक्त बताया गया है। यानी यह शरीर को ठंडक देने, ताकत बढ़ाने और उम्र बढ़ाने वाली औषधि मानी जाती है। प्राचीन वैद्य इसे मस्तिष्क, हृदय, तंत्रिका तंत्र और इम्यूनिटी से जुड़ी कई समस्याओं में इस्तेमाल करते रहे हैं। आइए जानते हैं रजत भस्म के प्रमुख फायदे।

1. इम्यूनिटी बढ़ाने में मददगार

रजत भस्म शरीर की इम्यूनिटी यानी प्राकृतिक प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाता है। यह संक्रमणों से लड़ने की क्षमता बढ़ाता है और बार-बार बीमार पड़ने की संभावना को कम करता है। इसलिए इसे अक्सर लंबे समय से बीमार चल रहे मरीजों की रिकवरी में भी दिया जाता है।

2. मस्तिष्क और नसों के लिए लाभकारी

आयुर्वेद में रजत भस्म को मस्तिष्क के लिए विशेष तौर पर फायदेमंद माना गया है। यह दिमाग को शांत रखने, याददाश्त बढ़ाने और चिंता जैसी समस्याओं को कम करने में सहायक है। तंत्रिका तंत्र को पोषण देकर यह मानसिक थकान और तनाव से राहत दिलाता है।

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3. हृदय को मजबूत बनाए

रजत भस्म का उपयोग हृदय से जुड़ी दुर्बलता को दूर करने में भी किया जाता है। यह हृदय की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है और रक्त संचार को संतुलित रखता है। इस कारण इसे “हृदय बल्य” औषधि भी कहा गया है।

4. शरीर को ठंडक और संतुलन दे

चांदी स्वभाव से शीतल मानी जाती है, इसलिए रजत भस्म शरीर में बढ़ी हुई गर्मी को संतुलित करता है। बुखार, पेशाब में जलन या शरीर में गर्मी बढ़ने जैसी स्थितियों में रजत भस्म राहत पहुंचाता है।

5. थकान और कमजोरी दूर करे

रजत भस्म ऊर्जा देने वाली औषधि है। यह शरीर की कोशिकाओं को पुनर्जीवित करती है और लंबे समय तक बनी रहने वाली थकान को कम करती है। यह उन लोगों के लिए भी उपयोगी है, जो किसी बीमारी से उबर रहे हों या जिनमें शारीरिक कमजोरी महसूस हो रही हो।

6. त्वचा के लिए भी लाभकारी

कई आयुर्वेदिक चिकित्सक रजत भस्म को त्वचा संबंधी समस्याओं में भी उपयोगी मानते हैं। इसके सूक्ष्म जीवाणुनाशक गुण त्वचा को संक्रमण से बचाने और सूजन को कम करने में मदद करते हैं।

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7. बुढ़ापे की प्रक्रिया को धीमा करे

रजत भस्म को रसायन औषधि कहा गया है, यानी यह शरीर की कोशिकाओं को मजबूत करती है और ऑक्सिडेटिव डैमेज से बचाती है। इसके नियमित सेवन से शरीर की कार्यक्षमता बढ़ सकती है और उम्र बढ़ने की प्रक्रिया धीमी हो सकती है।

रजत भस्म क्यों है खास?

रजत भस्म का महत्व सिर्फ इसके औषधीय गुणों में नहीं, बल्कि इसे तैयार करने की पारंपरिक विधि में भी है। शुद्ध चांदी को विशेष संस्कार प्रक्रिया (शोधन और मरण) से भस्म रूप में बदलने के बाद यह शरीर के लिए सहज पाच्य और सुरक्षित बन जाती है। यही कारण है कि यह औषधि शरीर की गहराई तक असर करती है और लंबे समय तक सेहत बनाए रखती है।

Patanjali Ayurveda रजत भस्म जैसी औषधियों को आयुर्वेद में बताई गई पारंपरिक विधि से तैयार करता है। हर भस्म को बनाने की प्रक्रिया में शुद्ध धातुओं का चयन, सही संस्कार और गुणवत्ता जांच का विशेष ध्यान रखा जाता है, ताकि औषधि से वो सभी लाभ मिल सकें, जो आयुर्वेद में बताए गए हैं। ऐसे में अगर आप इम्यूनिटी बढ़ाने, तनाव कम करने या हृदय की मजबूती के लिए आयुर्वेदिक विकल्प खोज रहे हैं, तो Patanjali Ayurveda की रजत भस्म एक भरोसेमंद और प्राकृतिक विकल्प हो सकती है। इसे Patanjali के ऑनलाइन और ऑफलाइन स्टोर्स से प्राप्त किया जा सकता है। ध्यान रखें कि किसी भी आयुर्वेदिक औषधि का उपयोग खुद से न शुरू करें, बल्कि किसी योग्य चिकित्सक से सलाह लेकर, उचित मात्रा में इसका सेवन करने से ही आपको लाभ मिलेगा।

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  • Oct 27, 2025 14:46 IST

    Published By : Anurag Gupta

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